परीक्षा के दिनों में तनाव बढ़ाता है जंक फूड।
अनहेल्दी नींद और पेट दोनों खराब करता है।
पोषक तत्वों की कमी से याद करने की क्षमता होती है कमजोर।
प्रोटीन से भरपूर फूड खाएं और खूब पानी पिएं।
राज एक्सप्रेस। भारत के लगभग स्भी स्कूलाें में एग्जाम शुरू होने वाले हैं। इन दिनों में हर बच्चा तनाव से जूझता है। बच्चों को इस समय बेहतर तैयारी के साथ प्रतिस्पर्धा से गुजरना पड़ता है, जिससे तनाव का स्तर बढ़ जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप जो खाना खाते हैं उसका असर आपके स्ट्रेस लेवल पर भी पड़ता है। एक स्टडी के अनुसार, जिस डाइट में फास्ट फूड और जंक फूड की हिस्सेदारी ज्यादा हो, वह परीक्षा के दौरान बच्चों को तनाव दे सकता है। रिसर्चर्स के अनुसार, एकेडमिक और मेंटल परफॉर्मेंस के लिए हेल्दी डाइट बेहद जरूरी है। WHO हर दिन 400 ग्राम फल और सब्जी का सेवन करने की सलाह देता है। तो आइए जानते हैं तनाव और परीक्षा के दौरान खाए जाने वाले जंक फूड के बीच आखिर क्या संबंध है और कैसे इन दिनों में खुद को अनहेल्दी फूड से दूर रख सकते हैं।
परीक्षा के दिनों में बच्चों के दिमाग में पढ़ाई को लेकर टेंशन रहती है। समय का अभाव भी होता है। इसलिए बच्चे कोई ऐसा फूड नहीं खाना चाहते, जिससे उनका समय जरा भी बबार्द हो। यह सही है कि प्रॉपर खाना खाने के लिए कम से कम व्यक्ति को 15-20 मिनट का समय चाहिए होता है, जो बच्चे नहीं निकाल पाते। जबकि जंक और फास्ट फूड जैसी चीजें न केवल उनके मूड को बूस्ट करती हैं, बल्कि उनका समय भी बचाती हैं। क्योंकि वे इन्हें चलते-फिरते खा सकते हैं। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट के अनुसार, इन दिनों बच्चों को हेल्दी फूड लेने में परेशानी होती है। वे इन दिनों अनहेल्दी इटिंग हैबिट डेवलप कर लेते हैं, जिससे नींद और पेट दोनों खराब होते हैं, जो तनाव का मुख्य कारण है।
मध्यप्रदेश की इरहोन फाउंडेशन की डायरेक्टर व न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ.ज्योत्सना श्रीवास्तव बताती हैं कि जो बच्चे परीक्षा के दिनों में स्नैक्स का सेवन ज्यादा करते हैं, वे हाई स्ट्रेस लेवल से गुजरते हैं। क्योंकि ये चीजें हार्मोन इंबैलेंस को बढ़ावा देती हैं, जिससे स्ट्रेस लेवल बढ़ता है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि माता-पिता को कभी भी अपने बच्चों को फास्ट फूड नहीं खिलाना चाहिए, लेकिन हमारा सुझाव है कि फास्ट फूड की खपत को जितना संभव हो उतना सीमित किया जाना चाहिए।
चिप्स, केक, बिस्कुट, चॉकलेट और शुगरी ड्रिंक्स में पोषक तत्वों की कमी होती है। शुगरी ड्रिंक्स में केवल बहुत सारी चीनी, सैचुरेटेड फैट और नमक मिलाया जाता है। इसके अलावा जंक फूूड में आयरन जैसे पोषक तत्व भी बहुत कम मात्रा में होते हैं। जिसके लगातार सेवन से किसी चीज को लंबे वक्त तक याद रखने में परेशानी होती है। साथ ही लर्निंग पॉवर भी कमजोर हो जाती है।
परीक्षा के दौरान जंक फूड के सेवन को कम करने के लिए नेशनल न्यूट्रिशन एडवाइजर लिली हैंडरसन ने कुछ तरीके बताए हैं।
आप अपने बैग या फ्रीज में फल, दही, मेवे या फिर पनीर रख सकते हैं। ताकि व्यस्त दिनचर्या में कभी भी इन्हें खा सकें। इससे आप जंक या फास्ट फूड खाने से बच जाएंगे।
ट्यूशन, स्कूल या घर पर पढ़ाई करते वक्त पानी की बोतल हमेशा अपने साथ रखना चाहिए। खासतौर से ये हमेशा भरी होनी चाहिए। जब भी प्यास लगे, तो फ्रूट जूस, स्पोर्ट्स ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक के बजाय पानी पिएं। अगर मुंह का टेस्ट बदलना चाहते हैं, तो पानी में पुदीना और नींबू मिलाकर पी सकते हैं।
एग्जाम डेज में प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाना अच्छा होता है। इन दिनों में फली, मछली, नट्स, पनीर, अंडे, दही और दूध का सेवन जितना ज्यादा करेंगे, तो पेट लंबे समय तक भरा रहेगा और जंक फूड खाने की इच्छा में भी कमी आएगी।
सुबह किए गए हेल्दी फूड का सेवन आपको दिनभर फ्रेश और हेल्दी रखता है। परीक्षा की तैयारी के दौरान खुद को संतुष्ट रखने के लिए दलिया, ऑमलेट, बेक्ड बीन्स, स्मूदी, साबुत अनाज टोस्ट पर पीनट बटर या दही और फल का सेवन करना जरूरी है। अगर आप जल्दी में हैं, तो चलते-फिरते केला या होल व्हीट टोस्ट खाना अच्छा ऑप्शन है।
परीक्षा के दिनों में जंक फूड से परहेज करने से न केवल आपके पैसे बचेंगे बल्कि आप पहले से ज्यादा ऊर्जावान, खुश और स्वस्थ महसूस कर सकते हैं।
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