बेंगलुरु। भारत के मुख्य कोच इगोर स्टिमाच ने सैफ चैंपियनशिप के पहले मैच में पाकिस्तान पर टीम की 4-0 की जीत के दौरान अपने बर्ताव का बचाव करते हुए गुरुवार को कहा कि अपने खिलाड़ियों को अनुचित निर्णयों से बचाने के लिये जरूरत पड़ी तो वह फिर ऐसा करेंगे। उल्लेखनीय है कि श्री कांतीरावा स्टेडियम में खेल में जानबूझकर बाधा डालने के लिये स्टिमाच को रेड कार्ड दिखाया गया।
स्टिमाच ने ट्वीट किया, “फुटबॉल पूरी तरह से जुनून पर आधारित है, खासकर जब आप अपने देश के रंगों की खातिर लड़ते हैं। आप कल की मेरी हरकतों के लिये मुझसे नफरत या प्यार कर सकते हैं, लेकिन मैं एक योद्धा हूं और जरूरत पड़ने पर अनुचित फैसलों के खिलाफ पिच पर अपने लड़कों की रक्षा करने के लिये मैं ऐसा फिर से करूंगा।”
भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले का पहला हाफ बारिश के बीच समाप्ति की ओर बढ़ रहा था कि तभी स्टिमाच के अविवेक ने अचानक कार्यवाही को जीवंत बना दिया। जब पाकिस्तान के खिलाड़ी अब्दुल्ला इकबाल लाइन के बाहर आ चुकी गेंद को रेफरी के इशारे पर अंदर फेंकने के लिये तैयार थे तब अनुभवी कोच और खिलाड़ी स्टिमाच ने हस्तक्षेप किया। स्टिमाच ने खिलाड़ी से गेंद वापस खींचने की कोशिश की, जिस पर पाकिस्तान के कोचिंग स्टाफ और खिलाड़ियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
रेफरी प्रज्वल छेत्री और अन्य मैच अधिकारियों को दोनों टीमों के प्रतिनिधियों को अलग करने के लिये हस्तक्षेप करना पड़ा। जैसे ही हाथापाई पर काबू पाया गया, रेफरी छेत्री ने फुटबॉल नियमों के अनुसार, जानबूझकर विपक्षी खिलाड़ी की हरकतों में बाधा डालने के लिये स्टिमाच को रेड कार्ड दिखाया। साथ ही पाकिस्तान के कोच शहज़ाद अनवर को भी येलो कार्ड दिखाया गया।
स्टिमाच शेष मैच के लिये साइडलाइन पर खड़े नहीं हो सके, जबकि भारत के पूर्व डिफेंडर महेश गवली टचलाइन पर भारतीय टीम को निर्देश देते नज़र आये। इस प्रकरण में अनावश्यक रूप से हस्तक्षेप करने के लिये भारत और पाकिस्तान के कुछ खिलाड़ियों को भी येलो कार्ड दिखाया गया।
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