Shubman Gill or Michael Bracewell Syed Dabeer Hussain - RE
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IND vs NZ ODI: ब्रेसवेल का तूफानी शतक या गिल का ऐतिहासिक दोहरा शतक, कौनसी पारी सबसे शानदार?

IND vs NZ: दो ऐसी पारियां जो अपनी-अपनी टीमों के लिए काफी जरूरी थी। लेकिन इन दोनो में से वो कौनसी ऐसी पारी थी जिसने मैच में जान फूंक दी?

Akash Dewani

राज एक्सप्रेस। कल हैदराबाद में हुए भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेले गए वनडे श्रृंखला के पहले मैच के दौरान क्रिकेट प्रेमियों ने दो बल्लेबाजों द्वारा ऐसी बल्लेबाज़ी की प्रदर्शन देखा जो एक समय में ऐतिहासिक और जाबाज़ से भरपूर थी। शुभमन गिल ने वनडे फॉर्मेट में भारतीय ओपनर्स के रिवाज़ को कायम रखते हुए दोहरा शतक ठोका, शुभमन ने यह कारनामा महज़ 23 साल की उम्र में किया। शुभमन गिल के दोहरे शतक की बदौलत भारत ने न्यूजीलैंड को 350 रनों का टारगेट दिया था, जिसके जवाब में न्यूजीलैंड ने महज़ 131 रनों के मामूली स्कोर पर 6 विकेट खो दिए थे। ऐसे कठिन समय में माइकल ब्रेसवेल ने टीम की जिम्मेदारी को अपने ऊपर लेते हुए हुए मैच का रुख ही बदल दिया।

न्यूजीलैंड के माइकल ब्रेसवेल ने 7 नंबर पर आकर एक ऐसी जाबाज़ पारी खेली जिसने भारतीय प्रशंसकों के दिल की धड़कने बढ़ा दी थी। ब्रेसवेल ने महज़ 78 गेंदों में 140 रन मारे और मिचल सेंटनर के साथ आठवें विकेट के लिए 162 रनों की साझेदारी की।

इस मैच की यह दो ऐसी पारियां थी जो अपनी-अपनी टीमों के लिए काफी जरूरी थी,लेकिन इन दोनो में से वो कौनसी ऐसी पारी थी जिसने मैच में जान फूंक दी?

शुभमन गिल का ऐतिहासिक दोहरा शतक :

शुभमन गिल को भारत का उभरता हुआ सितारा माना जा रहा है। शुभमन गिल को अभी से ही विराट कोहली के स्तर का खिलाड़ी माना जा रहा है और उन्होंने कहीं न कहीं इस बात को सही साबित भी कर दिया हैं। कल के मैच में शुभमन का दोहरा शतक ऐसे समय में आया था जब एक तरफ से लगातार विकेट गिरते जा रहे थे। शुभमन गिल की इस पारी का महत्व इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके 208 के रन के बाद दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर भारत की तरफ से सिर्फ रोहित शर्मा के 34 रन थे। शुभमन के दोहरे शतक के बावजूद भी भारत 349 रन ही मार पाया था। इस दोहरे शतक के बाद शुभमन गिल ने कई रिकॉर्ड की झड़ी लगाई और कई रिकॉर्ड को तोड़ा भी।

शुभमन ने तोड़े कई रिकार्ड्स :

शुभमन भारत की तरफ से पांचवें और ओवरऑल आठवें बल्लेबाज बने जिसने वनडे फॉर्मेट में दोहरा शतक मारा है। इस दोहरे शतक के साथ वो भारत के लिए वनडे फॉर्मेट में सबसे तेज़ 1000 रन पूरे करने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। वह दोहरा शतक मारने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बन गए हैं। इतनी कम उम्र में शुभमन ने अपने करियर में बहुत सी ऐसी पारी खेली है जिसमे उन्होंने भारत को जीत दिलाई है। ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक गाबा टेस्ट सभी को याद ही होगा जहां ऋषभ पंत और पुजारा के साथ शुभमन गिल ने 91 रन की शानदार पारी खेली थी। शुभमन जिस तेजी से आगे बढ़ रहे है वो सच में कबलि-ए-तारीफ है और इसीलिए उन्हें क्रिकेट प्रेमी विराट कोहली का उत्तराधिकारी मान रहे हैं।

शुभमन गिल

शर्मनाक हार के मुंह से अपनी टीम को बाहर निकाल, मारे तूफानी 140 रन :

