डॉग के साथ बेड शेयर करने से तनाव में आती है कमी।
कुत्ते की लार से त्वचा में इंफेक्शन होता है।
दिनचर्या को नियमित बनाते हैं डॉग।
अनहाइजेनिक होता है पालतू जानवर को बिस्तर पर सुलाना।
राज एक्सप्रेस। अगर हमारे घर में कोई पालतू जानवर होता है, जैसे कुत्ता या बिल्ली, तो हम उससे काफी अटैच हो जाते हैं। उसके साथ इतना ज्यादा जुड़ाव हो जाता है कि हम उसके लिए फिर कोई लिमिट नहीं रखते। उसे बेफिक्री के साथ घर के अंदर कहीं भी घुसने की इजाजत दे देते हैं। यहां तक की अपने पेट के साथ बिस्तर शेयर करने से भी हमें कोई प्रॉब्लम नहीं होती। एक अनुमान के मुताबिक आधे से ज्यादा लोग अपने पालतू जानवरों के साथ बिस्तर पर सोते है। क्या वास्तव में यह तरीका सही है। वेटनरी डॉक्टर राहुल शर्मा कहते हैं कि ज्यादातर लोग डॉग को अपने घर का अहम सदस्य मानते हैं, इसलिए वह उनके आराम और खुशी का ख्याल रखते हैं। हर चीज के फायदे और नुकसान होते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को अपनी सुरक्षा और सहूलियत को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लेना चाहिए।
पेट को अपने साथ बिस्तर पर सुलाने से व्यक्ति को शांति, आराम और सुरक्षा की भावना का अहसास होता है। एक्सपर्ट कहते हैं कि पालतू जानवर भावनात्मक संबंध प्रदान करता है। इनके साथ रहने से चिंता और तनाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
जरा सोचिए, ठंड के मौसम में अगर आपका डॉग आपके साथ सोता हो, तो आपको कहां ठंड लगने वाली है। दरअसल, डॉग आपको गर्माहट का अहसास दिलाते हैं और गहरी नींद लाने में मदद करते हैं।
डॉग हमारी दिनचर्या का जरूरी हिस्सा हो सकता है। दरअसल, पालतू जानवर दिनचर्या के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं। ऐसे में ये आपके सोने, जागने और बेहतर नींद लेने की दिनचर्या को बेहतर बना सकते हैं।
बेस्ट फ्रेंड एनिमल सोसाइटी के नेशनल ट्रेनर अमांडा फराह के अनुसार, जब लोगों का कुत्ता उनके साथ सोता है, तब उन्हें गहरी और अच्छी नींद आती है। जाहिर है , आप अच्छी नींद लेंगे, तो ब्लड प्रेशर के साथ स्ट्रेस भी कम रहेगा और इम्यून सिस्टम भी स्ट्रांग होगा।
पालतू जानवर के साथ सोने से एलर्जी हो सकती है। खासतौर से घर में छोटे बच्चे और लो इम्यूनिटी वाले लोग हैं, तो उनके लिए ये खतरा हैं। क्योंकि जानवरों के शरीर के बालों में एलर्जी पैदा करने वाले तत्व होते हैं। ऐसे में जब ये हमारे पास सोते हैं तो खतरा बढ़ जाता है।
हर व्यक्ति को दिनभर में 7-8 घंटे अच्छी नींद लेने की जरूरत होती है। ऐसे में अगर आप अपने डॉग को साथ सुला रहे हैं, तो उसके शरीर की गंध, लात मारने और बार-बार जागने की आदत से आपकी स्लीपिंग साइकिल डिस्टर्ब हो सकती है। जिससे अगले दिन आप लो फील होगा और परफॉर्मेंस में कमी आएगी।
कुत्ते के बाल बहुत मुलायम होते हैं। इसलिए ये आसानी से इनकी स्किन से अलग हो जाते हैं। इससे डिहाइर्डेशन होता है और त्वचा भी ड्राई हो जाती है। आपके पालतू जानवर के बाल आपकी कोमत त्वचा को ड्राई बना देते हैं। इसलिए इन्हें अपने साथ बिस्तर पर सुलाने से जलन और खुजली की समस्या बढ़ जाती है।
कोई कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले, लेकिन पालतू जानवर को अपने बिस्तर पर सुलाने से स्वच्छता का अभाव तो होता ही है। हर सुबह बिस्तर पर मिलने वाले फर, उसके गंदे पैरों से बिस्तर गंदे हो सकते हैं। ज्यादातर लोगों के लिए यह काफी मुश्किल हो सकता है, क्योंकि बार-बार निगरानी की जरूरत पड़ती है। अगर थोड़ी सी भी लापरवाही की, तो स्वच्छता से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
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