हाइलाइट्स –
जुड़ेंगे तो लेकिन देर से
खेलने के पहले क्वारंटीन की शर्त
दो दर्जन से ज्यादा के खेलने पर संशय
राज एक्सप्रेस। बीसीसीआई के यूएई में प्रस्तावित आईपीएल पर क्रिकेट प्रशंसक टकटकी लगाए हैं। रोजाना बदल रहे कोरोना जनित समीकरण से आयोजन ‘संभव होने-न होने’ के मसले पर आयोजक चिंतित हैं। इसके पहले इतनी टेंशन में बीसीसीआई कब था? नतीजा क्या निकला? जानें राज एक्सप्रेस पर।
चिंता साख की-
बाजार में प्रॉडक्ट की लॉंचिंग हो या हॉलिवुड-बॉलिवुड फिल्मों की रिलीज, इसमें टेंशन रहती है साख की। मतलब चल गई तो लाख की वरना खाक की। विश्व क्रिकेट में घरेलू क्रिकेट लीग में सबसे सफल लीग में से एक बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई-BCCI) को यही टेंशन सता रही है।
दरअसल BCCI के बलशाली रईस बछड़े इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League-IPL) की अब तक की सफल बादशाहत से उपजी ताकत के सामने क्रिकेट जनक इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) या फिर सीए यानी क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया तक नतमस्तक है।
आईपीएल आयोजकों को चिंता सता रही है, कि भारत में कोरोना जनित लागू लॉकडाउन, परेशानियों, व्यवस्थाओँ के कारण देश की सीमा लांघ कर खाड़ी में तेल के कुओँ वाले देश यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई) में आयोजन संभव हो पाएगा या नहीं? इसे भी पढ़ें - UAE में IPL: कितना आसान होगा आयोजन, कितने हैं पेंच?
खाड़ी क्यों गए?
दुनिया में जब कोरोना वायरस डिजीज उन्नीस यानी कोविड-19 (covid-19) ने तेजी से पैर पसारे तो भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस महामारी से सुरक्षार्थ 22 मार्च को संकल्प और संयम के रूप में जनता कर्फ्यू की अपील देशवासियों से की।
कर्फ्यू के बाद लाकडाउन से लेकर अनलॉक के अब तक के दौर तक भारत में क्रिकेट या फिर कोई अन्य खेल मुनासिब नजर नहीं आ रहा। इसलिए बीसीसीआई ने खाड़ी देश की राह पकड़ी क्योंकि यहां चुनाव के मौसम में भी आईपीएल के कुछ मैचों के बाद बाकी के मैच भारत में खेले गए।
इस बार डगर मुश्किल है क्योंकि कोरोना ने खाड़ी में आईपीएल का बिगुल बजने के पहले ही खतरे के संकेत दे डाले हैं। एक नहीं कई टीमों के खिलाड़ी या स्टाफ सदस्य जांच में संक्रमित निकले जिनको बाद में निगेटिव बताया गया।
चेन्नई सुपर किंग्स के तो खिलाड़ियों और स्टाफ के एक दर्जन मैंबर्स संक्रमित मिलने से एक बारगी तो यूएई में आईपीएल का आयोजन संभव हो भी पाने पर संशय भी हुआ। टीम के अहम खिलाड़ी सुरेश रैना के भारत लौटने से इस बात को और बल मिला।
हालांकि रैना पारिवारिक कारणों से भारत लौटे। इसी तर्ज पर टर्बनेटर हरभजन ने भी क्रिकेट, ग्लैमर, पैसे में से परिवार को तवज्जो दी।
दूसरा संकट यह भी-
कई टीमों से अनुबंधित सुपर सितारे या तो कोरोना महामारी के कारण आईपीएल खेलने से बच रहे हैं या फिर वे इस समय अपने देश की टीमों के लिए दौरे पर हैं। अव्वल ऑस्ट्रेलिया को ही लें आईपीएल के स्टार प्लेयर्स मिचेल क्लार्क, एरोन फिंच, ग्लैन मैक्सवेल इंग्लैंड दौरे पर व्यस्त हैं।
इन देशों के अनुबंधित खिलाड़ी यदि आईपीएल खेलते भी हैं तो वे शुरुआती कई मैचों का हिस्सा नहीं हो पाएंगे। जुड़ेंगे भी तो इनके सामने क्वारंटीन जैसी शर्तों से भी गुजरने की शर्त होगी।
इंग्लैंड के मौजूदा स्टार क्रिकेटर्स भी बिजी शैड्यूल का हवाला देकर आईपीएल से कन्नी काट सकते हैं। न्यूजीलैंड के कुछ खिलाड़ियों के भी खेलने से मना करने की रिपोर्ट्स मीडिया की सुर्खियां बनी हैं। इसे भी पढ़ें- कौन हैं पथिराना जिनसे ब्रेटली, अख़्तर, मलिंगा को मिली चुनौती?
