क्‍या होती है Mom Anxiety Raj Express
पेरेंटिंग एंड मदरहुड

क्‍या होती है Mom Anxiety, जानें इसके लक्षण और उबरने के उपाय

Deepti Gupta

हाइलाइट्स :

  • पहली बार मां बनने पर होती है मॉम एंग्‍जाइटी।

  • हर पल बच्‍चे के बारे में सोचने से होती है यह परेशानी।

  • बच्‍चे की केयर से हटकर खुद पर ध्‍यान दें।

  • सोशल नेटवर्क बढ़ाएं।

राज एक्सप्रेस। मां बनना एक सुखद अनुभव है। लेकिन यह अपने साथ कई सारी चुनौतियां लेकर आता है। अगर आपके बच्‍चे हैं, तो शायद आप एक मां की चिंता से अच्‍छी तरह से परीचित होंगी। हालांकि, एक मां के रूप में बच्‍चे की चिंता करना एकदम सामान्‍य है। लेकिन जब यह चिंता लगातार बनी रहे, तो इससे शारीरिक ही नहीं मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य भी खराब होता है। इस स्थिति को मॉम एंग्जाइटी कहते हैं। एंजाइटी कोच और थैरेपिस्ट कैरी हॉवर्ड इंस्टाग्राम पर एक पोस्‍ट शेयर करते हुए कहती हैं कि अगर आप मॉम एंग्‍जाइटी के कारण मदरहुड का आनंद नहीं ले पा रही हैं, तो आप अकेली नहीं हैं। पहली बार मां बनने वाली ज्‍यादातर महिलाएं मॉम एंग्‍जाइटी का सामना करती हैं। लेकिन इससे उबरने के लिए आपको अपनी इमोशनल और मेंटल हेल्‍थ का बहुत ख्‍याल रखना होगा। यहां मॉम एंग्‍जाइटी के लक्षण और इससे उबरे के तरीके बताए गए हैं, जो पहली बार मां बनने पर आपकी मदद करेंगे।

मॉम एंग्जाइटी के लक्षण

  • बच्‍चे की भलाई के बारे में चिंता करते रहना।

  • लगातार सोचना कि क्‍या तुम एक अच्छी मां हो।

  • नींद न आने की समस्‍या।

  • निराशाजनक महसूस करना।

  • पेट में बेचैनी और घबराहट होना।

मॉम एंग्जायटी से कैसे निपटें

खुद की देखभाल करें

बच्‍चे का पालन पोषण करना अच्‍छी बात है। लेकिन हर वक्‍त इसमें खोए रहना अच्‍छी आदत नहीं है। खुद के लिए भी थोड़ा समय निकालें। इससे बॉडी को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी और आप बच्‍चे की भी अच्‍छे से देखभाल कर पाएंगी।

ज्‍यादा न सोचें

कुछ माएं अपने बच्‍चे के बारे में जरूरत से ज्‍यादा सोचती हैं। भविष्य में क्‍या होगा, कैसे होगा सोचना छोड़ दें। वर्तमान में जिएं और एक एक कर चुनौतियों का सामना करें।

सांस लें

मॉम एंग्जाइटी की फीलिंग आपकी मेंटल हेल्‍थ को खराब कर सकती है। ऐसा महसूस होने पर गहरी सांस लें और ध्‍यान का अभ्‍यास करें।

छोटे ब्रेक लें

घर में बच्‍चों के साथ होने पर आपको तनाव है, तो दिनभर में काम से छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहें। बहुत रिलेक्‍स मिलेगा।

सोशल नेटवर्क को मजबूत बनाएं

ऑफिस ऑन वुमन हेल्‍थ के अनुसार, महिलाओं में एंग्‍जाइटी डिसऑर्डर होने की संभावना पुरुषों की तुलना में दोगुनी से ज्‍यादा होती है। जब चिंता कम करने की बात आती है तो,आपको अन्‍य मांओं से जुड़ना चाहिए। यह तरीका आपकी एंग्जाइटी को कम करने में मदद करेगा।

मदद लें

जब कोई भी उपाय काम न करें, तो प्रोफेशनल से हेल्प लेना ही बेहतर विकल्‍प है। वे आपकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए मां की चिंता से निपटने का तरीका जरूर बताएंगे।

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