हाइलाइट्स :
आईओसी सत्र 2023।
अभिनव बिंद्रा, नीरज चोपड़ा और पीवी सिंधु का मानना है कि आईओसी सत्र की खेल पदक बढ़ने में मदद मिलेंगी।
आईओसी सत्र 15 से 17 अक्टूबर 2023 तक मुंबई में।
1983 में नई दिल्ली ने पहली बार आईओसी सत्र की मेज़बानी की थी।
मुंबई। ओलंपिक और एशियाई खेलों में पदक जीतने वाले भारतीय खिलाड़ी अभिनव बिंद्रा, नीरज चोपड़ा और पीवी सिंधु का मानना है कि प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले आईओसी सत्र की खेल की दुनिया में अलग ही अहमियत है और इससे पदक बढ़ने में मदद मिलेंगी। ओलंपिक से जुड़े फैसले लेने के लिए आईओसी सत्र को सबसे अहम माना जाता है। इस वर्ष, 141वां आईओसी सत्र 15 से 17 अक्टूबर तक मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित किया जाएगा। भारत इसकी मेज़बानी सिर्फ दूसरी बार करने जा रहा है। इससे पहले साल 1983 में नई दिल्ली ने पहली बार आईओसी सत्र की मेज़बानी की थी।
बीजिंग 2008 में भारत के लिए पहला व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पूर्व निशानेबाज अभिनव बिंद्रा का मानना है कि आईओसी सत्र भारत के युवाओं को ओलंपिक मूवमेंट को काफी नज़दीक से समझने में मदद कर सकता है। आईओसी एथलीट आयोग के सदस्य बिंद्रा ने ओलंपिक डॉट कॉम को बताया, “हमारे जनसांख्यिकीय और हमारे युवाओं के साथ भारत में बहुत संभावनाएं हैं। ओलंपिक मूवमेंट वास्तव में भारत के युवाओं को न सिर्फ चैंपियन बनाने के लिए प्रेरित कर सकता है, बल्कि मुझे लगता है कि ओलंपिकवाद हमारे युवा समाज को एक नई दिशा देने में भी सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।” मुंबई में आईओसी सत्र के दौरान ओलंपिक से जुड़े कई अहम फ़ैसले लिए जाएंगे जिसमें भविष्य के ओलंपिक खेलों से संबंधित निर्णय, खेलों को शामिल करना और बाहर करना शामिल हैं।
वहीं, भाला फेंक के मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन नीरज चोपड़ा ने कहा कि यह भारत के लिए आईओसी प्रतिनिधिमंडल के सामने अपनी क्षमता प्रदर्शित करने का एक शानदार अवसर होगा। उन्होंने कहा, “आईओसी का भारत आना हमें निकट भविष्य में ओलंपिक की मेज़बानी के लिए अपनी तैयारी दिखाने का अच्छा अवसर प्रदान करता है। भारत को एक बार ओलंपिक की मेज़बानी करते देखना मेरा सपना है क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।”
दो बार की ओलंपिक पदक विजेता भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने कहा कि ऐसी मीटिंग होना स्थानीय एथलीटों के लिए एक बहुत बड़ा प्रोत्साहन है। उन्होंने कहा, “भारत में इस तरह की मीटिंग होना और लोगों का खेल के बारे में बात करना हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। भारत मल्टी-स्पोर्ट्स इवेंट्स में पदकों के मामले में क़दम आगे बढ़ा रहा है और ख़ास तौर से हमारी आबादी के साथ, इस तरह की पहल से पदकों की संख्या बढ़ने में मदद मिलेगी।”
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