लुसाने। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में मुख्य कार्यकारी अधिकारी/महासचिव की नियुक्ति में देरी को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए चिंता व्यक्त की और कहा कि वह इस मुद्दे पर लगातार नजर रखे हुए है। आईओसी ने बुधवार को कार्यकारी समिति की बैठक के बाद एक बयान जारी किया, जिसमें आईओए से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) से जुड़ी समस्या का समाधान निकालने के लिये भी कहा गया है।आईओए ने एक बयान में कहा, “भारत की एनओसी (राष्ट्रीय ओलंपिक समिति) को कई मौकों पर एनओसी संविधान के अनुसार बिना किसी देरी के नये सीईओ/महासचिव की नियुक्ति पूरी करने का निर्देश दिया गया है, ताकि एनओसी के भीतर स्थिति को सामान्य किया जा सके।”
बयान में कहा गया, “दुर्भाग्य से एनओसी ने अभी तक इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है। आईओसी इस मुद्दे की निगरानी जारी रखे हुए है।” आईओसी ने आईओए से डब्ल्यूएफआई को प्रभावित करने वाले मुद्दों के समाधान के लिये अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघ, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) के साथ समन्वय करने के लिये भी कहा है। उल्लेखनीय है कि ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और एशियाई खेलों की चैंपियन विनेश फोगाट सहित भारत के शीर्ष पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पिछले महीने नयी दिल्ली में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था। दिल्ली पुलिस ने 29 मई को पहलवानों को हिरासत में लेकर प्रदर्शन समाप्त किया था, जिसके बाद यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने भारतीय कुश्ती की स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी।
आंदोलनरत पहलवानों का आरोप है कि बृजभूषण ने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किया है। आईओसी ने कहा, “भारत के एनओसी से अनुरोध किया गया है कि वह भारतीय खेल महासंघों को प्रभावित करने वाले कई मौजूदा मुद्दों को समन्वित तरीके से और संबंधित अंतरराष्ट्रीय महासंघों के नियमों और निर्देशों के अनुसार संबोधित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय महासंघों के साथ मिलकर काम करे। इसमें विशेष रूप से भारत में कुश्ती महासंघ की स्थिति शामिल है।”
आईओसी ने इस साल मार्च में भी सीईओ नियुक्त करने में आईओए की ओर से देरी की ओर इशारा किया था। आईओसी द्वारा मान्यता प्राप्त नये संविधान के अनुसार, आईओए को नयी कार्यकारी परिषद का कार्यभार संभालने के एक महीने के भीतर एक सीईओ नियुक्त करना था जो पूर्व महासचिव के कार्यों को पूरा करेगा। पूर्व धाविका पीटी उषा की अध्यक्षता वाली आईओए परिषद ने 10 दिसंबर को कार्यभार संभाला था, लेकिन सात महीने से अधिक समय होने के बाद भी सीईओ की नियुक्ति नहीं की गयी है।
सुश्री उषा ने मार्च में कहा था कि आईओए ने सीईओ की नियुक्ति के लिये मानदंड तय किये थे, लेकिन केवल एक आवेदक को इस पद के लिये योग्य पाया गया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें और आवेदनों की जरूरत है और आईओए इस पद के लिये दोबारा विज्ञापन देगा। फिलहाल आईओए महासचिव कल्याण चौबे सीईओ के कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं। सीईओ के पद के लिये पात्रता मानदंडों में से एक यह है कि उम्मीदवार को ‘कम से कम 25 करोड़ रुपये के वार्षिक कारोबार वाली कंपनी/इकाई के सीईओ के रूप में कम से कम 10 साल का अनुभव होना चाहिए।’
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