स्मार्ट वर्क पर विश्वास करते हैं टॉपर्स।
याद रखने के लिए स्मार्ट टेक्निक का यूज करना जरूरी।
निमोनिक्स का यूज करें।
विज्युलाइजेशन पर ध्यान दें।
राज एक्सप्रेस। आज हर कोई टॉपर बनना चाहता है। लेकिन हम सभी जानते हैं, कि टॉपर वही बनता है, जो कड़ी मेहनत करता है। टॉपर्स को देखकर हम यही सोचते हैं कि इन्हें सबकुछ याद कैसे करता है। बता दें कि टॉपर्स स्मार्ट वर्क में विश्वास करते हैं। अच्छी ग्रेड के लिए कड़ी मेहनत और स्मार्ट वर्क बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा परीक्षा के दौरान टॉपर छात्र अच्छे अंक पाने और सबकुछ याद रखने के लिए कुछ स्मार्क तकनीक का उपयोग करते हैं और उनका एक अलग शेड्यूल होता है। अगर आप भी ये तकनीक अपना लेते हैं, तो आपको टॉपर बनने से कोई नहीं रोक सकता। तो चलिए जानते हैं टॉपर्स की उन तकनीक के बारे में, जो उनकी मेमाेरी को बूस्ट करने में मदद करती हैं।
टॉपर्स कभी रटते नहीं है। टॉपर्स आगे बढ़ने के लिए एक्रोनिम्स और राइम्स जैसे मेमोरी एड्स का उपयोग करते हैं। इससे न केवल उनकी स्टडी में क्रिएटिविटी एड होती है, बल्कि चीजों को वे एक्रोनिम्स और राइम्स के जरिए समझने की कोशिश करते हैं। इससे पढ़ी हुई चीज को लंबे समय तक याद रखना आसान हो जाता है।
परीक्षा के दौरान पूरे सिलेबस को याद रखना किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन टॉपर्स ये काम बड़ी आसानी से कर लेते हैं। क्योंकि वे विज्युलाइजेशन तकनीक को अपनाते हैं। इससे उन्हें मन की आंखों से देखने से मदद मिलती है। किसी भी कठिन टॉपिक को याद करने के लिए वे मेंटल इमेज क्रिएट करते हैं, स्टडी मटेरियल से जुड़ा डायग्राम बनाते हैं, चाहे वह कोई ऐतिहासिक घटना हो या वैज्ञानिक प्रक्रिया, मेंटल इमेजेस का निर्माण पढ़ाई में बदल जाता है।
टॉपर बनने में सेल्फ टेस्टिंग तकनीक बहुत काम आती है। रेगुलर सेल्फ टेस्ट से टॉपर्स को अपनी समझ का आकलन करने में मदद मिलती है और फाइनल एग्जाम के लिए मेमोरी पॉवर तेज होती है।
कहते हैं ना कि ज्ञान बांटने से बढ़ता है। टॉपर्स मेमोरी को बूस्ट करने के लिए यह तकनीक भी अपनाते हैं। ऐसे छात्र पहले कॉन्सेप्ट को समझते हैं और फिर अपने दोस्तों या परिवार के लोगों को ही इसे समझाते हैं। इससे इस बात का अनुमान लग जाता है कि उन्हें वो टॉपिक कितना याद है।
एक और प्रभावी मेमोरी तकनीक है कहानी बनाना। जो चीजें आपको याद नहीं हो रही, उन्हें कहानी के रूप में याद रखें। खासतौर से फिजिक्स और मेथ्स के फॉमूर्लों पर यह तकनीक बहुत बढ़िया काम करती है। इन फॉमूर्ला को आप एक कहानी के तौर पर याद रख सकते हैं।
हम सभी जानते हैं कि पर्याप्त नींद न लेने से आपकी याददाश्त पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर आप सोचते हैं कि टॉपर्स कौन सी चीजें अलग ढंग से करते हैं , तो पर्याप्त नींद लेना इनमें से एक है। पढ़ाई के तुरंत बाद सो जाने से तुरंत पढ़े गए टॉपिक को याद रखने में सुधार होता है। स्टडी से पता चलता है कि जो छात्र याद करने के कुछ घंटों के भीतर सो जाते हैं, वे चीजों को बेहतर ढंग से याद रखने में सक्षम होते हैं।
कई टॉपर्स यह मानते हैं कि टहलने से उनकी ममोरी तेज होती है। टहलना शरीर और मस्तिष्क दोनों के लिए अच्छा है। इस मेमोरी तकनीक का लाभ उठाने के लिए, किसी लेक्चर की रिकॉर्डिंग सुनने और डेफिनेशन व इक्वेशन को याद करने से पहले थोड़ी देर टहलना जरूरी है।
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