इंग्लैंड-ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज नाम-
दोनों टीमों के खिलाड़ी राजस्थान रॉयल्स, सनराइजर्स हैदराबाद, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेलते हैं। राजस्थान रॉयल्स में स्टीव स्मिथ, जोस बटलर, जोफ्रा आर्चर, एंड्रयू टाइ तो सनराइजर्स हैदराबाद के लिए डेविड वॉर्नर, जॉनी बेयरस्टो, मिशेल मार्श उजियारे की आस हैं। इसे भी पढ़ें- डार्लिंग के बाद मोमिनुल से पहले इतने कप्तान हुए बदनाम
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर में भी इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों को मिलाकर एरोन फिंच, जोशुआ फिलिप, एडम जंपा और मोईन अली टीम की जान हैं। केकेआर की लगाम भी पैट कमिंस, इयॉन मोर्गन, टॉम बेंथॉन के हवाले है। पंजाब के किंग ग्लेन मैक्सवेल, क्रिस जॉर्डन जबकि दिल्ली कैपिटल्स की पूंजी मार्कस स्टोइनिस और एलेक्स कैरी हैं।
कोरोना के शुरुआती झटके के बाद रैना-हरभजन के फटके झेल रही सीएसके को भी सैम कुरेन और जोश हेजलवुड से टीम में जोश भरने की दरकार होगी।
अब बचते हैं वेस्ट इंडीज, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, (पाकिस्तान के खिलाड़ियों की आईपीएल में एंट्री नहीं है।), आयरलैंड, नेपाल। इन देशों से वीजा जैसी समस्या सामने आ सकती है।
सिर्फ इन देशों के खिलाड़ियों के हामी भरने पर भी एंटरटेनमेंट की वो डोज तैयार होने में जरा कठिनाई लगती है जो इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ खिलाड़ियों के भारत में खेलने पर जोश और जुनून पैदा करती है।
तब भी थी इतनी टेंशन-
भारत में आईपीएल के आगाज के पहले क्रिकेट प्रशंसकों के बीच बने कौतूहल के कारण भी आईपीएल आयोजक इंडियन प्रीमियर लीग की सफलता को लेकर चिंतित थे।
आईपीएल इतिहास के 18 अप्रैल 2008 को रॉयल चेलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) और कोलकाता नाईट राइडर्स (केकेआर) के बीच खेले जाने वाले मैच के टॉस तक आयोजकों को चिंता सता रही थी लीग लोगों पर क्या प्रभाव छोड़ने वाली है। अंपायर असद रऊफ और रूडी कोएर्त्जन की मौजूदगी में टीम आरसीबी ने टॉस जीता और फील्डिंग का डिसीजन लिया।
फिर रच गया इतिहास-
लीग के इस पहले मैच के साथ ही इंडियन प्रीमियर लीग ने लोगों के दिलों पर इस कदर छाप छोड़ी कि, वो साल दर साल गहरी होती चली गई। इस ऐतिहासिक मैच में न्यूजीलैंड के धाकड़ बल्लेबाज ब्रैंडन मैकुलम ने ऐसा बल्ला भांजा कि दर्शक आह-वाह करते नहीं थके।
पूरे 13 आसमानी छक्कों, 10 चौकों के दम पर मैकुलम ने मात्र 73 गेंदों पर 158 रन ठोक डाले। इस पारी के बूते केकेआर ने 3 विकेट खोकर 222 रन जुटाए और आरसीबी को मात्र 15.1 ओवर्स में 82 रनों पर बुक कर 140 रनों से हरा दिया।
टेंशन अपनी-अपनी-
तो पहली बार आईपीएल आयोजकों की टेंशन साख पैदा करने की थी जबकि इस बार परेशानी साख बरकरार रखने की है।
इस बार अहम सवाल यह है कि; क्या यूएई में कोरोना की टेंशन के बीच आईपीएल हो पाएगा? और यदि होता भी है तो क्या सफलता अब तक के दर्ज कीर्तिमानों से बढ़कर रहेगी? या फिर साख को बट्टा लग जाएगा?
आपको बता दें आईपीएल का 13 वां संस्करण 19 सितंबर से 10 नवंबर तक यूएई में प्रस्तावित है। हमें तो उम्मीद है कि कोरोना का मिजाज ठंडा पड़ेगा और क्रिकेट फैंस को एंटरटेनमेंट की वर्ल्ड वाइड डोज भी मिल सकेगी। क्या कहना है आपका?
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