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भारत, इंटरकॉन्टिनेंटल कप के बीच खड़ा लेबनान

हीरो इंटरकॉन्टिनेंटल कप खिताब हासिल करने के लक्ष्य के साथ भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम रविवार को यहां कलिंगा स्टेडियम पर फाइनल में लेबनान का सामना करेगी।

News Agency

भुवनेश्वर। हीरो इंटरकॉन्टिनेंटल कप खिताब हासिल करने के लक्ष्य के साथ भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम रविवार को यहां कलिंगा स्टेडियम पर फाइनल में लेबनान का सामना करेगी।भारत ने 2018 में मुंबई में केन्या को 2-0 से हराकर पहला टूर्नामेंट जीता था। भारतीय टीम हालांकि 2019 में अहमदाबाद में आयोजित पिछले संस्करण में अंतिम स्थान पर रही, जिसे डीपीआर कोरिया ने जीता था। चार साल बाद आयोजित हो रहे टूर्नामेंट में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया है। विपक्षी टीमें अब तक भारत के खिलाफ एक भी गोल नहीं कर सकी हैं। अब खिताब से एक कदम दूर भारत को बस लेबनान की चुनौती को पार करना है।

यह जीत हालांकि भारत के लिये आसान नहीं होगी। फीफा रैंकिंग में भारत (101) और लेबनान (99) के बीच ज्यादा अंतर नहीं है। लीग चरण में मंगोलिया (2-0) और वानुअति (1-0) को हराने के बाद भारत ने लेबनान के साथ गोलरहित ड्रॉ भी खेला था, जो दिखाता है कि भारत के लिये फाइनल जीतना आसान नहीं होगा। कोच स्टिमैक ने पिछले मुकाबले पर कहा, "यह एक अच्छी जीत हो सकती थी। ऐसा नहीं हुआ, लेकिन हमें इसी रास्ते पर जाने की जरूरत है। महत्वपूर्ण रूप से, हम एक टीम के रूप में काफी ठोस हैं। गोल जरूर आयेंगे।” उन्होंने कहा, "अगर हम मौके नहीं बना रहे होते तो मुझे चिंता होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। हमारे खिलाड़ी बहुत विश्वास के साथ खेल रहे हैं, और हमें उनका समर्थन करते रहने की आवश्यकता है ताकि वे आगे बढ़ते रहें।"

तीन दिन पहले ही लेबनान का सामना करने के बाद स्टिमैक फाइनल में कड़ी चुनौती मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम मैच जीतने के इरादे से पहले ही मिनट से मैदान पर उतरेंगे। हम पीछे बैठकर इंतजार नहीं करने जा रहे हैं। यह गुरुवार से अलग मैच होगा।" क्रोएशियाई ने एलेक्जेंडर इलिच की लेबनान टीम के बारे में भी अपना आकलन दिया। उन्होंने कहा, “लेबनान में 4-5 खिलाड़ी हैं जिनके पास विदेश में खेलने का अच्छा अनुभव है। वे अच्छे पासिंग के साथ एक बहुत ही तकनीकी टीम हैं। एक इकाई के रूप में हमने पिछले मैच में अच्छा प्रदर्शन किया था और कल फिर से ऐसा करने की जरूरत है। ये खिलाड़ी अपनी व्यक्तिगत गुणवत्ता से हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए हम उन्हें अपने गोल के करीब नहीं आने दे सकते।"

भारत में अपने महीने भर के दौरे पर लेबनान सैफ चैंपियनशिप में भी भाग लेगी। एलेक्जेंडर इलिच की टीम ने पिछली बार 1964 में त्रिपोली फेयर टूर्नामेंट में एक अंतरराष्ट्रीय ट्रॉफी जीती थी। इलिच को उम्मीद है कि लेबनान यहां भारत में ही इस लंबे इंतजार को खत्म कर सकेगी।इलिच ने कहा, "हमारी टीम में अधिकांश युवा हैं और उनके पास सीनियर स्तर पर बहुत अधिक अंतरराष्ट्रीय अनुभव नहीं है, इसलिए फाइनल में जगह बनाने के लिए मुझे अपने खिलाड़ियों पर वास्तव में गर्व है। हम लेबनान के लिये इतिहास रचना चाहते हैं क्योंकि हम 59 साल बाद फाइनल मैच खेलने जा रहे हैं।"

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