Vijay Mallya's petition dismissed again by England High Court Kavita Singh Rathore -RE
पॉलिटिक्स

एक बार फिर याचिका खारिज होने से विजय माल्या के हाथ आई निराशा

भगोड़ा घोषित किए गए विजय माल्या कोरोना संकट के बीच एक बार फिर चर्चा में हैं। दरअसल, गुरुवार को एक बार फिर इंग्लैंड हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका खारिज कर दी है।

Author : Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। भारत सरकार द्वारा भगोड़ा घोषित किए गए 64 वर्षीय शराब कारोबारी और किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या कोरोना संकट के बीच एक बार फिर चर्चा में हैं। हाल ही में माल्या को इंग्लैंड के हाईकोर्ट द्वारा भारत प्रत्यर्पित करने के खिलाफ याचिका ख़ारिज कर दी थी उसके बाद माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की छूट को लेकर एक आवेदन किया है। वहीं, अब गुरुवार को एक बार फिर इंग्लैंड हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई याचिका खारिज कर दी है।

माल्या के लिए हुए सारे रास्ते बंद :

दरअसल, भारत से भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद से ही विजय माल्या पर लगातार इंग्लैंड हाई कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। वहीं, हाईकोर्ट एक के बाद माल्या द्वारा दायर की गई याचिकाओं को ख़ारिज करते जा रही है। जिससे माल्या को सारे रास्ते बंद होते नजर आ रहे हैं। खबरों के अनुसार, माल्या को 28 दिनों के अंदर भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। हालांकि, माल्या के पास अभी भी एक मौका है। वह यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स (ECHR) में अपील कर सकता है। परन्तु यदि उसे यहाँ से भी उसे निराशा मिली तो उसके पास भारत प्रत्यर्पित के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। अब माल्या के पास इकलौता मौका है।

माल्या ने ट्वीट कर की कर्ज चुकाने की बात :

खबरों के अनुसार, ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल 28 दिन में माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर फैसला सुनाएंगी। हालांकि माल्या सरकार को कर्ज लौटने को गुहार लगा चुका है। जिसे भारत द्वारा ठुकरा दिया गया है। वहीं, माल्या ने आज (गुरुवार) एक ट्वीट कर कहा कि, ''कोविड-19 राहत पैकेज के लिए सरकार को बधाई। वे जितनी चाहे करेंसी छाप सकते हैं, लेकिन मेरे जैसे छोटा योगदान देने वाले जो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 100 फीसदी बकाया लोन देना चाहता है उसे निरंतर उपेक्षित किया जा सकता है।"

विजय माल्या पर निम्लिखित बैंकों का लोन है।

  • भारतीय स्टेट बैंक (SBI)

  • बैंक ऑफ बड़ौदा

  • कॉर्पोरेशन बैंक

  • फेडरल बैंक लिमिटेड

  • आईडीबीआई बैंक

  • इंडियन ओवरसीज बैंक

  • जम्मू एंड कश्मीर बैंक

  • पंजाब एंड सिंध बैंक

  • पंजाब नैशनल बैंक

क्या था पूरा मामला (शार्ट में) :

एक समय था जब, विजय माल्या की गिनती देश के बड़े बिजनेसमैनों में होती थी। माल्या का किंगफिशर एयरलाइंस और शराब का बिजनेस था। किंगफिशर एयरलाइंस की स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी। तेल के रेट बढ़ने, ज्यादा टैक्स और खराब इंजन के चलते उनकी किंगफिशर एयरलाइन्स को 6,107 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा। 2005 में इसका कमर्शियल ऑपरेशन शुरू हुआ। उस दौर में प्रीमियम सेवाओं में इसका कोई तोड़ नहीं था। कंपनी ने इसके लिए भारी अमाउंट खर्च कर दिया, जिससे उसे कॉस्ट निकालना मुश्किल हो रहा था।

ऐसे में कंपनी ने देश की एक लो कॉस्ट एविएशन कंपनी खरीदने की कोशिशें शुरू कर दीं। यह कोशिश 2007 में कामयाब भी हुई माल्या ने 2007 में करीब 1200 करोड़ रुपये में एयर डेक्कन को खरीदा। माल्या के इसी कदम ने माल्या को बिजनेसमैन से भगोड़ा बनने पर मजबूर कर दिया। इस तरह माल्या पर बैंको का 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज होता चला गया। मार्च 2016 में विजय माल्या चुपचाप देश छोड़कर लंदन भाग गया और काफी समय तक गायब रहा। उसके बाद साल 2018 अप्रैल में उसे लंदन से गिरफ्तार किया गया था।

विजय माल्या ने इससे पहले प्रत्यर्पण संबंधी आदेश के खिलाफ आवेदन दायर किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था, इससे जुड़ी अन्य जानकारी के - क्लिक करें

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