सिडनी। भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने खेल भावना से जुड़ी बहस को किनारे करते हुए कहा कि अगर वह भी गेंद फेंके जाने से पहले क्रीज से बाहर निकलते हैं तो उन्हें भी रनआउट किया जाना चाहिये। भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई महिला एकदिवसीय सीरीज के बाद से नॉन-स्ट्राइकर को रनआउट करने की बहस ने जोर पकड़ लिया है। तीसरे एकदिवसीय मैच में जब इंग्लैंड 170 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 153/9 के स्कोर पर खेल रही थी, तब भारतीय हरफनमौला दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड की बल्लेबाज चार्ली डीन को नॉन-स्ट्राइकर छोर पर रनआउट कर दिया था। इस रनआउट के कारण इंग्लैंड 16 रन से मैच हार गई थी।
हार्दिक ने आईसीसी रिव्यू पॉडकास्ट पर कहा, हमें इसका बतंगड़ बनाना बंद करना होगा। यह एक नियम है। मैं खेल भावना की परवाह नहीं करता। अगर आप चाहते हैं तो यह नियम हटा दें। उन्होंने कहा, मुझे व्यक्तिगत रूप से इससे कोई परेशानी नहीं है। अगर मैं क्रीज से बाहर निकलता हूं और कोई मुझे रनआउट कर दे तो यह गलत नहीं होगा। यह मेरी गलती होगी, न की गेंदबाज की। सीधी सी बात है, वह अपने हित में नियमों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह कोई बड़ी बात नहीं है।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के नियम तय करने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने मार्च 2022 में नॉन-स्ट्राइकर को रनआउट आउट करने वाले नियम को अनुचित खेल से हटाकर रनआउट की श्रेणी में डाल दिया था। भारत के अनुभवी ऑफ-स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी लंबे समय से नॉन-स्ट्राइकर को क्रीज छोड़ने पर रनआउट करने के समर्थक रहे हैं। उन्होंने 2019 में पंजाब किंग्स की ओर से खेलते हुए इंडियन प्रीमियर लीग के एक मैच के दौरान राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज जॉस बटलर को इसी तरह आउट किया था।
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