इन 4 तरह के दोस्‍तों से बना लें दूरी Raj Express
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इन 4 तरह के दोस्‍तों से बना लें दूरी, वरना जिन्‍दगी में घोल देंगे जहर

जिस तरह सही दोस्‍ती हमें जीवन में बहुत आगे ले जाती है, वहीं गलत दोस्‍त आपके जीवन के लिए बड़ा खतरा बन जाते हैं। यहां बताया गया है किस तरह के दोस्‍तों से बचना चाहिए।

Deepti Gupta

हाइलाइट़स :

  • जीवन में दोस्‍त बनाना जरूरी।

  • सोच समझकर बनाएं दोस्‍त।

  • झूठे दोस्‍तों से दूर रहें।

  • स्‍वार्थी व्‍यक्ति को अपना दोस्‍त न बनाएं।

राज एक्सप्रेस। हम सभी दोस्‍ती के मायने जानते हैं। दोस्‍ती का रिश्‍ता किसी भी रिश्‍ते से काफी ऊपर होता है। यह रिलेशनशिप कुछ ऐसी है, जिसमें सच झूठ, धोखे के लिए कोई जगह नहीं होती। एक सच्‍चा दोस्‍त आपको ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है, वहीं अगर दोस्‍त मतलबी या झूठा निकल जाए, तो आपका जीवन नर्क भी बना सकता है। इसलिए दोस्‍त बनाने में बहुत ज्‍यादा सतर्कता बरतनी पड़ती है। अगर आपका सफर नए दोस्त बनाने से शुरू हो रहा है, तो यहां बताया गया है कि किन4 तरह के दोस्‍तों से आपको दूर रहना चाहिए।

झूठ बोलने वाला

यह सच है कि किसी के चेहरे पर लिखा नहीं होता कि वह कैसा है। आपकी समझ और अनुभव ही दोस्‍त बनाने में काम आता है। अगर कोई व्यक्ति झूठ बोलता है या फिर झूठ को छिपाता है, तो आपको उससे दोस्‍ती नहीं करनी है। बेहतर होगा इससे दूर रहें और एक सच्‍चे दोस्‍त की तलाश करें।

चुगली करने वाला

दुनिया में चुगली करने वालों की कमी नहीं है। ऐसे लोग आपको अपने आसपास खूब मिल जाएंगे। ऐसे लोगों की जिंदगी में गपशप बहुत मायने रखती है। उन्‍हें दूसरों की जिन्‍दगी में दखल देना और उनके बारे में अफवाहें फैलाना बहुत अच्छा लगता है। अगर आपके फ्रेंड सर्कल में ऐसा कोई है, तो उसे अपना बेस्‍ट फ्रेंड ना बनाएं। ऐसे लोग न केवल दूसरों को परेशान करते हैं, बल्कि इनका व्यवहार भी खतरनाक होता है।

स्‍वार्थी

स्‍वार्थी लोग सिर्फ लेना जानते हैं देना नहीं। अगर किसी को ऐसा दोस्‍त मिल जाए, तो आने वाले समय में ऐसी दोस्‍ती बहुत भारी भी पड़ सकती है ।ऐसे लोग हमेशा आपसे लेते हैं लेकिन देने के नाम पर ढेरों बहाने इनके पास होते हैं। ये लोग अक्सर लोगों का फायदा उठाते हैं और उनसे सारे काम करने की अपेक्षा करते हैं। इस प्रकार के दोस्‍त से पूरी तरह बचना ही सबसे अच्छा तरीका है। क्‍योंकि आखिरी में ये आपको ही फंसा देंगे।

नकारात्मक सोच वाला

सही मायने में दोस्‍त वहीं होता है, जो हमें सही और गलतके बीच का अंतर बताए। लेकिन जो दोस्‍त जब भी आपसे बात करें , नेगेटिव ही बोलें। उन्‍हें अपना दोस्‍त बनाने के बारे में सोचें भी नहीं। ऐसे लोग आपको मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। इनसे दूर रहने में ही भलाई है। इसके बजाय सकारात्मक लोगों के बीच रहें और कुछ अच्‍छा सीखें।

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