Punjab Chief Minister Amarinder comment on agricultural package Social Media
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पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर ने सरकार के कृषि पैकेज बताया 'जुमला'

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किए गए कृषि क्षेत्र से जुड़े ऐलानों को मात्र एक 'जुमला' करार दे दिया है।

Author : राज एक्सप्रेस

राज एक्सप्रेस। सरकार द्वारा कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से आत्मनिर्भर भारत अभियान की तीसरी किश्त कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों से जुड़ी रही जिसमें कृषि से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर जोर दिया गया है। इसी के चलते आज वित् मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े ऐलान किए हैं। परन्तु पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कॉन्फ्रेंस के दौरान किए गए कृषि क्षेत्र से जुड़े ऐलानों को मात्र एक 'जुमला' करार दे दिया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री का कहना :

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वित्त मंत्री सीतारणमण के ऐलानों को 'जुमला' करार देते हुए कहा कि, "कथित आर्थिक पैकेज में किसानों को कोई फौरी राहत घोषित नहीं की गई है। जबकि, किसान बेहद मुश्किल हालात में एक के बाद एक दो फसल मौसमों को संभाल रहे हैं। कैप्टन ने आगे कहा कि, बहुप्रतीक्षित आर्थिक पैकेज के घोषित तीन अंश समाज के लक्षित वर्गों के लिए निराशाजनक साबित होने के साथ स्पष्ट है कि केंद्र लोगों को कोविड-19 संकट व उसके नतीजतन किये लॉकडाऊन से जूझ रहे लोगों को राहत देने में अक्षम है।

वास्तव में है मदद की जरूरत :

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि, किसानों को कथित सुधारात्मक उपायों की नहीं, वास्तव में मदद की जरूरत है। जबकि, किसानों के लिए घोषणाओं में कुछ ठोस नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि, कृषि के मामले में सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में से एक पंजाब को गेहूं कटाई व खरीद में सहायता चाहिए थी जो केंद्र देने में विफल रहा। बार-बार अपील करने के बावजूद केंद्र सरकार ने किसानों को चरणों में खरीद पर बोनस देने की बात नहीं मानी।

उन्होंने कहा कि, अब धान बुवाई प्रदेश में शुरू हो रही है और एक बार फिर केंद्र सरकार मदद का कोई संकेत नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र को धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि, पराली जलाने से हतोत्साहित करने के लिए बोनस आदि की घोषणा करनी चाहिए थी।

ठोस व तुरंत राहत न पहुंचाने :

कैप्टन अमरिंदर ने इससे पूर्व प्रवासी मजदूरों के लिए की गई घोषणाओं को भी 'ठोस व तुरंत राहत न पहुंचाने' वाली करार दिया। उन्होंने कहा कि, दो महीने का नि:शुल्क राशन वैसे भी राज्य सरकारें मुहैया करा रही हैं, प्रवासी मजदूरों का औद्योगिक बस्तियों या शहरों से पलायन नहीं रोक पायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि, प्रवासियों को अपने गृह प्रदेश न जाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु स्पष्ट लाभों के अभाव में देश का औद्योगिक व आर्थिक पुनरुत्थान लॉकडाऊन हटाने के बावजूद नहीं हो पायेगा।

कैप्टन का सुझाव :

कैप्टन ने केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि, इस समय वह दूरगामी सुधारों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय कोरोना व लॉकडाऊन से सबसे ज्यादा प्रभावित वर्गों की जरूरतों पर ध्यान दें। वहीं, दूसरी तरफ आज ही वित् मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि से जुड़े कई बड़े ऐलान किए हैं। इन ऐलानों को जानने के लिए - क्लिक करें

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