मुंबई। दिग्गज भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने शुक्रवार को क्रिकेट से संन्यास ले लिया। उन्होंने दोपहर को अपने यू ट्यूब चैनल 'हरभजन टर्बनेटर सिंह' पर संन्यास की घोषणा की और ट्विटर पर इसकी जानकारी दी।
उन्होंने अपने चैनल पर एक वीडियो संदेश में कहा, ''मैं आज क्रिकेट के हर प्रारूप (वनडे, टेस्ट, टी-20) से संन्यास ले रहा हूं। जालंधर की तंग गलियों से भारतीय टीम तक का मेरा 23 साल का सफर बहुत खूबसूरत रहा है। जब भी मैं इंडिया की जर्सी पहन कर मैदान में उतरा हूं, शायद मेरी जिंदगी में इससे बड़ी प्रेरणा कोई और नहीं थी, लेकिन कभी न कभी एक मुकाम आता है जब आपको जीवन में कठिन फैसले लेने होते हैं और जिंदगी में आगे बढ़ना होता है। मैं पिछले कुछ सालों से यह घोषणा करना चाह रहा था और इस बात का इंतजार कर रहा था कि मैं आप सभी के साथ इस पल को कब साझा करूंगा।"
पूर्व स्पिनर ने कहा, ''जहनी तौर पर मैं हालांकि पहले ही संन्यास ले चुका था, लेकिन घोषणा नहीं कर पाया। वैसे भी पिछले कुछ वक्त से मैं प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेल रहा था, लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के साथ कमिटमेंट की वजह से मैं चाहता था कि मैं आईपीएल 2021 सीजन में रहूं, लेकिन सीजन के दौरान ही मैंने संन्यास लेने का मन बना लिया था। वैसे हर क्रिकेटर की तरह मैं भी टीम की इंडिया जर्सी में क्रिकेट को अलविदा कहना चाहता था, लेकिन तकदीर को कुछ और मंजूर था।"
हरभजन ने कहा, ''क्रिकेट करियर की बात करूं तो सबसे पहली खुशी मुझे तब मिली जब मैंने कोलकाता में हैट्रिक ली थी और मैं पहला भारतीय गेंदबाज बना, जिसने टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक ली। साथ ही साथ इस सीरीज में मैंने तीन मैचों में 32 विकेट लिए। यह रिकॉर्ड अब तक बरकरार है। इसके बाद 2007 में पहला टी-20 विश्व कप और 2011 का वनडे विश्व कप मेरे लिए सबसे अहम और खास थे। ये ऐसे यादगार लम्हें थे जिन्हें शायद मैं जिंदगी भर भुला नहीं पाऊंगा। मैं इसे शब्दों में भी बयान नहीं कर पाऊंगा कि यह मेरे लिए कितनी बड़ी खुशी थी। इस सफर में मुझे कई ऐसे लोगों का साथ मिला जो दुनिया में बहुत ही कम लोगों को नसीब होता है, जिसमें से कुछ मेरे दोस्त बने और कुछ परिवार का हिस्सा। अंडर-14 से इंडिया सीनियर और आईपीएल में अपने सभी साथी और विरोधी खिलाड़ियों का शुक्रिया करता हूं, जिन्होंने जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।"
उल्लेखनीय है कि हरभजन ने 367 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कुल 711 लिए हैं। 103 टेस्ट मैचों में उनके नाम 417, 236 वनडे मैचों में 269 और 28 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 25 विकेट हैं। उन्होंने 163 आईपीएल मैच भी खेले हैं, जिसमें उन्होंने 150 विकेट लिए हैं।
हरभजन ने कहा, ''मैं जिस टीम के लिए भी खेला हूं मेरा 100 फीसदी कमिटमेंट रहा है कि मेरी टीम टॉप पर रहे। चाहे वह भारतीय टीम हो, पंजाब, मुंबई इंडियंस, सीएसके, केकेआर, सरे या एसेक्स काउंटी। मैं जिंदगी में इतना सब कुछ कर पाया, इसके पीछे मेरे गुरु जी संत हरचरन सिंह जी का आशीर्वाद है। उन्होंने मेरी जिंदगी को एक दिशा दी है और उनकी हर एक सीख मेरी जिंदगी को आगे बढ़ाती रहेगी। मेरे पिता सरदार सरदेव सिंह प्लाहा और मेरी मां अवतार कौर प्लाहा ने मेरे सपनों को पूरा करने के लिए बहुत संघर्ष किया है। उनकी मेहनत के कारण भगवान ने मुझे इस काबिल बनाया कि मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल पाया। अब मेरे पास मेरे परिवार के लिए बहुत समय है। अब मैं किसी को शिकायत का मौका नहीं दूंगा। मुझे खुशी है कि मैं अपने बच्चों को पूरा समय दे पाऊंगा।"
पूर्व भारतीय स्पिनर ने कहा, ''मैं बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह और सभी अधिकारियों का भी धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने खिलाड़ियों के आगे बढ़ने की परंपरा को बहुत मजबूत किया है। साथ ही साथ ही मैं अपने पंजाब क्रिकेट संघ का भी धन्यवाद करता हूं। क्रिकेट मेरी जिंदगी का अहम हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। मैंने बहुत अरसे तक भारतीय क्रिकेट की सेवा की है और आगे भी कोशिश करूंगा कि यह सेवा जारी रखूं। मुझे नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा, लेकिन अगर मैं किसी भी भूमिका में भारतीय क्रिकेट के किसी भी काम आ सकूं तो मुझे बेहद खुशी होगी।"
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