राज एक्सप्रेस। तेज गर्मी के बाद बारिश का मौसम हमारे लिए ही नहीं, बल्कि हमारे पेट्स के लिए भी खुशियां लेकर आता है। हालांकि बारिश से जुड़ी सारी खुशियों के बीच आपके पेट्स को स्किन इंफेक्शन और अपच सहित कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। केयर एंड क्योर पेट क्लीनिक की डॉ. स्मृति देसाई कहती हैं कि यही वह समय है जब हमें अपने प्यारे पेट्स की स्वच्छता का ख्याल रखना चाहिए। बरसात में इन्हें वॉटर बॉर्न डिजीज, पोडोडर्माटाइटिस और कान के संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इनमें से ज्यादातर बीमारियां दूषित पानी और हाई ह्युमिडी के कारण होती हैं। बरसात के मौसम में अपने पालतू जानवरों को खुश और स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर ने कुछ टिप्स बताए हैं।
वेटरनरी डॉक्टर के अनुसार, बरसात के दिनों में पेट्स को ज्यादा देखरेख की जरूरत होती है। इस मौसम में उन्हें एलर्जी, शुष्क त्वचा, खुजली वाली त्वचा, संक्रमण, उल्टी, दस्त जैसी स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए, अगर आपके घर में पेट्स है, तो आपकी जिम्मेदारी है कि इस दौरान उनकी अतिरिक्त देखभाल करें ताकि वे सुरक्षित और स्वस्थ रहें।
अगर आप अपने पेट्स को रोजाना सैर पर ले जाते हैं, तो इससे पहले और बाद में उनके बालों को तौलिया से थपथपाकर सुखाना चाहिए। वरना जल्द ही वह फंगल और बैक्टीरियल स्किन इंफेक्शन की चपेट में आ जाएगा। इस मौसम में इंफेक्शन से बचने के लिए एंटी फंगल पाउडर बेस्ट है। बरसात के मौसम में डॉग को रेनकोट पहनाकर बाहर ले जाना भी अच्छा विकल्प है।
अगर ये आपके पालतू जानवर यानी डॉग के लिए पहला मानसून है, तो उसके पंजों का खास ख्याल रखें। न चाहते हुए भी उनके पंजे जमीन के संपर्क में आते हैं, इसलिए गंदगी और रोग पैदा करने वाले वायरस, बैक्टीरिया उन्हें बहुत जल्दी अपना शिकार बना लेते हैं। ऐसे में आप अपने कुत्ते को शूज पहना सकते हैं और अगर नहीं, तो बाहर से आने के बाद उनके पंजों को गर्म पानी से धोएं और मुलायम तौलिया से साफ करें।
मानसून में इंसानों की तरह पेट्स को भी हेल्दी डाइट की जरूरत होती है। इस दौरान उन्हें फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां देनी चाहिए। इससे मल त्याग में आसानी होती है। इस मौसम में उन्हें बाहर टहलाने के बजाय इंडोर एक्सरसाइज करा सकते हैं। मोटापे जैसी समस्याओं से बचने के लिए ध्यान रखें कि उसके भोजन की मात्रा और एक्टिविटी लेवल समान हो।
इन दिनों अपने डॉग को फिल्टर किया या उबला हुआ पानी पीने के लिए दें। इस तरह आप आसानी से अपने कुत्ते को पेट से जुड़ी बीमारियों से बच सकते हैं।
बेवजह की बीमारियों से बचने के लिए अपने कुत्ते को ताजा भोजन देना चाहिए। इसके अलावा बारिश के मौसम में उसके पानी के कटोरे को भी साफ करते रहना जरूरी है।
डॉक्टर बताती हैं कि इस मौसम में पेट्स के कानों में नमी बढ़ जाती है। कान के संक्रमण से बचने के लिए कानों को सूखा रखना बहुत जरूरी है। ध्यान रखें जिन पेट्स के कान लंबे और बंद होते हैं, उनमें संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है।
गर्म और आर्द्र मौसम के चलते टिक और पिस्सू की आबादी बढ़ जाती है। ये खतरनाक परजीवी कुत्तों में कई गंभीर बीमारियां फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए, अपने कुत्ते के सोने वाली जगह को साफ रखें, ताकि पिस्सू, मच्छर और अन्य कीड़े उनके आसपास न भटकें। खासतौर से इनका बिस्तर सूखा रखें और इसे नियमित रूप से बदलते रहें। टिक स्प्रे और पाउडर कीटों को दूर रखने का प्रभावी तरीका है।
मानसून के साथ कृमि संबंधी बीमारियों और श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। कृमि को सामान्य बोलचाल की भाषा में पेट का कीड़ा कहा जाता है। इसलिए बरसात शुरू होने से पहले अपने पेट को मेडिसिन जरूर दिलवाएं और वैक्सीन लगवाएं।
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