नई दिल्ली। फिलहाल विदेशी कोच भी भारतीय फुटबाल की गिरावट को रोक नहीं पाए हैं। फुटबाल जानकार और पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि विदेशी कोच उन खिलाड़ियों को सिखाने पढ़ाने आते हैं जिनकी सीखने की उम्र बहुत पीछे छूट जाती है। लेकिन न्यू एक्स कारपोरेशन हाउस ऑफ स्पोर्ट्स और एएसएनएफसी जर्मनी को लगता है कि यदि खिलाड़ियों को स्कूल स्तर से अत्याधुनिक ट्रेनिंग दी जाए तो भारत में भी अच्छे खिलाड़ी उभर कर आ सकते हैं। न्यू एक्स और एफसी जर्मनी की संयुक्त मेजबानी में एक फुटबाल प्रोमोशन कार्यक्रम का आयोजन 24 फरवरी को तीन बजे अंबेडकर स्टेडियम में किया जा रहा है, जिसमें 13 से 23 साल तक के फुटबॉलर भाग ले सकते हैं।
इंडो जर्मन फुटबाल ट्रेनिंग कार्यक्रम के चेयरमैन वसीम अल्वी के अनुसार तीन जर्मन कोच - डैनी टाबनर, रोबर्ट फ्रैंक और मैटिस गिरहार्ट भारतीय खिलाड़ियों को निशुल्क फुटबाल के गुर सिखाएंगे। उनके अनुसार दोनों संयुक्त मेजबानों के बीच हुए करार के तहत जर्मन कोच समय समय पर भारत आकर खिलाड़ियों को जरूरी टिप्स देंगे। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
अल्वी ने बताया कि दिल्ली के कुछ स्कूलों में इंडो जर्मन फुटबाल अकादमी की शुरुआत होने जा रही है। इस दिशा में कार्य प्रगति पर है। उत्तर भारत के खिलाड़ियों को विशेष रूप से ट्रेनिंग दी जाएगी। इस अवसर पर भारतीय कोचों और रैफरियों के कलीनिक भी आयोजित किए जाएंगे।
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