मुम्बई। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में 0-2 से पिछड़ने के बाद भारत ने 2-2 से बराबरी की और फिर अंतिम मुकाबला बारिश के कारण धुल गया। चार महीने बाद खेले जाने वाले टी20 विश्व कप से पहले इस सीरीज में भारत का ध्यान नतीजों से ज्यादा विश्व कप की तैयारियों पर था।
कार्तिक का कमाल जारी रहा :
आईपीएल सीजन में धूम मचाने के बाद दिनेश कार्तिक को भारतीय टीम में चुना गया। यह एक स्पष्ट भूमिका थी अंतिम पांच ओवरों में जमकर बरसने की। सवाल यह था कि क्या वह आईपीएल में किए कारनामों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जारी रख पाएंगे। भारत ने उनका इस्तेमाल पारी के अंतिम क्षणों में ही किया। कटक में खेले गए दूसरे मैच में उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए अक्षर पटेल को उनसे आगे भेजा। कार्तिक ने निराश नहीं किया और मुश्किल पिच पर धीमी शुरुआत के बावजूद 21 गेंदों पर नाबाद 30 रन बनाए। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन राजकोट में खेले गए चौथे मैच में आया जहां उन्होंने 27 गेंदों पर 55 रन बनाकर भारत को मैच जिताऊ स्कोर तक पहुंचाया। इस सीरीज में 158.62 का उनका स्ट्राइक दूसरा सर्वश्रेष्ठ था। विश्व कप में अब भी थोड़ा समय है, लेकिन कार्तिक के शानदार प्रदर्शन का अर्थ यह है कि राहुल द्रविड़ का समर्थन होने के बावजूद एकादश में ऋषभ पंत के स्थान पर खतरा मंडरा रहा है।
नई गेंद के साथ भुवी ने दिखाई अपनी क्लास :
जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में भुवनेश्वर कुमार ने भारतीय पेस आक्रमण का नेतृत्व किया और प्लेयर ऑफ द सीरीज बने। उन्होंने नई गेंद को दोनों तरफ स्विंग करवाते हुए बल्लेबाजों को शांत रखा। पहले मैच में महंगे साबित होने के बाद उन्होंने बाकी बचे मैचों में छह से भी कम के दर से गेंदबाजी की। उन्होंने 6.07 की इकॉनमी के साथ इस सीरीज में संयुक्त रूप से सर्वाधिक छह विकेट झटके। दक्षिण अफ्रीका के कोच मार्क बाउचर ने अंतिम टी20 के बाद कहा था, भुवी इस सीरीज में अद्भुत थे और उन्होंने पावरप्ले में हम पर दबाव बनाया। टी20 विश्व कप के लिए 18 से 20 खिलाड़ियों का समूह तैयार कर रही भारतीय टीम में भुवनेश्वर ने बुमराह और हर्षल पटेल के बाद तीसरे तेज गेंदबाज के स्थान के लिए अपनी दावेदारी को और मजबूत किया है।
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