संबित पात्रा ने कांग्रेस पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप Social Media
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राफेल सौदे में कांग्रेस ने लिया कमीशन: संबित पात्रा

राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे मामले में फ्रांस की पत्रिका 'मीडियापार्ट' की ओर से हुए खुलासों को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए राफेल सौदे में कमीशन लेने का आरोप लगाया है।

News Agency, राज एक्सप्रेस

नई दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे मामले में फ्रांस की पत्रिका 'मीडियापार्ट' की ओर से हुए खुलासों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर हमलावर होते हुए राफेल सौदे में कमीशन लेने का आरोप लगाया है।

मंगलवार को यहाँ आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा (Sambit Patra) ने 'मीडियापार्ट' की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बिचौलिए सुषेन गुप्ता के नाम का जिक्र करते हुए कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि जिस बिचौलिए का नाम 'अगस्ता वेस्टलैंड' घोटाले में सामने आया था, उसी का नाम राफेल सौदे में भी आया है।

उन्होंने कहा, "राफेल का विषय कमीशन की कहानी थी, बहुत बड़े घोटाले की साजिश थी। यह पूरा मामला 2007 से 2012 के बीच हुआ। यह भ्रष्टाचार तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कालखंड में हुआ। फ्रांस के एक मीडिया संस्थान ने कुछ वक्त पहले यह खुलासा किया कि राफेल में भ्रष्टाचार हुआ था।"

श्री पात्रा ने कहा, "2007 से 2012 के बीच में राफेल में ये कमीशनखोरी हुई है, जिसमें बिचौलिया कोई नया खिलाड़ी नहीं है। यह पुराना खिलाड़ी है, जिसे 'अगस्ता वेस्टलैंड' मामले का 'किंगपिन' माना जाता है। सुषेन गुप्ता अगस्ता वेस्टलैंड में बिचौलिया था, वह 2007 से 2012 के बीच राफेल सौदे के घूस में भी शामिल था, ऐसा इत्तेफाक हमेशा हकीकत होता है।

उन्होंने कहा, "कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) शायद हिंदुस्तान में नहीं है। वह इटली में हैं। इटली से वह इस भ्रष्टाचार के बारे में जवाब दें। कांग्रेस ने भ्रम फैलाकर 2019 के आम चुनावों से पहले देश को गुमराह करने की कोशिश की थी, लेकिन अब सच सबके सामने आ गया है इस सौदे में भ्रष्टाचार उन्ही की सरकार के कालखंड में हुआ।"

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 10 वर्षों तक भारतीय वायुसेना के पास लड़ाकू विमान नहीं थे। इतने वर्षों तक सिर्फ समझौता किया गया और सौदे को अटकाए रखा गया। यह समझौता सिर्फ कमीशन के लिए अटकाए रखा गया। ये समझौता विमान के लिए नहीं हो रहा था। बल्कि कमीशन के लिए हो रहा था।

उन्होंने कहा, ''कांग्रेस के कालखंड में 'एग्रीमेंट ऑफ पर्चेज' तो हमने देखा नहीं, लेकिन एक 'एग्रीमेंट ऑफ कमीशन' जरूर हमारे सामने आ गया। यह कमीशन कोई दो से चार फीसदी की नहीं थी। कांग्रेस ने विश्व में कमीशन के रिकॉर्ड को तोड़ा है। इस सौदे में 40 फीसदी की दर से कमीशन लिया गया।

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