दर्द में है बच्‍चा तो, इन 5 संकेतों पर करें गौर Syed Dabeer Hussain - RE
पेरेंटिंग एंड मदरहुड

दर्द में है बच्‍चा तो, इन 5 संकेतों पर करें गौर

Deepti Gupta

हाइलाइट्स :

  • बड़ो की तरह बच्‍चों को भी होता है दर्द।

  • बच्‍चों में दर्द की पहचान करना होता है मुश्किल।

  • बच्‍चा दर्द वाले हिस्‍से को लगातार पकड़ता है, तो उसे दर्द है।

  • लगातार रोना शरीर के किसी हिस्‍से में दर्द होने का संकेत है।

राज एक्सप्रेस। छोटे बच्‍चे अक्‍सर पेट, कान, सिर, पैर में दर्द की शिकायत करते हैं। लेकिन पेरेंट्स उनके दर्द को समझ नहीं पाते। खासतौर से बच्‍चा अगर 5 साल से छोटा है, तो हर माता-पिता के लिए बच्‍चे के शरीर में होने वाले दर्द को समझना काफी मुश्किल होता है। कई माता-पिता को लगता है कि वह बहाने बना रहा है। इसलिए उसके दर्द को इग्नोर कर दिया जाता है।

कुछ तरह के दर्द तो देखने समझने में आसान होते हैं, जबकि कुछ तरह के दर्द दिखते नहीं हैं। इसलिए बच्‍चे खुद भी इसे ठीक से व्यक्त कर नहीं पाते, कि असल में यह कैसा दर्द है। अगर आपका बच्‍चा भी छोटा है और कभी पेट तो कभी कान की ओर इशारा करता है, तो आपको ध्‍यान देना चाहिए। यहां दिए गए संकेतों से आपको समझने में आसानी होगी कि बच्‍चा वास्‍तव में दर्द से जूझ रहा है।

लगातार रोने लगे

बच्‍चा अगर लगातार रो रहा है, तो संभव है कि उसे कहीं दर्द हो रहा हो। इसके अलावा जब आप दर्द से पीड़ित बच्चे को छूते हैं, तो वह दूर हो सकता है या चिल्ला सकता है।

दर्द वाले हिस्‍से को पकड़ता है

अगर बच्‍चा शरीर के किसी अंग को पकड़ते हुए रोता है, तो इसका मतलब है कि उसे उस हिस्‍से में दर्द हो रहा है। इसमें उसके शरीर का वो हिस्सा हिलना डुलना बंद कर देगा।

पसीना आना

अगर बच्‍चे को बुखार है और बहुत पसीना आ रहा है। सास और दिल की धड़कन तेज होने लगे, तो यह इस बात की ओर इशारा करता है कि बच्चा दर्द में है।

शांत रहे

बच्‍चे शांत और उदास कभी नहीं रहते। लेकिन अगर ऐसा हो, तो यह बच्‍चों के शरीर के किसी हिस्से मे दर्द का संकेत है। अगर बच्‍चा खाने या खेलने से मना कर दे, तो आपको तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए।

कान पर हाथ रखे

अगर बच्चा शोर से बचने के लिए कान पर हाथ रखता है, तो इसका मतलब है कि वह आपको बताने की कोशिश कर रहा है कि उसे दर्द है।

बच्‍चों से दर्द के बारे में कैसे बात करें

  • सबसे पहले पूछें कि दर्द कहां हो रहा है।

  • उनसे पूछें कि दर्द हल्‍का है या तेज है।

  • गुड़िया पर उस ओर इशारा करें, जहां उसे दर्द होता है।

  • शरीर के उस हिस्‍से पर हाथ रखकर पूछे कि क्‍या यहां दर्द हो रहा है। उसके चेहरे का रिएक्शन देखकर आपको समझ आ जाएगा कि वह सच बोल रहा है या नहीं।

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