लुसैल। सर्वकालिक महान फुटबॉलर लियोनेल आंद्रेस मेसी की बदौलत अर्जेंटीना ने रविवार को फीफा विश्व कप 2022 के रोमांचक फाइनल में फ्रांस को 3-3 (शूटआउट 4-2) से हराकर 36 साल बाद विश्व विजेता का खिताब हासिल कर लिया। लुसैल स्टेडियम पर आयोजित खिताबी मुकाबले में लियोनेल मेसी ने 23वें मिनट में गोल करके अर्जेंटीना का खाता खोला, जबकि एंजल डी मारिया ने 36वें मिनट में गोल करके बढ़त को दोगुना कर दिया। अर्जेंटीना एकतरफा जीत की ओर बढ़ रही थी, लेकिन कीलियन एमबापे ने 80वें और 81वें मिनट में गोल जमाकर गत चैंपियन फ्रांस की मैच में वापसी करवाई। मेसी ने 109वें मिनट में गोल करके अर्जेंटीना को एक बार फिर बढ़त दिला दी, लेकिन एमबापे 118वें मिनट में गोल जमाकर मैच को पेनल्टी शूटआउट में ले गये।
एमबापे ने शूटआउट में गोल करके फ्रांस का खाता खोला, लेकिन उनके अलावा कोलो मुआनी ही फ्रांस के लिये गोल कर सके। दूसरी ओर मेसी, डाइबाला, पारेडेस और मोंटियेल ने शूटआउट में गोल करके चार दशक बाद अर्जेंटीना को विश्व विजेता बनाया। अर्जेंटीना पिछले 20 साल में खिताब जीतने वाली पहली गैर-यूरोपीय टीम है। अपना आखिरी विश्व कप खेल रहे मेसी ने भी इस जीत के साथ विश्व विजेता का ताज अपने सिर सजाने का सपना पूरा कर लिया है।
अपने पहले मुकाबले में सऊदी अरब से हारने के बाद अर्जेंटीना शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक पहुंची थी और यहां भी उसका शांत रहने का इरादा नहीं था। मैच के 21वें मिनट में डी मारिया फ्रांस के बॉक्स में उस्मान डेम्बेले से टकराकर गिर गये, जिससे अर्जेंटीना को पेनल्टी मिली। मेसी ने इस पेनल्टी पर बॉल को गोलपोस्ट के निचले दाहिने कोने में पहुंचाया और अपनी टीम को शुरुआती बढ़त दिला दी। अर्जेंटीना ने इसके बाद दर्शनीय टीम-वर्क के दम पर बढ़त दोगुनी कर ली। मेसी ने अर्जेंटीना के बॉक्स के पास से आक्रमण शुरू करते हुए बॉल मैक एलिस्टर को पास की, जबकि एलिस्टर इसे लेकर फ्रांस के गोल की ओर दौड़ पड़े और ऐन वक्त पर डी मारिया को पास दे दिया। गोलकीपर लोरिस एलिस्टर को रोकने के लिये गोलपोस्ट की बाईं ओर आ गये थे, जबकि दाईं ओर खड़े डी मारिया ने इसका फायदा उठाकर बॉल को नेट में दाग दिया।
पहले हाफ में बेखबर नजर आयी फ्रांस ने दूसरे हाफ के 15 मिनट बीतने के बाद लय हासिल की और 80वें मिनट में उन्हें इसका फल भी मिल गया। अर्जेंटीना के बॉक्स में कोलो मुआनी के गिरने से फ्रांस को पेनल्टी किक मिली, जिसे एमबापे ने गोल में बदल दिया। अर्जेंटीना इस गोल के बाद उभरी भी नहीं थी कि एमबापे ने 75 सेकंड बाद एक और गोल जमा दिया। किंग्सले कोमन ने 81वें मिनट में मिडफील्ड में मेसी से बॉल चुराते हुए एमबापे को दी और 24 वर्षीय फॉरवर्ड ने एक और गोल करके दो मिनट में मैच का रुख बदल दिया।
एमबापे की बदौलत फ्रांस ने मैच को अतिरिक्त समय तक पहुंचा दिया, लेकिन इसके बाद अर्जेंटीना एक बार फिर आक्रामक रूप में आ गयी। लौटारो मार्टिनेज ने 105वें मिनट में प्रयास किया लेकिन अर्जेंटीना को अगले गोल के लिये 109वें मिनट का इंतजार करना पड़ा। अपना आखिरी विश्व कप मैच खेल रहे मेसी एक बार फिर अपनी टीम के लिये आगे आये और मार्टिनेज की मदद से गोल करके अर्जेंटीना को 3-2 से आगे कर दिया।
अर्जेंटीना ने इस गोल से मैच पर अपनी पकड़ बना ली जबकि आखिरी 10 मिनट में फ्रांस की उम्मीदें एमबापे पर टिकी थीं। एमबापे ने 118वें मिनट में पेनल्टी पर गोल करके अपनी हैट्रिक पूरी की और मैच को शूटआउट में पहुंचा दिया। शूटआउट में एमबापे और मेसी ने गोल करके अपनी अपनी टीमों को अच्छी शुरुआत दिलाई, लेकिन अर्जेंटीना के गोलकीपर एमिलियानो मार्टिनेज ने अगले दो शॉट सफलतापूर्वक रोक लिये जबकि फ्रांस के कप्तान और गोलकीपर लोरिस ऐसा नहीं कर सके। फ्रांस के चौथे प्रयास में मुआनी ने बॉल को नेट तक पहुंचाया, लेकिन अर्जेंटीना को विश्व विजेता बनने के लिये सिर्फ एक गोल की जरूरत थी। गोन्जालो मोंटियेल ने यह गोल करके अपनी टीम को विश्व विजेता बना दिया।
अर्जेंटीना तीसरी बार विश्व चैंपियन बनी है, जबकि इससे पहले उसने 1978 और 1986 में यह खिताब जीता था। विश्व कप 2018 की चैंपियन फ्रांस के पास भी अपना तीसरा खिताब जीतने का मौका था लेकिन मेसी की टीम ने एमबापे की हैट्रिक को निरर्थक कर दिया।
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