विभिन्न संस्कृतियों से आए जोड़ों के बीच सांस्कृतिक मतभेद आम है।
एक दूसरे की संस्कृति को न समझने से रिश्तों में खटास आती है।
दूसरी संस्कृति के बारे में खुद को एजुकेट करें।
सांस्कृतिक मतभेदों को सेलिब्रेट करना सीखें।
राज एक्सप्रेस। शादी एक ऐसा बंधन है, जिसे सफल बनाने के लिए हम सभी को थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है। खासतौर से आपकी शादी दूसरी संस्कृति में हुई है, तो इसे निभाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने पड़ते हैं। अगर कोशिश न की जाए, तो आपके रिश्ते में खटास आ सकती है। आजकल तो वैसे भी इंटरकास्ट मैरिज का जमाना है। लव मैरिज करने वाले ज्यादातर कपल्स अलग-अलग संस्कृतियों से आते हैं। जहां उनकी भाषा, खानपान, पहने ओढ़ने का तरीका सब कुछ बहुत अलग होता है। शादी से पहले तो इन सब पर ध्यान नहीं जाता, लेकिन बाद में सांस्कृतिक मतभेदों को हैंडल करना काफी मुश्किल हो जाता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि दूसरे कल्चर में शादी करने का मतलब है नई परंपराओं, जीवन जीने के तरीकों और उम्मीदों के साथ एक नई पारिवारिक जिन्दगी की शुरुआत करना है। आपको केवल साथी के साथ नहीं, बल्कि उसके परिवार के साथ भी रिश्ता निभाना है। ऐसे कई कपल्स हैं, जो कई सालों बाद भी लव और अरेंज मैरिज दोनों में अपनी संस्कृति में अंतर के कारण संघर्ष करते हैं। यहां कुछ तरीके बताए गए हैं, जो इन चुनौतियों से निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं।
संचार किसी भी सफल रिश्ते की नींव है। और जब कल्चर डिफरेंस हों, तब तो यह और भी जरूरी हो जाता है। अपने कल्चरल बैकग्राउंड, मान्यताओं और परंपराओं के बारे में अपने पार्टनर से खुली और ईमानदार बातचीत करें। आपकी संस्कृति के प्रति उसका नजरिया कैसा है, इस पर उसके अनुभव जानें। आलोचना करने के बजाय समझने की कोशिश करें। ऐसा करने से आप दोनों का रिश्ता पहले से ज्यादा मजबूत हो जाएगा।
जिन लोगों की शादी उनके कल्चर से अलग दूसरे कल्चर में होती है, वहां मतभेद होना आम है। चीजों को ठीक से मैनेज करने के लिए आपको खुद को उस कल्चर के बारे में एजुकेट करना होगा। अच्छा होगा अगर आप अपनी फैमिली को भी दूसरे कल्चर के बारे में एजुकेट करें। चाहें, तो अंतर सांस्कृतिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित करने वाली किताबों, सेमिनार या ऑनलाइन क्लासेस में भी भाग ले सकते हैं। इससे आप दोनों के बीच संबंध गहरा होगा।
दो संस्कृतियों की सकारात्मकता और नकारात्मकता पर चर्चा करें और संयुक्त रूप से चुनें कि आपके रिश्ते में कौन से हिस्से सबसे सही रहेंगे। अपने साथी से अपनी संस्कृति की कमजोरियों और खूबियों के बारे में बात करें। इससे यह तय करने में मदद मिलेगी कि दोनों संस्कृतियों की कौन-सी विशेषताएं आपके परिवार को बेहतर और खुशहाल बना सकती हैं।
अगर आपने अपनी मर्जी से दूसरी संस्कृति में शादी की है, तो आप इसमें आने वाली चुनौतियों से भाग नहीं सकते। एक दूसरे के कल्चर को अपनाना और उसके साथ एडजस्ट करना ही आप दोनों के रिश्ते को मजबूत बनाएगा। अगर आप अपने साथी को खुश देखना चाहते हैं, तो आपको कुछ चीजों को लेकर समझौता करना ही होगा। मतभेदों, समस्याओं और समाधानों की पहचान करने से पहले एक-दूसरे की बात सुनना भी बहुत जरूरी है।
मान लीजिए आप हिंदू हैं और आपका साथी बंगाली या दक्षिण भारतीय है, तो आपको उसे थोड़ा समय देना होगा, ताकि वह आपके कल्चर को अपना सके। अगर आप बार-बार टॉर्चर करेंगे, तो उसे आपकी संस्कृति के साथ तालमेल बिठाने में दिक्कत हो सकती है। इसलिए धैर्य रखें और उसे आपके कल्चर में ढलने के लिए भरपूर समय देने की कोशिश करें।
सांस्कृतिक मतभेदों को बाधाओं के रूप में देखने के बजाय उनसे कुछ सीखें। अपने साथी की सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और त्योहारों में दिलचस्पी दिखाएं। उसके त्योहारों में भाग लें, नए व्यंजन आज़माएं और उनके रीति-रिवाजों के बारे में जानने की उत्सुकता रखें। यह आपसी प्रशंसा आपके बंधन को मजबूत करती है।
इंटरकास्ट मैरिज में कल्चर डिफरेंस को दूर करने के लिए समझ, संचार और आपसी सम्मान को संतुलित बनाने की जरूरत होती है। विविधता को अपनाने और एक-दूसरे की सांस्कृतिक विरासत को सेलिब्रेट करने से आपका रिश्ता मजबूत हो सकता है।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।