राज एक्सप्रेस। कर्नाटक के लेखक के एस भगवान ने भगवान राम पर विवादित टिप्पणी की है। हाल ही में हुए रामचरितमानस विवाद के बाद अब एक और विवाद को हवा दी जा रही है। भगवान ने एक कार्यक्रम के दौरान ऋषि वाल्मीकि द्वारा रचित वाल्मीकि रामायण के हवाले से कहा-
कही और भी आपत्तिजनक बातें
लेखक केएस भगवान ने कहा : "भगवान राम ने बिना परवाह किए अपनी पत्नी सीता को जंगल में भेज दिया था। राम ने एक पेड़ के नीचे तपस्या कर रहे शूद्र शंबूक का सिर काट दिया था।आखिर राम कैसे आदर्श हो सकते हैं? राम राज्य बनाने की बात चल रही है लेकिन वाल्मीकि रामायण के उत्तर कांड को पढ़ने से पता चलता है कि राम आदर्श नहीं थे। उन्होंने 11,000 वर्षों तक शासन नहीं किया बल्कि केवल 11 वर्षों तक शासन किया था।"
2018 और 2015 में की थी टिप्पणी
2018 - लेखक केएस भगवान ने इसी तरह का विवाद खड़ा किया था, जहां उन्होंने कहा था कि वाल्मीकि रामायण के अनुसार, भगवान राम नशा पीते थे और मां सीता को भी इसका सेवन कराते थे। केएस ने अपनी पुस्तक 'राम मंदिर येके बेड़ा' में भी यह टिप्पणी की थी और उस समय भी उनके बयान का जोरों से विरोध हुआ था। यहां तक की लेखक के घर के बाहर लोगों ने भगवान राम की पूजा करने की भी कोशिश की थी।
2015- को मैसूर में एक कार्यक्रम के दौरान लेखक भगवान ने कहा कि वह हिंदू धर्मग्रंथ भगवद गीता के कुछ पन्नों को जलाएंगे, जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए मामला दर्ज किया था। उन्होंने कहा कि शास्त्र के अध्याय 9 में श्लोक 32 और 33 में महिलाओं, वैश्यों और शूद्रों को "पापियों" के रूप में वर्णित किया गया है।
कौन है केएस भगवान?
कल्लहल्ली सन्नेगौड़ा भगवान उर्फ केएस भगवान एक भारतीय कन्नड़ लेखक, तर्कवादी, अनुवादक, आलोचक, विद्वान और सेवानिवृत्त प्रोफेसर है। हिंदू धर्म, भारतीय संस्कृति और इतिहास पर अपने कार्यों के अलावा, उन्होंने जूलियस सीज़र और हेमलेट सहित विलियम शेक्सपियर की रचनाओं का अनुवाद किया है। वह राज्योत्सव पुरस्कार, कुवेम्पु पुरस्कार और लोकायत पुरस्कार सहित कई पुरस्कारों के नवाज़े जा चुके हैं।
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