बिहार, भारत। राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों काफी चर्चा में है और बीते दिनों बिहार की राजधानी पटना में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बिहार में बीते 30 वर्षों से विकास कार्य नहीं हुए जाने का दावा करते हुए कहा था कि, लालू यादव या नितीश कुमार किसी ने भी विकास के कार्य नहीं किए। प्रशांत किशोर के इस बायन को लेकर अब विवाद शुरू हो गया है।
प्रशांत किशोर के बयान का कोई मतलब ही नहीं है :
दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा प्रशांत किशोर के इस बायन को 'फालतू' बताया है। उन्होंने पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि, ''प्रशांत किशोर के बयान का कोई मतलब ही नहीं है। उस पर क्या प्रतिक्रिया दी जाए। उनके बयान का कोई आधार नहीं है, वो कहां से आए हैं, कहां जाते हैं, कहां बैठते हैं, मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। Who is he? उनका राज्य की राजनीति में अब तक कोई महत्व रहा ही नहीं है। बेवजह उन्हें अहमियत दी जा रही है।"
इतना ही नहीं बल्कि पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नितीश कुमार के CAA लागू करने को लेकर भी पलटवार करते हुए कहा कि, ''मुख्यमंत्री के बयान का कोई अर्थ नहीं है। उनकी पार्टी ने संसद में बिल का समर्थन किया था। ऐसे में अब वो क्या बोलते हैं, उससे क्या फर्क पड़ता है।''
CAA-NRC को लेकर हमार स्टैंड शुरुआत से ही स्पष्ट रहा है। हमने संसद में भी इसका विरोध किया है। मुझे नहीं लगता कि, आने वाले समय में ये बिहार में लागू होने वाला है। विपक्ष की सभी पार्टियों के नेता एक जुट होकर इस मुद्दे के खिलाफ सड़क पर उतरे थे। जेडीयू ने तो कानून का संसद में समर्थन किया है। ऐसे में जब समर्थन में मत दिया है तो बयान का क्या मतलब है।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
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