शहरों में साफ-सफाई की व्यवस्था को लेकर करवाए गए केंद्र सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण के नतीजों से जाहिर है कि देश में स्वच्छता को लेकर एक माहौल बन रहा है और इस मामले में बेहतर करने की इच्छा भी पैदा हो रही है। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर ने देश में सबसे स्वच्छ रहने का चौका लगा दिया है, जबकि भोपाल राजधानी के रूप में अव्वल स्थान पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के परिणाम की घोषणा की। सबसे पहले सर्वेक्षण में देश के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मैसूर को मिला था। फिर इंदौर लगातार तीन साल तक (2017, 2018, 2019) में शीर्ष स्थान पर रहा है। प्रधानमंत्री ने जब इसका ऐलान किया तब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, इंदौर की पूर्व महापौर मालिनी गौड़, कलेटर मनीष सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। इंदौर शहर के चौथी बार अव्वल आने की कहानी पूरे देश के लिए मिसाल है। निगम के अधिकारियों और सफाईमित्रों ने कोरोना लॉकडाउन की भी परवाह नहीं की।
मार्च में लॉकडाउन लागू होने से जून में अनलॉक-1 तक इंदौर शहर में लगातार सड़कों की सफाई हुई, रात में प्रमुख सडक़ें रोज धुलीं, घरों से रोज कचरा लिया जाता रहा और सड़क किनारे लगे लिटरबिन भी खंगाले गए। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 का कार्य 28 दिन में पूरा किया गया है। स्वच्छता एप पर 1.7 करोड़ नागरिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया। सोशल मीडिया पर 11 करोड़ से ज्यादा बार देखा गया। 5.5 लाख से ज्यादा सफाई कर्मचारी सामाजिक कल्याण कार्यक्रम से जोड़े गए और कचरा बीनने के काम में लगे 84,000 से ज्यादा लोगों को मुख्यधारा में लाया गया। इंदौर को चौथी बार सफाई के मामले में अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने में शहर की जनता ने अपने फीडबैक से अहम भूमिका निभाई है। पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण में इंदौर के करीब तीन लाख लोगों ने सकारात्मक फीडबैक दिया है। शहर में सफाई व निगम संबंधी अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए बना इंदौर-311 ऐप करीब चार लाख लोगों ने डाउनलोड किया है। इसमें से तीन लाख पांच हजार से ज्यादा लोगों ने ऐप और अन्य माध्यमों से स्वच्छ सर्वेक्षण में फीडबैक दिया था।
यही वजह है कि सर्वे के दौरान फीडबैक में भी इंदौर शहर देश के अन्य शहरों से आगे रहा। इसके अलावा सर्वे टीम के शहर में आने पर करीब 30 हजार लोगों ने प्रत्यक्ष रूप से सर्वे टीम को फीडबैक या। पिछले सर्वे में पब्लिक फीडबैक के 25 प्रतिशत अंक (करीब 1500) थे। सफाई के कार्यों में शहरवासियों की भी भागीदारी समय समय पर देखने को मिलती है। पिछले वर्ष इंदौर को ओडीएफ डबल प्लस का खिताब मिला था जो इस बार भी बरकरार है। इंदौर ने अपने प्रयासों से पूरे देश के सामने जो मिसाल कायम की है, वह निश्चित रूप से देश के दूसरे शहरों को भी स्वच्छता में आगे रहने के लिए प्रेरित करेगी और एक दिन पूरा देश स्वच्छ बन जाएगा।
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