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Oscars 2023: आखिर क्यों भारतीय सिनेमा के लिए खास है इसबार की ऑस्कर जीत? जानें...

Oscars 2023: RRR और 'द एलीफेंट व्हिस्पर्स'(The Elephant Whispers) की ऑस्कर जीत क्यों है भारतीय सिनेमा के लिए पिछली ऑस्कर जीत से खास और महत्वपूर्ण?

Akash Dewani

राज एक्सप्रेस। बीते दिन ऑस्कर्स में दो भारतीय फिल्मों ने भारत का नाम रौशन कर 2 अवॉर्ड्स अपने नाम किए। RRR और 'द एलीफेंट व्हिस्पर्स' ने ऑस्कर इतिहास के पन्नो में अपना नाम दर्ज किया लेकिन इस बार के ऑस्कर्स में भारत की यह जीत बहुत खास और बड़ी है क्योंकि इस जीत ने दुनिया के बॉक्सऑफिस और सिनेमा हाल के दरवाजे को भारतीय फिल्मों के लिए खोलने का काम भी किया है। लेकिन यह जीत ऑस्कर्स में भारत की तरफ से अवार्ड जीतने वाली पिछली जीत से क्यों है खास? आइए आपको बताते है।..

RRR फिल्म के गाने नाटू-नाटू को बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग के लिए ऑस्कर्स अवार्ड दिया गया जिसके बाद यह गीत एशिया का पहला गीत बना जिसने ऑस्कर जीता हो। लेकिन इसके अलावा भी एक ऐसा रिकॉर्ड है जो नाटू-नाटू ने अपने नाम कर भारतीय सिनेमा की शान बढ़ाई है और वो हैं की यह अवार्ड पहली बार किसी ऐसी फिल्म के सॉन्ग को दिया गया है जो पूर्णतः भारतीय हो, जिसमे फिल्म के निर्देशक से लेकर हर एक छोटे से छोटे कर्मचारी भारतीय हो। इससे पहले ए आर रहमान को साल 2009 में फिल्म स्लमडॉग मिलिनेयर के गीत 'जय हो' के लिए ऑस्कर दिया गया था लेकिन वो फिल्म एक ब्रिटिश फिल्म थी जिसे लेखक विकास स्वरूप की उपन्यास 'Q&A' पर आधारित थी। इस फिल्म का म्यूजिक ए आर रहमान ने दिया था। स्लमडॉग मिलिनेयर भारत पर तो आधारित थी लेकिन यह भारतीय फिल्म नहीं थी। RRR के गीत नाटू-नाटू ऑस्कर जीत, पहली पूर्णतः भारतीय फिल्म बनी जिसे किसी वर्ग मे ऑस्कर दिया गया हो।

इसी तरह 'द एलीफेंट व्हिस्पर्स' ऑस्कर जीतने वाली ऐसी पहली डॉक्यूमेंट्री बनी जो पूर्णतः भारतीय हो। यह पहली भारतीय शॉर्ट फिल्म या किस भी प्रकार का सिनेमा है जिसने पूर्ण रूप से ऑस्कर जीता है। 'द एलीफेंट व्हिस्पर्स'ने बेस्ट शॉर्ट फिल्म का अवार्ड अपने नाम किया है। इस शॉर्ट फिल्म के बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता है। इस शॉर्ट फिल्म का निर्देशन भारतीय फिल्ममेकर कार्तिकी गोंसल्वेस ने किया है और इसकी कहानी उनकी मां प्रिसिला गोंसल्व ने लिखी थी। कार्तिकी गोंसलवेस प्रकृति और वन्यजीव फोटोग्राफी में माहिर है। प्रकृति और वन्यजीव से जुड़ाव के वजह से ही उन्होंने द एलीफेंट व्हिस्पर्स की रचना की जिसमे तमिलनाडु के छूटे से आदिवासी क्षेत्र में एक आदिवासी दंपत्ति और उनके द्वारा पाले गए एक हाथी के बच्चे रघु की कहानी को दिखाया गया है। यह फिल्म महज 40 मिनट की है जिसमे बोमन और बेल्ली नाम के दंपत्ति पहले रघु और बाद में अम्मू नाम के हाथी के बच्चो को पालते है। यह पहली पूर्णतः भारतीय फिल्म है जिसे ऑस्कर से दिया है।

यह दोनो जीत अपने आप में बहुत बड़ी है क्योंकि यह जीत भारतीय सिनेमा के लिए एक ऐसा समय लेकर आ सकती है जिसमे हमारी फिल्में अवतार, मार्वल, आदि बड़ी-बड़ी हॉलीवुड की फिल्मों से विश्वपटल पर टक्कर ले पाएंगी और भारत कि संस्कृति, खूबसूरती और अलग अंदाज को फिल्म के दीवानों तक पहुंचाएगी।

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