बात-बात पर धौंस जमाता है आपका बच्‍चा, तो ऐसे लाएं उसमें सुधार Syed Dabeer Hussain - RE
पेरेंटिंग एंड मदरहुड

बात-बात पर धौंस जमाता है आपका बच्‍चा, तो ऐसे लाएं उसमें सुधार

अगर आपका बच्‍चा दादागिरी के मामले में खूब शातिर हो गया है, तो यह आपके लिए चिंता की बात है। यहां कुछ टिप्‍स दिए गए हैं, जो आपके बिगड़े हुए बच्‍चे को लाइन पर ला सकते हैं।

Deepti Gupta

हाइलाइट्स :

  • आक्रामक स्‍वभाव वाले बच्‍चे डराते धमकाते हैं।

  • दूसरों से ज्‍यादा खुद को तंग करते हैं ये बच्‍चे।

  • बच्‍चों के इस स्‍वभाव को न करें इग्‍नोर।

  • बच्‍चाें की सोशल लाइफ के बारे में जानना जरूरी।

राज एक्सप्रेस। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर बैंगलुरू के एक प्री स्‍कूल का वीडियो वायरल हुआ था। दो मिनट के इस वीडियो में सामने आया कि एक बच्‍चा दूसरे बच्‍चे को बेरहमी के साथ पीट रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद यूजर्स ने बच्‍चे और उसके पैरेंट़स की मानसिक जांच कराने की सलाह दी है। इतना ही नहीं, देशभर के पैरेंट्स ने इस वीडियो को देखने के बाद भयंकर आक्रोश जताया है। इस वीडियो को देखने के बाद कई लोग माता-पिता को दोष देते हैं, तो कुछ स्‍कूलों को। देखा जाए, तो किसी भी बच्‍चे का गुंडागर्दी वाला व्‍यवहार दूसरों के लिए खतरनाक होता है। इस स्‍वभाव के साथ बच्‍चा दूसरे बच्‍चों को डरा धमकाने के साथ शारीरिक रूप से मारपीट भी कर सकता है। अक्‍सर ऐसे बच्‍चे घर में शांत होते हैं, लेकिन बाहर दादागिरी दिखाते हैं। अगर आपका बच्‍चा दूसरों पर धौंस जमाता है, तो यहां बताए गए तरीकों से आप उसमें सुधार ला सकते हैं। लेकिन इससे पहले जानते हैं कि बच्‍चे ऐसा करते क्‍यों हैं।

स्‍कूल में बच्‍चे दादागिरी क्‍यों करते हैं

कुछ बच्‍चों में बचपन से ही दादागिरी दिखाने की प्रवृत्ति होती है। इसे अंग्रेजी में बुली करना कहते हैं। आम भाषा में इसे धौंस जमाना भी कहा जाता है। सवाल यह है इन बच्चों में ऐसी प्रवृत्ति कहां से पैदा होती है।

साइकोलॉजिस्ट अदिति सक्सेना का कहना है कि जिन बच्‍चों का स्‍वभाव बहुत आक्रामक होता है वे अक्‍सर ऐसा करते हैं। उनके इस तरह के स्‍वभाव में घर और दोस्‍तों संगति अहम भूमिका निभाती है। ये ज्‍यादातर ऐसे बच्‍चे होते हैं, जिनके पैरेंट्स उन पर ध्‍यान नहीं देते। इसके अलावा जो बच्चे अपने घर में हिंसा का माहौल देखते हैं, वे भी दूसरों पर अपनी धौंस जमाना शुरू कर देते हैं, ताकि सब उनसे डरें। आजकल सोशल मीडिया पर दिखाया जाने वाला कंटेंट भी उनके इस तरह के स्‍वभाव के लिए जिम्‍मेदार है।