माइकल ब्रेसवेल का अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में आगाज़ उस उम्र में हुआ जिस उम्र में बाकी क्रिकेटर्स अपने करियर की ऊंचाई पर होते है या अपना करियर खत्म कर चुके होते हैं। 31 साल की उम्र में पिछले साल ही उन्होंने वनडे फॉर्मेट में डेब्यू किया। उन्होंने अब तक महज 17 वनडे मैच खेले है, जिसमे उन्होंने दो ऐसी आश्चर्यजनक पारियां दिखाई है जो शायद बड़े से बड़ा बल्लेबाज अपने पूरे करियर में नहीं कर पाता हैं।

माइकल ब्रेसवेल बड़े मैचों में न्यूजीलैंड के तारणहार :

उन्होंने ऐसे समय में दो बार शतक मारा है जिसकी कल्पना हम शायद सिर्फ कंप्यूटर गेम में करते है। उन्होंने पिछले साल आयरलैंड के खिलाफ 127 रन मारकर न्यूजीलैंड को जीत दिलाई थी। आयरलैंड ने न्यूजीलैंड को 301 रन का लक्ष्य दिया था, जिसमे 120 रन पर न्यूजीलैंड के 5 विकेट गिर चुके थे, वहां पर पहली बार माइकल ब्रेसवेल का जलवा दिखा था,उन्होंने महज 82 गेंदों में 127 मारकर न्यूजीलैंड को जीत दिलाई थी। लेकिन कल जो उन्होंने पारी खेली है वह उस परिस्थिति में नहीं आई थी, यह मैच भारत में था और भारत के गेंदबाज आग उगल रहे थे। भारत ने न्यूजीलैंड के 131 रनों पर 6 विकेट गिराकर मैच को लगभग अपने पक्ष में कर लिया था, लेकिन ऐसा कहा जाता है ना कि क्रिकेट अनिश्चिताओं का खेल है।

माइकल ब्रेसवेल ने मैदान में आते साथ ही अपने तेवर को स्पष्ट कर दिया था 6 विकेट खो देने के बाद भी उन्होंने आक्रामकता दिखाई और जो भारतीय बॉलर्स 28 ओवरों तक आग उगल रहे थे, उन्हें बहुत बुरी तरह से धोया। 12 चौको और 10 छक्कों की मदद से उन्होंने महज 70 गेंदों में 140 रनों की पारी खेली और एक शर्मनाक हार से न्यूजीलैंड को जीत की दहलीज तक ले आए, लेकिन आखरी ओवर में 20 रन की जरूरत होने के कारण शॉट मारते हुए वह आउट हो गए और न्यूजीलैंड मैच हार गया।

हारने के बावजूद जो पारी ब्रेसवेल ने भारत में आकर, भारत की घातक गेंदबाजी और मौलिक परिस्थितियों के विपरीत स्तिथि और पिच कंडीशन में खेली उसने सही मायनो में मैच का समा बांध दिया था। सिर्फ 17 मैचों में दो बार यह कारनामा करना आसान बात नहीं है कि जब आपकी टीम हार की कगार पर खड़ी हो और आपके साथ सिर्फ पुछल्ले बल्लेबाज बचे हो और आप तेजी से खेलते हुए गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए शतक मार जाएं।

माइकल ब्रेसवेल

किसकी पारी सबसे शानदार ?

मैच खत्म होने के बाद दोनो ही खिलाड़ी आपस में बात करते हुए नज़र आए और दोनो ने एक दूसरे की पारी को सराहा। दोनो ने एक साथ एक तस्वीर भी खिंचवाई। देखा जाए तो सही मायनो में कल का मैच सिर्फ इन्हीं दो पारियों की बदौलत ही जाना जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ज़हन में यह आता है कि इन दोनो पारियों में से सबसे शानदार पारी किसकी थी? और कौन था जिसने अपनी पारी से मैच में जान फूंकी? इन दोनो प्रश्नों के उत्तर देना काफी मुश्किल है लेकिन माइकल ब्रेसवेल की पारी ने सच में एक मृत मैच में जान फूंक दी थी। उनकी बैटिंग में दहशत दिखाई दे रही थी लेकिन शानदार पारी शुभमन गिल की भी थी जिसने अपनी टीम के लगभग 60% रन मारे है।

दोनो ने ही अपनी पारी से सबका दिल जीता लेकिन ब्रेसवेल की पारी शायद शुभमन से एक कदम आगे है क्योंकि उन्होंने पुछल्ले बल्लेबाज के साथ मृत मैच में अपनी तूफानी बैटिंग से जान फूंक दी थी वो भी भारत की पिच और भारतीय गेंदबाजों के सामने।

मैच के दोनों बल्लेबाज

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