नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से सीवीसी स्पोर्ट्स मामले को भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के पास भेजे जाने की जानकारी सामने आई है, जो केंद्र सरकार से न जुड़े होने वाले मामलों में बोर्ड का प्रतिनिधित्व करते हैं। मौजूदा जानकारी के मुताबिक सॉलिसिटर जनरल ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, लेकिन समझा जाता है कि उन्होंने बीसीसीआई को अन्य कानूनी राय लेने की सलाह दी है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती है कि क्या बोर्ड सच में अन्य राय ले रहा है या नहीं, पर मामले से जुड़े जानकारों ने संकेत दिया है कि कानूनी विशेषज्ञों की एक समिति के साथ इस मसले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।
समझा जाता है कि अगर इस मामले में थोड़ी और देर होती है तो मौजूदा आठ आईपीएल टीमों के लिए खिलाड़ियों के रिटेंशन की समय सीमा, जो कि 30 नवंबर है, को एक हफ्ते के लिए बढ़ाया जा सकता है, ताकि नई फ्रेंचाइजियों अहमदाबाद और लखनऊ दोनों को इतने ही दिनों में अपने खिलाड़ियों के चयन का समय मिल सके। उल्लेखनीय है कि सीवीसी स्पोर्ट्स, जिसने 5625 करोड़ रुपए में अहमदाबाद फ्रेंचाइजी का स्वामित्व हासिल किया था, को अभी तक बीसीसीआई से मंजूरी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। यह भी समझा जाता है कि अमेरिकी कंपनी बीसीसीआई को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि ब्रिटेन की सट्टेबाजी कंपनी में उसका निवेश अवैध नहीं है।
बीसीसीआई के सीवीसी स्पोर्ट्स मुद्दे को सॉलिसिटर जनरल के पास भेजने के पीछे आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी की टिप्पणियों को कारण माना जा रहा, जिसमें उन्होंने ब्रिटेन की एक सट्टेबाजी कंपनी में सीवीसी स्पोर्ट्स के निवेश पर सवाल उठाया था। परिणामस्वरूप अब गतिरोध इस बात को लेकर है कि क्या सीवीसी को स्वामित्व देने का निर्णय भारत में कानूनी जांच के योग्य होगा।
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