खुद मानसिक तनाव से गुजरते हैं ऐसे बच्‍चे

एक रिसर्च बताती है कि दूसरों को डराने धमकाने वाले बच्‍चे आगे चलकर खुद मानसिक तनाव का सामना करते हैं। सुनकर हैरत नहीं होनी चाहिए कि ऐस बच्‍चे बड़े होकर यौन उत्‍पीड़न जैसी घटनाओं में शामिल हो जाते हैं। जो बच्‍चे स्‍कूल में बुली करते हैं, वे पेशा भी ऐसा ही चुनते हैं, जहां उनका इस तरह का बर्ताव काम आ सके।

बुली करने वाले बच्‍चों में सुधार लाने के तरीके

इमोशनल लैंग्‍वेज सिखाएं

कम उम्र में ही बच्‍चों को सिखाना शुरू करें, कि हम सभी के भीतर इमोशन्‍स होते हैं। इनके साथ खेलना आपको दोषी बनाता है। इससे बच्‍चे को पता चलेगा कि किससे कैसे बात करना है और ऐसी हरकतों से दूसरों को कैसा महसूस होता है।

लगाएं पाबंदी

अपने बच्‍चे की गुंडागर्दी को गंभीरता से लें। अगर आपको ऐसा लग रहा है कि बच्चा बात-बात पर धौंस देने लगा है, तो सबसे पहले उसके सभी चीजों पर पाबंदी लगा दें। जैसे कि अगर बच्‍चा फोन, टेक्‍स्‍ट मैसेज या सोशल मीडिया के जरिए दूसरों को धमकता है, तो कुछ समय के लिए उससे फोन या कंप्‍यूटर छीन लें।

बच्‍चे की सोशल लाइफ के बारे में जानें

स्‍कूल में आपका बच्‍चा कैसा व्‍यवहार करता है,टीचर से पूछते रहें। अगर आपको पता चलता है कि बच्‍चा दादागिरी दिखाता है, तो आपको उसके दोस्‍तों, टीचर्स, प्रिंसिपल से इस बारे में बात करनी चाहिए। बच्‍चे से भी उन लोगों के बारे में जानकारी लें, जिनके साथ वो ज्यादा वक्‍त बिताता है। कोशिश करें, कि बच्‍चा स्‍कूल के बाहर कोई दूसरी एक्टिविटी जॉइन करें, ताकि उसे नए दोस्‍त बनाने का मौका मिले।

कारण जानें

कोई भी फैसला लेने से पहले बच्‍चा बुलिंग क्‍यों कर रहा है, इसका कारण जानें। क्या वे स्कूल में असुरक्षित महसूस कर रहा है ? क्या उन्‍हें पर्सनली किसी बच्‍चे से परेशानी है या फिर किसी के दबाव में आकर वह ऐसा कर रहा है। अगर आपको यह समझने में परेशानी हो रही है, तो आप स्‍कूल काउंसलर की हेल्‍प ले सकते हैं।

माफी मांगने के लिए कहें

अगर आपको पता चलता है कि आपका बच्‍चा स्‍कूल में गुंडागर्दी दिखाता है, तो उसे सजा जरूर दें। अपने बच्‍चे को दूसरे साथियों से मांफी मांगी के लिए कहें। ऐसे स्‍वभाव के बच्‍चों को माफी मांगने में बहुत शर्म आती है, इसलिए वे अगली किसी को डराने धमकाने से पहले कई बार सोचेंगे।

ध्‍यान रखें ये बातें

पैरेंटस को जब पता चले कि उनका बच्‍चा स्‍कूल में अपनी धौंस जमाता है, तो यह उनके लिए बहुत चिंताजनक और हैरान करने वाली स्थिति होती है। ऐसे में बहुत जल्‍दी रिएक्‍ट न करें, इन बातों पर ध्‍यान जरूर दें।

  • शांत रहें और समाधान पर ध्‍यान दें।

  • बच्‍चे को समझाएं कि बदमाशी कहीं भी स्‍वीकार नहीं की जाएगी।

  • पूछें कि क्‍या उसे घर या स्‍कूल में कोई चीज परेशान कर रही है।

  • इसे गंभीरता से लें और स्‍कूल पॉलिसी का सपोर्ट करें।

  • बच्‍चे के लिए नए नियम बनाएं।

  • बच्‍चे की हरकतों पर नजर बनाए रखें।

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