राज एक्सप्रेस। जब भारत एशियाई चैंपियन कतर से 3 जून को जसीम बिन हमद स्टेडियम में एशियाई कप 2023 के क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट में भाग लेगा, तो उन्हें संभवत: अपनी पिछली यात्रा से पूर्वानुभाव की भावना हो सकती है। इसी स्टेडियम में भारत ने हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में अपना सर्वश्रेष्ठ परिणाम हासिल किया, जब उन्होंने सितंबर, 2019 में फेलिक्स सांचेज बास के पुरुषों के खिलाफ मुकाबला 0-0 से ड्रा किया था। लेकिन, इस बार चुनौती और मुश्किल होगी। न केवल इसलिए कि कतर में खुद को साबित करने के लिए पहले से कहीं ज्यादा भूख होगी, बल्कि भारतीय खिलाड़ी भी लंबे समय के बाद पहली बार प्रतिस्पर्धी कार्रवाई में उतरेंगे।
हालांकि, मिडफील्डर रॉलिन बोर्गेस का मानना है कि कतर में खेलने की स्थिति से कोई समस्या नहीं होगी। जसीम बिन हमद स्टेडियम कतर का पहला स्टेडियम था, जिसने 2011 में कूलिंग तकनीक हासिल कर ली थी। ऐसे में अगर कतर में तापमान बढ़ता है, तो भी खिलाड़ी मैदान पर आराम से खेल सकते हैं।
बोर्गेस ने कहा, स्टेडियम में कूलिंग तकनीक अछ्वुत है। आप जानते हैं कि कतर में बहुत गर्मी है, लेकिन आपको स्टेडियम में शीतलता का अहसास होगा। यह आपको तरोताजा रखता है। मैंने पहली बार किसी स्टेडियम में ऐसा कुछ देखा था। यहां तक कि 85वें मिनट में भी हवा चलने के कारण आप तरोताजा रहेंगे। आपको लगता है कि आप दौड़ते रह सकते हैं।
मैदान के बीच में उनके मिडफील्डर साथी ब्रैंडन फर्नांडीस, जो उस मैच के दौरान एक विकल्प के रूप में आए थे, ने भी अपने इस संबंध में अपने विचार व्यक्त किए हैं। गोवा के मिडफील्डर फर्नांडीस ने कहा, पिछली बार जब हम कतर में थे, तो स्टेडियम बहुत अच्छा था। कोई नमी नहीं थी। यह बहुत अच्छी तरह से वातानुकूलित था। वहां फुटबॉल खेलने के लिए अछ्वुत परिस्थितियां थीं। वास्तव में कतर के पास फ़ुटबॉल के लिए शानदार बुनियादी ढांचा और विश्व स्तरीय सुविधाएं हैं। अल साद के घरेलू मैदान पर खेलना एक शानदार एहसास होगा। वहां खेलने के लिए एक अच्छे अनुभव की उम्मीद है।
डिस्क्लेमर : यह आर्टिकल न्यूज एजेंसी फीड के आधार पर प्रकाशित किया गया है। इसमें राज एक्सप्रेस द्वारा कोई संशोधन नहीं किया गया है।
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