गाबा टेस्ट में नो बॉल मॉनिटरिंग तकनीक काम न करने पर विवाद Social Media
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गाबा टेस्ट में नो बॉल मॉनिटरिंग तकनीक काम न करने पर विवाद

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच गाबा के मैदान पर खेले जा रहे पहले एशेज टेस्ट मैच में नो बॉल की मॉनिटरिंग करने वाली तकनीक के काम न करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

News Agency

ब्रिस्बेन। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच गाबा के मैदान पर खेले जा रहे पहले एशेज टेस्ट मैच में नो बॉल की मॉनिटरिंग करने वाली तकनीक के काम न करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल 13वें ओवर में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज बेन स्टोक्स डेविड वार्नर का विकेट लेने से चूक गए। वार्नर को हालांकि पहले आउट दिया गया था, लेकिन रीप्ले से नो बॉल का पता लगने के बाद अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा।

इस प्रकरण के बाद ऑस्ट्रेलिया के एशेज प्रसारक चैनल 7 ने खुलासा किया कि स्टोक्स ने मैच के दूसरे दिन गुरुवार को 14 बार अपना पैर क्रीज से बाहर निकाला, लेकिन केवल दो बार ही नो बॉल दी गई। प्रसारक ने यह भी कहा कि यहां तक कि स्टोक्स ने वार्नर को आउट करने से पहले डाली तीन गेंदों पर भी क्रीज से पैर बाहर निकाला, लेकिन अंपायर ने उन्हें नो बॉल करार नहीं दिया।

बाद में हालांकि यह पुष्टि हुई कि खेल शुरू होने से पहले हर गेंद पर गेंदबाज का पैर चैक करने वाली तकनीक खराब हो गई थी। ऐसे में गाबा टेस्ट खेल की पुरानी परिस्थितियों के अनुसार खेला जा रहा था। इसके तहत केवल उस गेंद पर ही नो बॉल चैक की जाती है, जिस पर गेंदबाज विकेट लेता है। इस घटना के बाद मैच अधिकारी सवालों के घेरे में खड़े हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने दिसंबर 2019 में हर गेंद पर गेंदबाजों का पैर चैक के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जाना अनिवार्य किया था।

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