नई दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की अनुशासनात्मक समिति ने इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के प्लेऑफ मुकाबले से संबंधित केरल ब्लास्टर्स एफसी की विरोध याचिका खारिज कर दी है। गौरतलब है कि ब्लास्टर्स और बेंगलुरु एफसी के बीच तीन मार्च को खेले गये मुकाबले में सुनील छेत्री ने बेंगलुरु के लिये फ्री किक पर मैच का एकमात्र गोल किया था। ब्लास्टर्स के क्लब प्रबंधन का कहना था कि रेफरी ने बेंगलुरु के खिलाड़ी को सीटी बजाये बिना फ्री किक लेने दी, जबकि रेफरी ने इस गोल को वैध करार दिया था।
ब्लास्टर्स ने मांग की थी कि यह मुकाबला दोबारा होना चाहिये और रेफरी क्रिस्टल जॉन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिये। वैभग गग्गर की अध्यक्षता वाली अनुशासनात्मक समिति ने हुई बैठक में सभी कानूनों और अधिकारियों की रिपोर्टों के आधार पर ब्लास्टर्स के विरोध को खारिज कर दिया। अनुशासनात्मक समिति ने कहा, विरोध कानून में बनाये रखने योग्य नहीं है। लीग के नियमों और संहिता का संयुक्त व्यापक और समग्र अध्ययन स्पष्ट रूप से बताता है कि रेफरी के फैसलों के खिलाफ कोई विरोध दर्ज नहीं किया जा सकता है क्योंकि उनके निर्णय अंतिम होते हैं।
समिति ने कहा, वर्तमान मामले के तथ्य दर्शाते हैं कि यह घटना संहिता के अनुच्छेद 70.5 में बनाये गये अपवाद के दायरे में भी नहीं आती है। इस प्रकार, वर्तमान विरोध पत्र/रिपोर्ट/याचिका खारिज की जाती है।
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