राज एक्सप्रेस। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायकों ने रविवार सुबह फिर वीडियो जारी कर कहा कि, हमने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। हम अपनी स्वेच्छा से यहां आए हुए हैं और किसी ने हमें बंधक नहीं बनाया है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हमने सीआरपीएफ की सुरक्षा मांगी है, हो सकता है कि हमें स्पीकर से मिलने नहीं दिया जाए। विधायकों ने यह भी कहा कि, अगर परिजनों द्वारा कोई शिकायत की जाए तो उसे अमान्य कर दिया जाए।
बता दें, इन 22 विधायकों में वे छह विधायक भी शामिल हैं, जिनकी सदस्यता शनिवार शाम को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने समाप्त कर दी थी। तुलसीराम सिलावट, महेंद्र सिंह चौहान. डॉ. प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी, गोविंद सिंह और प्रद्युम्न सिंह को राज्यपाल पहले ही मुख्यमंत्री की सिफारिश पर मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर चुके हैं। मध्य प्रदेश की सियासत हर रोज नए मोड़ ले रही है।
दूसरी ओर कांग्रेस के प्रवक्ता जफर ने वीडियो की विश्वसनियता पर सवाल किए हैं। उन्होंने इमरती देवी का एक वीडियो जारी किया है। जिसमें फुसफुसाने की आवाज आ रही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि ये वीडियो उनसे जबरदस्ती बनवाया जा रहा है। अब स्थिति फ्लोर टेस्ट के बाद ही साफ़ हो पाएगी की किस दल के दावे सच्चे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने कांग्रेस सरकार से खुद को खतरा बताया और कहा कि जब सिंधिया जी को भोपाल में निशाना बनाया जा सकता है तो हमें भी खतरा है।
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