नवांशहर। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने दावा किया है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन जीत हासिल करेगा। सुश्री मायावती ने मंगलवार को यहां गठबंधन की जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव में शिअद-बसपा गठबंधन जीत हासिल करेगी। अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को अगला मुख्यमंत्री बनाने के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा। उन्हें विश्वास है कि श्री बादल अगले मुख्यमंत्री बनने के बाद समाज के कमजोर वर्गों के जीवन में सर्वांगीण सुधार लाने के लिए विशेष योजनाएं शुरू की जाएंगी।
सुश्री मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी देश भर में स्वाभाविक तौर पर खत्म हो रही है और पंजाब में भारतीय जनता पार्टी इसके दिन गिने चुने हैं। लोगों को एहसास है कि भाजपा की कॉरपोरेट मानसिकता है, और कांग्रेस पार्टी के समान ही उसका भी वही हाल होगा।
इस मौके पर उनके साथ अकाली दल के प्रधान श्री सुखबीर बादल भी थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी केवल चुनाव के समय ही दलितों को याद करती है। एक बार चुनाव हो जाने के बाद मुख्यमंत्री चरनजीत चन्नी को दरकिनार कर देंगें, जिन्हें दिल्ली से रिमोट से नियंत्रित किया जा रहा है।
उन्होंने श्री चन्नी को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें पार्टी में पदोन्नत क्यों किया गया था। कांग्रेस पार्टी का चुनावों के दौरान दलित समुदाय का इस्तेमाल करने का पुराना इतिहास रहा है। कांग्रेस पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद भी श्री चन्नी ने श्री गुरु रविदास से आर्शीवाद लिया होता, तो बेहतर होता।
सुश्री मायावती ने कहा कि लोगों को पंजाब में आम आदमी पार्टी पर विश्वास करने से पहले दिल्ली के हालात खुद देख लेने चाहिए। आप सरकार ने कोविड महामारी के दौरान लाखों लोगों को दिल्ली छोडऩे पर मजबूर किया था। यह अपने ही नागरिकों की देखभाल करने में विफल रहे। उन्होने कहा कि अस्पतालों की स्थिति बहुत खराब है । सस्ती बिजली के दावे भी झूठे हैं, और पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं।
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सुश्री मायावती के पंजाब दौरे के बाद शिअद-बसपा गठबंधन राज्य में शानदार जीत हासिल करेगी। कांग्रेस सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल द्वारा पंजाबियों को दिए गए सभी सामाजिक भलाई लाभों को खत्म कर दिया या बंद कर दिया गया, लाखों नीले कार्ड काट दिए गए, बुढ़ापा पेंशन और शगुन योजना में कटौती कर पांच साल बर्बाद कर दिए।
उनके अनुसार पंजाबी आम आदमी पार्टी (आप) पर भरोसा नहीं करेंगें, जिनका एजेंडा ही पंजाब विरोधी है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का पंजाब से कोई लगाव नहीं है। श्री केजरीवाल ने प्रमुख मुददों पर सुप्रीम कोर्ट में पंजाब विरोधी रूख अपनाया है और पंजाब के नदी का पानी हरियाणा तथा दिल्ली को स्थानांतरित करने, थर्मल प्लांटों को बंद करने और पराली जलाने वाले किसानों, जिन्हें पराली जलाने के लिए मजबूर किया गया था के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की थी।
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