फीफा विश्वकप 2022 : पाकिस्तान में बनी फुटबॉल Syed Dabeer Hussain - RE
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फीफा विश्वकप 2022 : कतर में खेले जा रहे फुटबॉल विश्वकप में पाकिस्तान का भी है बड़ा योगदान, जानिए कैसे?

कतर में चल रहे विश्वकप में ऑफिशियली एडिडास अल रिहला फुटबॉल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बॉल को पाकिस्तान के सियालकोट में बनाया गया है।

Vishwabandhu Pandey

राज एक्सप्रेस। इस समय कतर में दुनिया के सबसे बड़े खेल आयोजन में से एक फीफा विश्वकप 2022 खेला जा रहा है। टूर्नामेंट का पहला राउंड खत्म हो चुका है और नॉकआउट स्टेज की दौड़ शुरू हो चुकी है। पूरी दुनिया के फुटबॉल प्रेमियों की नजर इस समय इस विश्वकप पर टिकी हुई है। वहीं खिलाड़ी भी फुटबॉल को एक-दूसरे के गोल पोस्ट में करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि फीफा विश्वकप में खिलाड़ी जिस बॉल से खेलते हैं, वह पाकिस्तान में बनती है। इस तरह पाकिस्तान की फुटबॉल भले ही फीफा विश्वकप में नहीं खेल रही हैं, लेकिन इस विश्वकप में उसका भी बड़ा योगदान है।

सियालकोट में बनती है फुटबॉल :

पाकिस्तान का सियालकोट फुटबॉल बनाने के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। कतर में चल रहे विश्वकप में ऑफिशियली एडिडास अल रिहला फुटबॉल का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस बॉल को भी सियालकोट में ही बनाया गया है। इसके अलावा 2014 में ब्राजील और 2018 में रूस में हुए विश्व कप में भी पाकिस्तान में बने गेंद इस्तेमाल में लाए गए थे। आपको जानकार हैरानी होगी कि दुनिया के दो-तिहाई से ज्यादा फुटबॉल इसी शहर के अलग-अलग कारखानों में बनती है।

60 हजार लोग करते हैं काम :

पाकिस्तान के सियालकोट में करीब 60 हजार लोग फुटबॉल बनाने के काम से जुड़े हुए हैं। यहाँ बनने वाली ज्यादातर फुटबॉल की सिलाई हाथों से की जाती है। इसका कारण यह है कि हाथों से सिलाई कर बनाई गई फुटबॉल, मशीनों से सिली जाने वाली फुटबॉल की तुलना में अधिक मजबूत और टिकाऊ होती है। पूरी दुनिया में हाथों से सिली जाने वाली फुटबॉल की डिमांड होती है।

मिलती है बेहद कम मजदूरी :

फुटबॉल भले ही दुनिया के सबसे अमीर खेलों में से एक है। इसे खेलने वाले खिलाड़ी भारी-भरकम पैसा कमाते हैं। लेकिन जिस फुटबॉल से यह खेल खेला जाता है, उसे बनाने वाले लोगों को बेहद कम मजदूरी मिलती है। पाकिस्तान ने एक फुटबॉल की सिलाई करने के बदले मजदूर को महज 160 रूपए का भुगतान किया जाता है, जबकि एक फुटबॉल को सिलने में तीन घंटे का समय लगता है। यहीं कारण है कि पाकिस्तान में यह काम ज्यादातर महिलाएं करती हैं, जो दिन में घर के काम से फ्री होकर फुटबॉल की सिलाई करके पैसा कमाती हैं।

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