स्पोर्ट्स चैनल में दिये बयान पर गावस्कर ने पूछे सवाल। Social Media
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क्रिकेट-कबड्डी: हुसैन ने की पूर्व भारतीय कप्तान की तारीफ, भड़के सनी

"कभी भारतीय टीम में 1-2 गधे खिलाड़ी होने की बात कहने वाले भूतपूर्व विदेशी कप्तान के ताजा कमेंट पर गावस्कर ने कुछ आक्रामक सवाल किये हैं।"

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स

ताजा कमेंट पर गरजे लिटिल मास्टर

कभी कहा था- टीम में 1-2 गधे भी हैं!

हुसैन के बहाने गांगुली पर साधा निशाना!

क्रिक इतिहास पर दिया था हुसैन ने बयान

राज एक्सप्रेस। भारत और इंग्लैंड क्रिकेट के दो दिग्गज भूतपूर्व कप्तानों के बीच एक भूतपूर्व भारतीय कप्तान को लेकर वैचारिक जंग छिड़ी है। कभी भारतीय टीम में 1-2 गधे खिलाड़ी होने की बात कहने वाले विदेशी कप्तान के ताजा कमेंट पर गावस्कर ने कुछ आक्रामक सवाल किये हैं।

हुसैन के आंकलन से गावस्कर की राय जुदा है।

हुसैन को जबाव –

दरअसल भारतीय मूल के इंग्लैंड टीम के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने एक टेलिविजन कार्यक्रम में गांगुली को आक्रामक खिलाड़ी और कप्तान कहा था। जुबानी जंग की क्रिकेट पिच पर रायशुमारी की इस कबड्डी में अब पूर्व भारतीय कप्तान और सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी क्रीज संभाल ली है।

इन नामों का हवाला –

नासिर के कथन के जबाव में गावस्कर ने प्रति प्रश्न किया है कि ऐसे में क्या सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और द्रविड़ को कहीं कमतर तो नहीं आंका जा रहा? क्या वे कमजोर थे और विरोधी टीम को गुड मॉर्निंग कहकर छोड़ देते थे? हालांकि लिटिल मास्टर ने गांगुली को श्रेष्ठ कप्तान तो माना लेकिन भारतीय टीम के आंकलन के तरीके पर कई तीखे सवाल भी किये।

आंकलन पर भड़के –

दरअसल इंग्लिश कैप्टन नासिर हुसैन ने स्पोर्ट्स चैनल स्टार स्पोर्ट्स के एक कार्यक्रम 'क्रिकेट कनेक्टेड' में मुद्दे पर राय रखी थी। उन्होंने कहा था कि सौरव गांगुली के भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनने से पहले तक भारतीय टीम बेहतर तो थी, लेकिन टीम में लड़ने का जज्बा गांगुली ने भरा।

हुसैन ने शो में कहा था कि सौरव गांगुली के कप्तान बनने से पहले भारतीय टीम में आक्रामकता का अभाव था। गांगुली के कप्तान बनने के बाद टीम इंडिया ने विदेशी पिचों पर भी जीत का डंका बजाया।

भारतीय टीम इतिहास –

गावस्कर ने आक्रामक अंदाज में नासिर हुसैन से सवाल किया है कि वे भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास के बारे में आखिर जानते ही कितना हैं? अपने तीखे व्यंगवादी मारक कमेंट्स के लिए गावस्कर कमेंट्री पैनल में मशहूर हैं।

गावस्कर ने इंग्लिश न्यूज पेपर मिड-डे के कॉलम में हुसैन की खिंचाई करते हुए सवालिया राय रखी है कि जैसे लगता है हुसैन यह कहना चाह रहे थे कि इससे पहले की भारतीय क्रिकेट टीम विरोधियों को गुड मॉर्निंग कहकर छोड़ देती थी!

उन्होंने लगभग नासिर हुसैन की धारणा तक पर सवाल भरे अंदाज में राय दी कि किसी के समक्ष अच्छा रहना यदि कमजोरी है तो यह धारणा ठीक नहीं है। मजबूती दिखाने विरोधियों जैसे आक्रामक व्यवहार के बजाए संयमित अंदाज पर सवाल उठाना ठीक नहीं है।

गांगुली पर निशाना –

गावस्कर ने एक तरह से अपने अगले सवाल में हुसैन के बजाए सौरव गांगुली को टारगेट बनाया लगता है। उनका सवाल है कि “सचिन, द्रविड़ मैदान पर चिल्लाते नहीं थे तो क्या वे कमजोर थे?” उन्होंने सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण और अनिल कुंबले समेत हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ियों के हवाले से सवाल भी किया।

सनी के नाम से मशहूर गावस्कर ने पूछा कि क्या ये क्रिकेटर्स सिर्फ इसलिए मजबूत नहीं थे कि वे चीखने-चिल्लाने के बजाए खेल पर ही ध्यान देते थे? आपस में टकराते नहीं थे। अश्लील इशारे नहीं थे? क्या इसलिए वे कमजोर थे?

