विपक्षी दलों ने NDA के विरुद्ध बनाया गठबंधन ‘इंडिया (I.N.D.I.A.)’।
गठबंधन ‘इंडिया’ का पूरा नाम ‘इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ है।
भाजपा के नेता नहीं कह पाएंगे, ‘इंडिया वाले सारे भ्रष्टाचारी है।’
2024 के आम चुनाव की लड़ाई अब एनडीए बनाम इंडिया।
NDA vs INDIA : देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी दलों के बीच अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं। विपक्षी दल लगातार सरकार के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए बैठक कर रहे हैं। वहीं भाजपा ने भी अपने सहयोगियों को साथ लेना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में मंगलवार को दिल्ली में एनडीए की बैठक हुई। वहीं दूसरी तरफ बैंगलोर में विपक्षी दलों की बैठक हुई। इस बैठक में विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया (I.N.D.I.A.)’ रखा है। इससे साल 2024 के आम चुनाव की लड़ाई एनडीए बनाम इंडिया की हो गई है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर विपक्षी दलों के द्वारा अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखने के क्या सियासी मायने हैं।
सबसे पहले तो विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखकर एकता का संदेश दिया है। इससे लोगों के बीच यह संदेश जाएगा कि इस गठबंधन में इंडिया के अलग-अलग हिस्सों में कार्य करने वाले राजनीतिक दल शामिल है। इसके जरिए विपक्ष यह संदेश देने की कोशिश करेगा कि आम चुनाव में मोदी सरकार के सामने पूरा इंडिया लड़ेगा।
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का पूरा नाम ‘इंडियन नेशनल डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ है। इस नाम में राष्ट्रवाद की झलक भी देखने को मिलती है तो सभी के सम्मान और विकास की झलक भी दिखाई देती है। इसे एक तरह से भाजपा के राष्ट्रवाद को काउंटर भी किया जा सकेगा और सबका सम्मान के जरिए यह संदेश दिया जाएगा कि हम सभी भाजपा के नफरती राजनीति के खिलाफ एकजुट है।
दरअसल इंडिया नाम रखने से भाजपा के लिए विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम लेकर उसकी आलोचना करना मुश्किल हो जाएगा। जैसे भाजपा के नेता यह नहीं कह पाएंगे कि, ‘इंडिया वाले सारे भ्रष्टाचारी है।’ ना ही वो इस नाम को लेकर कोई तंज कस पाएंगे। हालांकि भाजपा इस लड़ाई को इंडिया बनाम भारत करने की कोशिश जरूर कर सकती है।
विपक्षी दलों के द्वारा गठबंधन का नया नाम रखने से अब 2024 की लड़ाई एनडीए बनाम इंडिया की हो गई है। इससे विपक्षी दल यह भी संदेश देने की कोशिश करेंगे कि वह जो यह लड़ाई लड़ रहे हैं, वह खुद के लिए नहीं बल्कि देश के लिए लड़ रहे हैं।
अब सवाल यह है कि क्या गठबंधन का नाम बनाने का फायदा विपक्षी दलों को मिलेगा? इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही राजनीतिक बयानबाजी में विपक्ष को इंडिया नाम रखने का फायदा मिल जाए, लेकिन जब चुनाव में मतदान होगा तो सभी पार्टियां अपने नाम और चुनाव चिन्ह पर मैदान में उतरेगी। वैसे में देश में वोट नेता और पार्टी के नाम पर पड़ता है। ऐसे में सिर्फ गठबंधन का नाम बदलने से वोटों में उछाल आने की संभावना बहुत कम है।
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