राज एक्सप्रेस। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज कहा कि केंद्र सरकार ने जहां बिहार के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोटा बढ़ा दिया है, वहीं राज्य के 15 स्थानों पर ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने की प्रक्रिया की शुरूआत कर दी है। श्री पांडेय ने शुक्रवार को यहां बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूर्व में 21 अप्रैल से 9 मई तक बिहार को आवंटित रेमडेसिविर इंजेक्शन का कोटा अब बढ़ाकर 21 अप्रैल से 16 मई तक एक लाख 50 हजार कर दिया है। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की जिलेवार आवंटन में परिवर्तन किया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब नई व्यवस्था के तहत आवंटन का 50 प्रतिशत भाग सिविल सर्जन द्वारा जिलातंर्गत जिला के सरकारी अस्पतालों में उपयोग करने एवं शेष 50 प्रतिशत चिन्नित निजी अस्पतालों में इलाजरात रोगियों के लिए दिया जाएगा है । वहीं पटना जिला सिविल सर्जन को आवंटित रेमडेसिविर इंजेक्शन का 20 प्रतिशत सरकारी अस्पताल में और शेष 80 प्रतिशत पटना जिला के चिन्हित निजी अस्पतालों में इलाजरत मरीजों के लिए पूर्व में निर्धारित व्यवस्था के तहत दिया जायेगा। जबकि पटना को छोड़कर अन्य जिलों में यह अनुपात 50-50 प्रतिशत का रहेगा।
श्री पांडेय ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण एवं सदुपयोग की निगरानी सिविल सर्जन एवं सहायक औषधि निरीक्षक समान रूप से करेंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्त्रोतों से ऐसी सूचना प्राप्त हो रही थी कि निजी अस्पतालों को पूर्व में उपलब्ध कराये गये रेमडेसिविर इंजेक्शन की पूर्ण खपत किये बिना ही औषधि के लिए पुन: अधियाचना कर दी जा रही थी। जिसके आलोक में अब नई व्यवस्था के तहत सीएस इस बात की सत्यता जांच लेंगे कि पूर्व में उपलब्ध कराये गये रेमडेसिविर का पूर्ण उपयोग कर लिया गया है या नहीं। उपयोग किये गये इंजेक्शन की विवरणी निजी अस्पतालों को सीएस को समर्पित करनी होगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य के 15 स्थानों डेहरी ऑन सोन(रोहतास), महुआ (वैशाली), रजौली (नवादा), नरकटियागंज (पूर्वी चंपारण), महाराजगंज (सिवान), जयनगर (मधुबनी), जगदीशपुर (भोजपुर), डुमरांव (बक्सर), मसौढ़ी (पटना), पटौरी (समस्तीपुर), बनमनखी (पूर्णिया), फारबिसगंज (अररिया), सिमरी बख्तियारपुर (सहरसा), बलिया (बेगूसराय) और कहलगांव (भागलपुर) में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है । इसकी निगरानी रक्षा मंत्रालय के डीआरडीओ द्वारा की जायेगी एवं सिविल और विद्युत संबंधी कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिककरण के द्वारा कराया जायेगा। इसके साथ ही राज्य के सभी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को अतिशीघ्र ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने का निर्देश दिया गया है।
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