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World Happiness Day: 7वें साल भी फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश, जानें क्‍यों इतने हैप्‍पी हैं यहां के लोग

अगर आप महंगी और शो ऑफ भरी लाइफ को खुशी का नाम दे रहे हैं, ताे आप गलत है। हमें फिनलैंड के लोगों से सीखना चाहिए कि असली खुशी क्‍या होती है।

Author : Deepti Gupta

हाइलाइट्स :

  • हर साल 20 मार्च को मनाया जाता है वर्ल्‍ड हैप्‍पीनेस डे।

  • फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश।

  • नेचर को एन्‍जॉय करते हैं फिनिश लोग।

  • सफलता नहीं, खुशी पर देते हैं ध्यान।

World Happiness Day 2024 : हर साल 20 मार्च को वर्ल्‍ड हैप्‍पीनेस डे मनाया जाता है। इस मौके पर बुधवार को वर्ल्‍ड हैप्‍पीनेस रिपोर्ट जारी हुई। इसमें फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश बना हुआ है। बता दें कि फिनलैंड पिछले सात सालों से खुशहाली के मामले में नम्‍बर 1 पर है। जबकि इस लिस्‍ट में भारत को 126वां स्‍थान मिला है। क्‍योंकि आज की भागदौड़ भरी जिन्‍दगी में हम खुश रहना भूल गए हैं । सुबह से शाम तक बस लोग काम, काम और बस काम किए जा रहे हैं। अगर पूछा जाए कि आप आखिरी बार खुलकर कब हंसे थे, तो याद नहीं होगा। जबकि खुशी एक ऐसा अनुभव है जिसे जिया जाना चाहिए। फिनलैंड के लोग खुशी को महसूस करते हैं और उसे जीते भी हैं। यहां ऐसे 7 कारण बताए गए हैं, जो फिनलैंड के लोगों को खुश रखते हैं। आप भी उनकी इन हैप्‍पी स्‍ट्रेटजी को फॉलो कर सकते हैं।

अपराध और भ्रष्टाचार से दूर हैं लोग

फिनलैंड के लोगों के खुश रहने का सबसे बउ़ा कारण है यहां पर अपराध और भ्रष्टाचार का न होना। यहां पब्लिक सर्विस अच्‍छे से वर्क करती हैं और सरकार व जनता के बीच एक विश्वास बना हुआ है। बता दें कि फिनलैंड एक सेफ ट्रेवल डेस्टिनेशन भी है और यहां आने वाले पर्यटकों को दिल से स्‍वागत करता है।

प्रकृति को देते हैं महत्‍व

प्रकृति हमारे खुश रहने का एक अच्‍छा जरिया है, जिसका लाभ हम भारतीय नहीं लेते। लेकिन फिनलैंड के लोग प्रकृति के बेहद करीब हैं। यहां हर कोई प्रकृति का आनंद लेने के लिए स्वतंत्र है। 2021 के सर्वे के अनुसार, 87% फिन्स को लगता है कि प्रकृति उनके लिए जरूरी है क्योंकि यह उन्हें मानसिक शांति और ऊर्जा देने के साथ ही रिलेक्‍स फील कराती है।

बातूनी और सौहार्दपूर्ण होते हैं लोग

फिनिश लोग बातूनी, सौहार्दपूर्ण और मेहमाननवाजी करने में सबसे आगे होते हैं। ये वो गुण हैं,जो वास्‍तव में एक फिनिश पर्सनालिटी को डेवलप कर उन्‍हें खुशहाल नागरिक बनाते हैं।

खुशी रखती है मायने

हम इंडिन जहां सफलता के पीछे भाग रहे हैं, वहीं फिनलैंड के लोग खुशियों के पीछे भागते हैं। फिनलैंड में सबसे अमीर व्‍यक्ति भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करता है। फिनिश लोग हर उस चीज पर ध्‍यान देते हैं, जो आपको खुश करती है न कि सफल। वहां के लोगों का मानना है कि सच्‍ची खुशी पानी है , तो उसके लिए दूसरों से अपनी तुलना न करें।

विश्‍वास का दायरा नहीं तोड़ते

रिसर्च से पता चलता है कि किसी देश के भीतर ट्रस्‍ट लेवल जितना ज्‍यादा होता है, वहां के नागरिक उतने ही ज्‍यादा खुश होते हैं। फिनिश लोग एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं और ईमानदारी को महत्व देते हैं।

नई स्किल्‍स सीखते हैं

यहां लोगों को नई स्किल्स को सीखने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि नई चीजें सीखना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है ।बता दें कि फिनलैंड में बड़ी संख्या में एसोसिएशन हैं, जहां लोग एक साथ योग से लेकर मिट्टी के बर्तन बनाने की क्‍लासेस तक अटैंड कर सकते हैं।

वर्क-लाइफ बैलेंस को प्रायोरिटी देते हैं

फिनलैंड में लोग कड़ी मेहनत करते हैं, उनके काम के घंटे काफी हद तक ठीक होते हैं। इसलिए वहां के लोगों के पास अच्छा वर्क लाइफ बैलेंस संतुलन है। यह उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में उन्‍हें रिलेक्‍स और सेल्‍फ लव व केयर का मौका देता है।

यहां फिनलैंड के लोगों के खुश रहने का राज बताया गया है। अगर हम भारतीय इनमें से दो से तीन स्‍ट्रेटजी भी फॉलो कर लें, तो भारत को खुशहाल देश बनने में देर नहीं लगेगी।

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