महाराष्ट्र, भारत। पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले को लेकर महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टी व उद्धव ठाकरे की सरकार के नेता संजय राउत की मुश्किलें कम होने के बजाय बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के जाल में फंसे संजय राउत को हिरासत से राहत नहीं मिल रही है अब आज सोमवार को फिर उन्हें मुंबई की एक विशेष अदालत में पेश किया गया।
22 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा :
इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिवसेना सांसद संजय राउत को मुंबई की एक विशेष अदालत में पेश किया गया, तो यहां कोर्ट की ओर से न्यायिक हिरासत की अवधि को बढ़ा दिया है और 22 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा। हालांकि, अदालत ने उनके प्रति थोड़ी नरमी बताते हुए उनको जुडिशल कस्टडी में भी दवाई और घर का खाना देने की अनुमति दे दी है। साथ ही अदालत ने आर्थर रोड जेल के सुपरिटेंडेंट को संजय राउत के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देने के लिए कहा है, ताकि उनके लिए व्यवस्था की जाए।
आज हिरासत की थी अंतिम तारीख :
इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत को पात्रा चॉल जमीन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान उन्हें 8 अगस्त तक ED की हिरासत में रखने का फैसला किया था, जिसकी आज अंतिम तारीख थी, लेकिन आज भी कोर्ट ने संजय राउत को हिरासत से कोई राहत नहीं दी है।
कौन है संजय राउत?
बता दें कि, राजनीति में आने से पहले संजय राउत एक जाने-माने पत्रकार थे, जिन्होंने बालासाहेब ठाकरे के विचारों को लोगों तक पहुंचाने में मुख्य भूमिका निभाई थी। संजय राउत शिवसेना के बड़े और उद्धव ठाकरे के करीबी नेताओं में से एक हैं। इसके अलावा वह राज्यसभा के सांसद भी है। साथ ही वह शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक भी हैं, इस दौरान भी वह अपने बयानों को लेकर लगातार चर्चा में भी बने रहते हैं इस बीच कुछ दिनों से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिवसेना नेता संजय राउत पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में उन्हें हिरासत में ले लिया था।
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