दुबई। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने शुक्रवार को सर गारफील्ड सोबर्स ट्रॉफी-आईसीसी पुरुष क्रिकेटर ऑफ द ईयर के लिए नामित खिलाड़ियों की घोषणा की, जिसमें दो पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने जगह बनाई है। पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शाहीन आफरीदी और विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान के अलावा इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान जो रूट और न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन को 2021 में उनकी शानदार उपलब्धियों के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है।
युवा आफरीदी ने इस वर्ष 36 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 22.20 के औसत से 78 विकेट लिए हैं, जिसमें 51 रन पर छह विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आईसीसी टी-20 विश्व कप के दौरान उन्होंने अलग ही स्तर पर गेंदबाजी की और अपनी गति और कौशल से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने सेमीफाइनल में पहुंचने तक पाकिस्तान के लिए छह मैचों में सात विकेट झटके।
वहीं विकेटकीपर बल्लेबाज रिजवान ने इस कैलेंडर वर्ष में 44 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 56.32 के औसत से दो शतकों के साथ कुल 1,915 रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने स्टंप्स के पीछे 56 बार खिलाड़ियों को आउट किया। टी-20 प्रारूप में रिजवान ने केवल 29 मैचों में 73.66 के औसत और 134.89 के स्ट्राइक रेट से 1326 रन बनाए हैं। बल्ले के साथ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के अलावा वह स्टंप्स के पीछे शानदार रहे। उन्होंने टी-20 विश्व कप के दौरान पाकिस्तान के सेमीफाइनल में पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान रूट ने 2021 में 18 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 58.37 के औसत से 1855 रन बनाए हैं, जिसमें उनके नाम छह शतक हैं। अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहने के बावजूद रूट पहले तीन एशेज टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंग्लैंड के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे। उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने में मदद की, हालांकि उनकी जगह अब ऑस्ट्रेलिया ओपनर मार्नस लाबुशेन ने ले ली है।
इसके अलावा कीवी बल्लेबाज विलियम्सन ने 2021 में 16 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 43.31 के औसत से एक शतक के साथ 693 रन बनाए। उनके प्रभावशाली नेतृत्व ने न्यूजीलैंड को इस वर्ष के दौरान अधिक ऊंचाइयों पर पहुंचाने में मदद की। विलियम्सन ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2021 (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में बल्ले से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें उन्होंने पहली पारी 49 और बाद में दूसरी पारी में 139 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए नाबाद 52 रन बनाकर टीम को गदा दिलाई। उनके सामरिक दिमाग ने न्यूजीलैंड को टी-20 विश्व कप के फाइनल में पहुंचने में भी मदद की, जहां उन्होंने 43 गेंदों में 85 रन बनाए, लेकिन उनकी यह पारी टीम को जीत नहीं दिला सकी।
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