बच्‍चों को दिखाना चाहते हैं सेफ मूवीज, तो फॉलो करें ये गाइडलाइन्स Raj Express
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बच्‍चों को दिखाना चाहते हैं सेफ मूवीज, तो जरूर फॉलो करें ये गाइडलाइन्स

मूवीज फैमिली रिलैक्सेशन, मेलजोल और अच्छी बातचीत के लिए माहौल बना सकती हैं, लेकिन कभी-कभी ये बच्‍चाें के लिए नुकसानदायक हैं। बच्‍चों को मूवी दिखाने ले जाने से पहले कुछ बातों पर जरूर ध्‍यान देना चाहिए।

Deepti Gupta

हाइलाइट्स :

  • बच्‍चाें को मूवी दिखाने से पहले फॉलो करें गाइडलाइन।

  • बच्‍चाें के हिसाब से मूवी का सिलेक्‍शन करें।

  • थिएटर के बजाय घर में दिखाएं मूवी।

  • मूवी के बीच में बच्‍चों को प्रश्‍न पूछने के लिए करें मोटिवेट।

राज एक्सप्रेस। दोस्‍तों के साथ मूवीज देखने का अपना ही मजा है। शादी के बाद पार्टनर के साथ मूवी प्‍लान करना किसी डेट से कम नहीं होता। दिक्‍कत तो आती है न्‍यू पैरेंट बनने के बाद। पहले जहां मूवी देखने जाने से पहले आप इसका ट्रेलर और हीरो हीरोइन के बारे में सोचते थे, बेबी होने के बाद काफी चीजें पहले सोचनी पड़ती हैं। मन में कई सवाल आते हैं। जैसे थिएटर में इसे मूवी दिखाना सही है या नहीं । बच्‍चों को मूवी दिखाने की सही उम्र क्‍या है। अगर आप भी ऐसे पैरेंट हैं, जिनके मन में ये सब सवाल आते हैं, तो इस आर्टिकल के जरिए आपकी सारी प्रॉब्लम सॉल्‍व हो जाएगी। यहां बच्‍चों को सुरक्षित तरह से मूवी दिखाने के संबंध में गाइडलाइन दी गई है। बच्‍चों को मूवी दिखाने की सोच रहे हैं, तो पहले इसे फॉलो जरूर कर लीजिए।

पहले सभी फिल्मों की प्री-स्क्रीन करें

आपका बच्‍चा जो फिल्‍म देखना चाहता है, पहले आप खुद उस मूवी को देख लें। जब आप पूरी तरह से संतुष्‍ट हों, कि वह फिल्‍म उसके लिए बेस्‍ट है और उसमें कुछ भी गलत नहीं है, तो आप उसे अपने साथ मूवी दिखाने ले जा सकते हैं।

सही मूवी का चुनाव करें

अगर बच्‍चों के साथ मूवी देखने जा रहे हैं, तो मूवी का सिलेक्‍शन बहुत सोच समझकर करना चाहिए। छोटे बच्‍चों के साथ एनिमेटेड मूवी देखना अच्छा ऑप्शन है। मूवी ऐसी हो, जो बच्‍चों के हिसाब से बहुत ज्‍यादा लंबी न हों। इसके अलावा ऐसी मूवी देखने न जाएं, जिसमें बोल्‍ड और डरावने सीन हों।

थिएटर के बजाय घर में फिल्‍म दिखाएं

अगर बच्‍चा बहुत छोटा है, तो उसे मूवी ले जाने से बचें। लेकिन अगर आपका 4 से 7 साल की उम्र का है, तो थिएटर जाने के बजाय घर में ही मूवी देखने के लिए मनाएं। दरअसल, छोटी स्‍क्रीन पर कुछ एक्‍शन सीन को सहन करना आसान होता है। हम अपने हिसाब से वॉइस भी कम कर सकते हैं। अगर जरूरी हो, तो आप सीन को स्किप भी कर सकते हैं। इस दौरान आपका बच्‍चा आपसे लिपटने में सहज महसूस करेगा। जब‍कि थिएटर में वह आपकी प्रतिक्रिया और आश्वासन को सुन नहीं सकेगा।

किसी एक्‍शन सीन पर इमोशनल वडर्स का यूज करें

कई बार मूवी में ऐसा सीन आ जाता है, जब हीरो किसी मुश्किल में फंस जाता है। बच्‍चे उन्हें लेकर बहुत चिंतित हो जाते हैं। इस दौरान फिल्‍म रोक दें और भावनात्मक शब्दों का उपयोग करके बच्‍चों को सरल भाषा में इस बारे में बताएं।

प्रश्‍न पूछने के लिए प्रोत्साहित करें

बच्‍चा अगर आपके साथ मूवी देख रहा है, तो उसे बीच-बीच में प्रश्‍न पूछने के लिए प्रोत्साहित करते रहना चाहिए। कोशिश करें, जब तक की उसकी जिज्ञासा शांत न हो जाए, वह प्रश्‍न पूछता रहे। इससे आपको समझ आएगा कि वह फिल्म देखने में कितनी दिलचस्‍पी ले रहा है।

अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने बच्चों और अडल्‍ट के लिए स्क्रीन टाइम की गाइडलाइन की एक लिस्‍ट पोस्‍ट की है।

  • दो वर्ष और उससे कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार की स्क्रीन नहीं दिखाई जानी चाहिए।

  • बच्चा अगर दो वर्ष से ज्‍यादा उम्र का है, तो उसे एक से दो घंटे से ज्‍यादा स्‍क्रीन नहीं दिखानी चाहिए।

  • वहीं 3 साल के बच्चों के लिए आपकी देखरेख में छोटे शो देखना सबसे अच्छा है ।

  • चार साल से ज्‍यादा उम्र के बच्चों को वैसी मूवी दिखाएं, जिसमें वह कंफर्टेबल महसूस करें।

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