हाइलाइट्स:
4 लाख 92 हजार से ज्यादा वोटों से वी. डी. शर्मा ने जीता था 2019 का चुनाव।
खजुराहो लोकसभा सीट पर 20 सालों से भारतीय जनता पार्टी की सत्ता काबिज।
वी. डी. शर्मा को चुनौती देने वाले आर. बी. प्रजापति रिटायर्ड IAS अधिकारी।
खजुराहो, मध्यप्रदेश। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मध्यप्रदेश से सबकी नजर रहेगी Khajuraho लोकसभा सीट पर। भाजपा का गढ़ माना जाने वाला खजुराहो, कभी उमा भारती की परंपरागत सीट हुआ करती थी। इस बार मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सिटिंग एमपी विष्णु दत्त शर्मा (V.D. Sharma) यहां से चुनावी मैदान में उतरे हैं। लेकिन उनके सामने विपक्ष की कोई चुनौती नहीं है। इंडिया गठबंधन द्वारा मध्य प्रदेश में सपा की इकलौती प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन रद्द होने के बाद, इस सीट के समीकरण दिलचस्प हो गए हैं। इंडिया गठबंधन ने आर. बी. प्रजापति (R. B. Prajapati) को सहयोग देने की घोषणा की है।
20 साल से भाजपा के हाथों में खजुराहो की सत्ता
मध्यप्रदेश की Khajuraho सीट भारतीय जनता पार्टी का गढ़ मानी जाती है। यहां पिछले 20 सालों से भाजपा की सत्ता है। उससे पहले 1989 से 1998 तक उमा भारती 4 बार खजुराहो की सांसद चुनकर आई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में V.D. Sharma ही भाजपा के विजयी प्रत्यशी थे। उन्होंने कांग्रेस की कविता सिंह को 4 लाख 92 हजार से ज्यादा मतों से हराया था। 2020 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद, अब वी. डी शर्मा फिर से खजुराहो से सांसदी लड़ने के लिए तैयार हैं।
सपा उम्मीदवार का पर्चा हुआ रद्द
2024 लोकसभा चुनावों के लिए इंडिया गठबंधन ने समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार मीरा यादव को खजुराहो से टिकट दी थी। नामांकन पर्चा भरने के बाद, जांच में इसे रद्द कर दिया गया। नामांकन खारिज होने की वजह ‘बी फॉर्म’ में हस्ताक्षर ना होना और 2023 विधानसभा चुनाव मतदाता सूची की प्रमाणित प्रति संलग्न ना करना बताई गई। इसके 10 दिन बाद सपा और कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन के तमाम दलों ने मिलकर खजुराहो में ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) के आर. बी. प्रजापति को सहयोग करने का ऐलान किया।
कौन है आर. बी. प्रजापति?
खजुराहो में वी. डी. शर्मा को चुनौती देने वाले नेता R. B. Prajapati एक रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में उन्होंने विभिन्न पदों पर कार्य किया है। प्रजापति कई जिलों के SDM और अपर कलेक्टर का पदभार भी संभाल चुके हैं। वे छतरपुर के गौरिहार क्षेत्र से आते हैं। प्रजापति ने चुनाव आयोग को अपनी कुल संपत्ति 1 करोड़ से ज्यादा बताई है।
ये समीकरण खास
सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन रद्द होने के बाद कांग्रेस या इंडिया अलायंस का कोई बड़ा नेता खजुराहो चुनाव प्रचार के लिए नहीं पहुंचा।
खजुराहो लोकसभा सीट ब्राह्मण और ठाकुरों के प्रभाव वाली सीट है। यहां हमेशा पार्टियां ब्राह्मणों को ही रिझाने के प्रयास में रहती है।
इस बार खजुराहो लोकसभा सीट से कुल 14 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे हैं।
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