वीवो को मुफ्त मिल रहा प्रचार-प्रसार। Syed Dabeer Hussain - RE
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निलंबन के बावजूद IPL में मुफ्त मिल रहा चीनी कंपनी को प्रचार

"आज भी IPL 2020 को इंटरनेट पर सर्च करने पर जो पिक्चर्स डिस्प्ले होंगे उसमें चीनी सूरमा वीवो के ताल ठोकते दर्शन आपको हो जाएंगे।"

Author : Neelesh Singh Thakur

हाइलाइट्स –

  • पुराने प्रायोजक वीवो का जलवा

  • ड्रीम 11 के भाग आया महज सपना

  • वीवो को मुफ्त मिल रहा प्रचार-प्रसार

राज एक्सप्रेस। इसे कहते हैं आम के आम गुठलियों के दाम, हर्रा लगे न फिटकरी और रंग आए चोखा। जी हां आईपीएल 2020 में निलंबित चीनी कंपनी के मामले में यह कहावतें सौ टंच फिट बैठती हैं। राज एक्सप्रेस की पड़ताल में जानें कैसे।

बेकरारी की वजह करार-

हर साल 440 करोड़ रुपये का अंडा देने वाली मुर्गी ‘वीवो’ साल 2018 में बीसीसीआई के हाथ आई थी। पांच साल का यह करार कुल 2190 करोड़ में तय हुआ था।

इस अनुबंध के बूते वीवो ने 5 सालों के लिए आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सरशिप डील हथियाई थी। साल 2018 की इस डील का अंत साल 2022 में होना था।

मझधार में करार पर तकरार-

तिब्बत सीमा पर जब चीन ने टेंशन बढ़ाई तो भारत ने चीन के खिलाफ प्रतिबंधों की झड़ी लगा दी। मोबाइल वीडियो गेम्स, टिक-टॉक पर प्रतिबंध के बाद बारी आई आईपीएल की चीनी प्रायोजक कंपनी वीवो की।

बीसीसीआई को सोने का अंडा देने वाली प्रायोजक मुर्गी चाइनीज कंपनी वीवो को भारतीय नागरिकों के व्यापक विरोध के कारण काफी टाल-मसल के बाद अनमने ढंग से बीच में ही दो साल पहले वर्ष 2020 विदा करना पड़ा।

बीसीसीआई-वीवो के बीच का करार जब मझधार में था तब भारत-चीन बीच उपजे तकरार के कारण वीवो की टाइटल स्पॉन्सरशिप डील को निलंबित कर दिया गया। मतलब वीवो इसके बाद आईपीएल का प्रमुख प्रायोजक नहीं रहा।

छूट चुका था तीर-

भारत में कोरोना के पहले से जारी आईपीएल की तैयारियों के मद्देनजर प्रायोजक कंपनी अपनी व्यापक तैयारियों के तहत इंटरनेट जाल पर सूचना, समंकों, विज्ञापनों के साथ तमाम जगहों पर अपना दावा ठोक चुकी थी।

ऐसे में यूएई में जब आईपीएल को ट्रांसफर किया गया और BCCI एवं वीवो के संबंधों की गांठें खुलीं तब तक काफी देर हो चुकी थी। घोड़ी पर जब तक नया प्रायोजक चढ़ता तब तक बीसीसीआई और वीवो की साल 2020 के संबंधों की रस्म अदायगी के चर्चे दुनिया में आम हो चुके थे।

मसलन आज भी IPL 2020 को इंटरनेट पर सर्च करने पर जो पिक्चर्स डिस्प्ले होंगे उसमें चीनी सूरमा वीवो के ताल ठोकते दर्शन आपको हो जाएंगे।

नया प्रायोजक नाम का-

पुराने करार के निलंबन के बाद बीसीसीआई के साथ बतौर प्रायोजक नए संबंधों की शुरुआत करने वाली फंतासी गेमिंग कंपनी ड्रीम 11 की स्थिति बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना जैसी रहेगी। वीवो से आईपीएल का संबंध टूटने के बाद अब सेहरा ड्रीम 11 साल के सिर सजा है।

मतलब प्रायोजक ड्रीम इलेवन घोड़ी तो चढ़ेगा लेकिन सपनों की दुनिया में प्रचार किसी और का होगा, क्योंकि निमंत्रण पत्र तो पहले ही कोई और छपवा चुका था। वैसे भी इस आयोजन में अतिथियों की एंट्री भी बैन ही रहेगी।

हैसियत नये स्पॉन्सर की-

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने ड्रीम 11 की तीन साल करार की सशर्त बोली को नामंजूर कर दिया था। ड्रीम 11 ने साल 2021 और 2022 के लिए परिस्थितियों को देखकर अपेक्षाकृत कम बोली लगाई थी।

ड्रीम 11 (DREAM11) ने बोली के मामले में बाइजू और अनएकडेमी को पछाड़कर कुल 222 करोड़ रुपये में चार महीने 13 दिन के लिए स्पॉन्सरशिप हासिल की है।

अब जबकि आईपीएल के आगाज में चंद घंटों का वक्त बाकी है ऐसे में बहुत कम लोगों की जुबान पर नये स्पॉन्सर का नाम चढ़ पाया है। विज्ञापनों और प्रचार सामग्री से लेकर खबरों के जगत में अभी भी वीवो का ही जलवा बरकरार है।

मतलब चीन की कंपनी का विरोध करने का उद्देश्य पूरा होता नजर नहीं आ रहा उल्टे कंपनी वीवो को मुफ्त में प्रचार-प्रसार का लड़ुआ खाने मिल रहा है।

वैसे COVID-19 के टेरर के बीच आईपीएल की नैया अभी भी डोलती नजर आ रही है। देखना है शहनाई बजने से लेकर विदाई तक का सफर पूरा होने तक नया स्पॉन्सर ड्रीम इलेवन अपने साथी बीसीसीआई के साथ कितना सुखमय वक्त गुजार पाता है। हाल फिलहाल तो पुराने स्पॉन्सर वीवो के दोनों हाथ घी और सिर कढ़ाई में नजर आ रहा है।

डिस्क्लेमर – आर्टिकल प्रचलित रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें शीर्षक-उप शीर्षक और संबंधित अतिरिक्त प्रचलित जानकारी जोड़ी गई हैं। इस आर्टिकल में प्रकाशित तथ्यों की जिम्मेदारी राज एक्सप्रेस की नहीं होगी।

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