इतिहास का हवाला –

गावस्कर ने उल्लेखित किया है कि साल 2000 में गांगुली के कमान संभालने से पहले 70 और 80 के दशक की टीमों के जज्बे के बारे में हुसैन को कितना पता है? उन्होंने हवाला दिया कि भारत ने उस दौर में भी विदेशी धरती पर जीत का परचम लहराया था।

रुकने चाहिए कमेंट्स-

गावस्कर ने क्रिकेट शो में भारतीय क्रिकेट इतिहास के बारे में बरती गई लापरवाही पर भी चिंता जताई। उन्होंने दुःख जताया कि टीवी के लोगों ने उनको कार्यक्रम में क्यों नहीं टोका। भारत के बारे में बनाई जा रही ऐसी धारणा का गावस्कर ने विरोध करने की भी राय दी।

बयानों पर विरोधाभास -

दरअसल नासिर हुसैन ने क्रिकेट शो में गांगुली को आक्रामक कप्तान बताया और टीम में युवराज, हरभजन जैसे हमलावर खिलाड़ियों को टीम की ताकत माना। कहना गलत नहीं होगा गावस्कर इंग्लिश कप्तान की मंशा समझने में जरा चूक कर गए। दरअसल हुसैन स्टाइल की बात कर रहे थे।

गांगुली काल के भारतीय क्रिकेट इतिहास के पहले तक भारतीय क्रिकेट टीम विजेता जरूर थी, लेकिन उससे विपक्ष को हार का ज्यादा डर कभी नहीं लगा। गांगुली की देश-विदेश में कप्तानी सफलता तो यही कहती है।

नासिर हुसैन और इंग्लैंड-भारत –

गौरतलब है भारत के चेन्नई में जन्मे नासिर हुसैन के परिवार ने जब उनकी आयु 7 साल थी तब ही इंग्लैंड की नागरिकता ले ली थी। रिटायरमेंट के बाद बतौर क्रिकेट एक्सपर्ट खेल चैनलों में शामिल होने वाले हुसैन विवादित बेलाग बयानों के लिए भी जाने जाते रहे हैं।

भारतीय टीम में 1-2 गधे भी हैं –

आपको ज्ञात हो कॉमेंट्री के दौरान हुसैन अपने इसी बयान के कारण आलोचनाओं का केंद्र बन चुके हैं। दरअसल भारत-इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में खेले गए T-20 मैच में कॉमेंट्री के दौरान उनका यह कमेंट क्रिकेट फैंस के निशाने पर रहा।

इस मैच में भारत को इंग्लैंड से हार नसीब हुई थी। चर्चा के दौरान उन्होंने भारत के फील्डिंग में दक्ष कुछ युवा क्रिकेटर्स की तो तारीफ की थी लेकिन आगे उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए कहा कि “टीम में 1-2 गधे हैं।” गौरतलब है कि इंडियन क्रिकेट फैंस ने इस मामले में कॉमेंट्री पैनल के साथी सदस्य भारतीय क्रिकेटर रवि शास्त्री के कुछ न कहने पर शास्त्री को आड़े हाथ भी लिया था।

करीम की आपत्ति –

भूतपूर्व विकेट कीपर बल्लेबाज एवं क्रिकेट एक्सपर्ट सबा करीम ने हुसैन की इस राय पर ऐतराज जताया था। उन्होंने इस कमेंट को आपत्तिजनक और अभद्र बताकर असहनीय तक करार दिया। भूतपूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर जहीर अब्बास को भी यह विचार पसंद नहीं आए थे। उन्होंने मुद्दे पर भारतीय क्रिकेट बोर्ड को आईसीसी में कड़ा पत्र शिकायती पत्र तक लिखने की राय दी थी।

भद्रजनों के खेल क्रिकेट में जब से व्यवसायिकता ने एंट्री मारी है तब से भाषा, मर्यादा सब ताक पर हैं। वैचारिक स्वतंत्रता की आड़ में प्रायोजित विवाद पैदा कर प्रायोजक कंपनियों को लाभ पहुंचाने के जारी अंधे खेल में नुकसान सिर्फ क्रिकेट, क्रिकेटर्स और क्रिकेट फैंस का हो रहा है!

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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