लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को कहा कि कोरोना के कारण सेना भर्ती में लगी रोक परिश्रमी युवाओं के मनोबल को कमजोर करने के साथ सेना की तैयारियों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगी, इसलिए केन्द्र सरकार को कोरोना के सामान्य होते हालात के मद्देनजर अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
सुश्री मायावती ने सोमवार को ट्वीट किया ''कोरोना के कारण सेना में भर्ती रैलियों के आयोजन पर पिछले दो साल से लगी हुई रोक अभी आगे लगातार जारी रहेगी। संसद में दी गई यह जानकारी निश्चय ही देश के नौजवानों, बेरोजगार परिवारों व खासकर सेना में भर्ती का जज्बा रखने वाले परिश्रमी युवाओं के लिए अच्छी खबर नहीं है।"
उन्होंने कहा '' मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इसको लेकर सैन्य अफसर भी चिन्तित हैं, क्योंकि उनके अनुसार इस आर्मी रिक्रूटमेन्ट रैलियों पर अनवरत पाबन्दी का बुरा प्रभाव सेना की तैयारियों पर नीचे तक पड़ेगा। अब जबकि कोरोना के हालात नार्मल हैं, केन्द्र सरकार दोनों पहलुओं पर यथासमय पुनर्विचार करे।"
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते पिछले दो वर्षों में सेना में भर्ती रैलियों का आयोजन नहीं हुआ है। सरकार ने साफ किया है कि भर्ती रैलियों पर रोक नहीं लगाई गई है बल्कि इसे कोरोना महामारी के चलते स्थगित किया गया है ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
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