बच्चे के बेहतर विकास के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है।
नींद की कमी बच्चे के स्वभाव को प्रभावित करती है।
सोने से पहले बच्चे को स्क्रीन से दूर रखें।
बच्चों को दिन में सोने की इजाजत न दें।
राज एक्सप्रेस। अच्छी नींद बच्चों के विकास के लिए जरूरी है। इससे न केवल वे बेहतर व्यवहार करते हैं, बल्कि उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है। इसका मतलब है कि इनके बीमार होने की संभावना भी कम होती है। जबकि नींद की कमी बच्चों का ध्यान भटकाने और सीखने की क्षमता को प्रभावित करती है। वर्तमान समय में ज्यादातर पैरेंट अपने बच्चों की नींद को लेकर परेशान हैं। बच्चों में अपर्याप्त नींद स्कूल में लो परफॉर्मेंस और उनमें बढ़ रहे चिड़चिड़ेपन का कारण बन रही है।
जिन परिवारों में लोग देर रात तक जागते हैं, वे बच्चे अक्सर अच्छी नींद नहीं ले पाते, वहीं फैमिली में लेट नाइट खाने की आदतें भी बच्चे की नींद पर असर डालती हैं। वजह जो भी हो, आपको चाहिए कि अपने बच्चे में स्लीपिंग हैबिट डेवलप करें। यहां कुछ तरीके बताए गए हैं, जो बच्चे में हेल्दी स्लीपिंग पैटर्न विकसित करने में आपकी काफी मदद करेंगे।
अच्छी नींद के बीच सबसे बड़ी रुकावट बन रहे हैं गैजेट्स। सोने जाने से पहले बच्चों को इनका उपयोग बंद कर देना चाहिए। क्योंकि घंटों तक स्क्रीन देखने से दिमाग उत्तेजित होता है, जिससे काफी देर तक नींद नहीं आती। ऐसे में आप कितनी भी कोशिश कर लें, बच्चा नहीं सोएगा। कई स्टडी के मुताबिक स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट की वजह से बॉडी स्लीप हार्मोन मेलाटोनिन देर से रिलीज होता है, जिससे जल्दी नींद नहीं आती। सबसे अच्छा तरीका है कि जिस कमरे में बच्चे सोते हैं, वहां टीवी या लैपटॉप जैसे गैजेट ना रखें।
सोने के समय का रूटीन न केवल बच्चों के लिए आरामदायक होता है, बल्कि यह उनके मस्तिष्क के विकास के लिए भी जरूरी है। एक ही समय पर सोने और जगाने से बच्चों को उसी समय सोने की आदत हो जाती है और वे भरपूर नींद ले सकते हैं।
बच्चों को नींद लेने से पहले उन्हें रिलेक्स करने की कोशिश करें। बच्चे दिनभर अपने स्कूल, ट्यूशन और खेल में व्यस्त रहते हें। इस तरह की एक्टिविटी उनमें नींद न आने की समस्या बढ़ा सकती हैं। इसलिए बिस्तर पर जाने से पहले पहले उन्हें थोड़ा सा फ्री टाइम दें, ताकि वे इन सब चीजों से दूर दिमाग को शांत कर बेहतर नींद ले सकें।
माता-पिता को अपने बच्चों को सोने से पहले हेल्दी ईटिंग की आदतें सिखानी चाहिए। बच्चों को सोने से पहले कैफीन और एनर्जी ड्रिंक देने से बचें। इससे उनकी नींद उड़ सकती है। इसके अलावा, सोने से पहले बहुत ज्यादा पानी पीने से भी नींद डिस्टर्ब हो सकती है।
गैजेट्स की तरह बेडरूम में बहुत सारे खिलौने और किताबें हों, तो ये बच्चों को एक्टिव रखने के लिए काफी हैं। ये सभी उनकी नींद में रुकावट पैदा करती हैं, जिससे बच्चों को सोने में दिक्कत आती है। कोशिश करें, कि बच्चों के कमरों में इन चीजों को किसी बंद अलमारी में रखें, ताकि बच्चों की नजर सीधे इन पर न पड़े।
हालांकि, बच्चों को रात में बहुत ज्यादा हैवी डिनर नहीं करना चाहिए, लेकिन उन्हें भूखे पेट सुलाना भी गलत है। बच्चा अगर भूख के कारण नहीं सो पा रहा, तो उसे हल्का फुल्का नाश्ता कराएं। इससे उसका पेट भरा रहेगा और नींद भी जल्दी आएगी।
बच्चों में दिन में सोने की आदत आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है। क्योंकि दिन के दौरान झपकी लेने से बच्चों के लिए रात में सोना मुश्किल हो सकता है। अगर बच्चा सोने की जिद्द करे, तो 30 मिनट से ज्यादा नहीं सोने देना चाहिए।
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