हाइलाइट्स –
शमी का आर्म नहीं राइट
कूकाबुरा बरपा रही कहर
अखरेगी दोनों सीनियर शर्मा की कमी
मोहम्मद सिराज के खेलने का रास्ता साफ!
राज एक्सप्रेस। ऑस्ट्रेलिया से 4 टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला टी 20 की तर्ज पर हारने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के लिए आगामी दौरा और कठिनाई भरा होगा। कप्तान विराट कोहली पैटरनिटी लीव पर भारत लौटते इसके पहले ही चोटिल मीडियम पेसर मोहम्मद शमी के भी वतन वापसी के संकेत मिल गये।
Bcci की टीम -
Bcci ने टीम इंडिया के ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए T20I, ODI और टेस्ट टीम सदस्यों की लिस्ट 26 अक्टूबर को रिलीज़ कर दी थी। भारत की टेस्ट टीम में कप्तान विराट कोहली (कप्तान), मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे (उप-कप्तान), हनुमा विहारी, शुभमन गिल, ऋद्धिमान साहा (विकेट कीपर), ऋषभ पंत (विकेट) कीपर), जसप्रीत बुमराह, मो. शमी, उमेश यादव, नवदीप सैनी, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा, आर. अश्विन, मो. सिराज को स्थान मिला था।
इसके अलावा चार अतिरिक्त गेंदबाज कमलेश नागरकोटी, कार्तिक त्यागी, इशान पोरेल और टी. नटराजन को भी भारतीय भारतीय दल के साथ भेजने का ऐलान हुआ था।
बुरे फंसे रहाणे –
दरअसल टीम के दो सीनियर शर्मा पहले से ही भारत में अपनी चोट का इलाज करा रहे हैं। ऐसे में टीम की कमान बीच दौरे पर संभालने वाले कप्तान अजिंक्य रहाणे के पास गेंदबाजी और बल्लेबाजी के डिपार्टमेंट में चुनाव के थोपे-थपाए विकल्प शेष रहेंगे। दरअसल शतकवीर रोहित और ईशांत शर्मा की गैरमौजूदगी से भारतीय टीम असंतुलित नजर आ रही है।
साहा बनाम पंत –
प्रतिभा के मुकाबले सालों से मिल रही बेजा तरजीह के बावजूद ओपनर पृथ्वी शॉ और पंत का प्रदर्शन फ्लॉप रहा है। महज प्रैक्टिस मैच में किए गए प्रदर्शन के दम पर पंत को लंबे अर्से से अपने प्रदर्शन की बाट जोह रहे ऋद्धिमान साहा पर प्राथमिकता देना कप्तान रहाणे की दूसरी चूक हो सकती है।
दरअसल साहा यदि बल्ले से नाकाम भी रहते हैं तो वे दस्तानों से टीम के लिए प्रभावकारी हो सकते हैं। जबकि पंत के मामले में सौदा महंगा हो सकता है।
रहाणे के पास टीम –
कप्तान अजिंक्य रहाणे के पास प्लेइंग इलेवन में शामिल करने के लिए बतौर ओपनर पृथ्वी शॉ, मयंक अग्रवाल का विकल्प होगा। प्रयोगवादी कप्तान के तौर पर खुद कप्तान ये जिम्मा अपने ऊपर ले सकते हैं लेकिन ऐसे में रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में मध्यक्रम कमजोर होगा।
मध्यक्रम में अनुभवी के नाम पर बचते हैं मात्र चेतेश्वर पुजारा क्योंकि कप्तान विराट कोहली अब आगे के मैचों में टीम का हिस्सा नहीं रहेंगे। रविंद्र जडेजा, हनुमा विहारी में से श्रेष्ठ ऑलराउंडर का सवाल नाजायज है। विहारी मिले कम मौकों पर प्रभावी नहीं रहे जबकि जडेजा की काबिलियत पर संदेह नहीं किया जा सकता।
गेंदबाजी आक्रमण कमजोर -
मैच के दौरान भारत की दूसरी पारी में पैट कमिंस की बाउंसर से शमी के चोटिल होने से भारत का गेंदबाजी आक्रमण कमजोर हुआ है। इस आपात स्थिति में नवदीप सैनी और मोहम्मद सिराज के पास जसप्रीत बुमराह और उमेश यादव के साथ मिलकर प्रदर्शन का सुनहरा मौका होगा।
टीम में बतौर ऑल राउंडर शामिल रविचंद्रन अश्विन की तुलना में कुलदीप यादव को मौका देने की गलती रहाणे को भारी पड़ सकती है। विकेट कीपर बल्लेबाज और भारत के अगले कप्तान प्रचारित जा रहे केएल राहुल और शुभमन गिल को दूसरे टेस्ट में मौका देने से जरूर भारतीय मिडिल ऑर्डर को मजबूती मिल सकती है।
विकेट कीपर की समस्या –
विकेट कीपर के तौर पर जब केएल राहुल जैसा विकल्प हो तो फिर साहा और पंत के बजाए राहुल को दस्ताने थमाने से टीम में एक बल्लेबाज और एक अतिरिक्त गेंदबाज को स्थान मिल सकता है। ऐसा प्रयोग भारत में नया नहीं होगा क्योंकि बतौर विकेट कीपर खुद राहुल द्रविड़ इस बात का जीता जागता सबूत रहे हैं।
Bcci की गैर दूरदर्शिता -
Bcci ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट टीम के लिए जिस टीम को चुना उसमें गैर दूरदर्शिता साफ नजर आ रही है। पहले तो कप्तान के पितृत्व अवकाश के लिए बीच दौरे से लौटने की पूर्व जानकारी, फिर इस शून्य की भारपाई का गलत मैनेजमेंट, ऊपर से दोनों सीनियर शर्मा की अनुपस्थिति में टीम के संतुलन में असफलता के बाद गेंदबाजों के चयन में गलती।
ऐसा इसलिए क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर तेज रफ्तार गेंदों से बल्लेबाजों के चोटिल होने का इतिहास पुराना है।
इनमें से सबसे भारी गलती गेंदबाजी के चयन को लेकर है क्योंकि दूसरे टेस्ट में शमी के न उतरने की स्थिति में मोहम्मद सिराज को खिलाने के अलावा कप्तान के सामने कोई और चारा नहीं होगा। भले ही सिराज मौका मिलने पर उत्कृष्ट प्रदर्शन भी करें लेकिन उन्हें स्तरीय गेंदबाज आंकना जल्दबाजी होगी।
संभावित एकादश –
अजिंक्य रहाणे (कप्तान), केएल राहुल (विकेट कीपर), चेतेश्वर पुजारा, शुभमन गिल, जसप्रीत बुमराह, उमेश यादव, नवदीप सैनी, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा, आर. अश्विन के अलावा विहारी-सिराज में से कोई एक।
तीसरे पेसर की कमी अखरेगी –
मोहम्मद शमी के न खेलने की अटकलों के बीच टीम इंडिया को तीसरे पेसर की कमी अखर सकती है। दरअसल देखने में आया है कि कूकाबुरा गेंद (Kookaburra ball) से तेज गति के गेंदबाजों को भरपूर मदद मिलती है।
पहले टेस्ट में भी ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को पिच पर टिकने नहीं दिया था। एसजी बॉल पर नियंत्रण हासिल करने में नाकाम रहे मोहम्मद सिराज यदि कूकाबुरा गेंद से सफलता हासिल करते हैं तो यह बड़े अचरज वाली बात होगी।
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