पीरियड्स महिलाओं की दूसरी हार्मोनल स्टेज है।
मेंस्ट्रुएशन में लड़कियां ऐंठन, मूड स्विंग, तनाव महसूस करती हैं।
बेटी के फर्स्ट पीरियड में पैरेंट्स रखें उसका ध्यान।
पीरियड्स में हेल्दी फूड लेना और एक्सरसाइज व रिलेक्स करना जरूरी।
राज एक्सप्रेस। पीरियड्स महिलाओं की दूसरी हार्मोनल स्टेज मानी गई है। यह एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है, जिसे मासिक धर्म और महावारी भी कहते हैं। जब एक लड़की यौवन अवस्था में कदम रखती है, तो कई शारीरिक और हार्मोनल बदलाव भी होते हैं और पीरियड़स इन्हीं में से एक है। पीरियड तब होते हैं, जब यूटरस लाइनिंग को बाहर निकालता है। इस दौरान रिलीज होने वाले प्रोस्टाग्लैंडिंस नामक हार्मोन दर्द की वजह बनता है। इस दौरान लड़कियों को ऐंठन, मूड स्विंग, चिड़चिड़ाहट, तनाव महसूस होती है। पीएमएस से लेकर एक सप्ताह तक, उनके पीरियड काफी स्ट्रेसफुल हो सकते हैं।
गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. सीमा गुप्ता बताती हैं कि अगर आपकी बेटी अपने फर्स्ट पीरियड के करीब पहुंच रही है, तो उसे बेसिक बातें बताना बहुत जरूरी है। चूंकि, उसके लिए यह सबकुछ बुहत नया है, इसलिए हो सकता है कि वह अपनी देखभाल ठीक से न कर पाएं। इसलिए बेटी को फर्स्ट पीरियड के दौरान उसकी केयर करना सिखाना होगा। इतना ही नहीं, पैरेंट्स होने के नाते आपको भी उसकी सेहत का उतना ही ख्याल रखना है। यहां बताया जा रहा है कि फर्स्ट पीरियड के दौरान आप अपनी बेटी का ख्याल कैसे रख सकते हैं।
पीरियड के दिनों में कुछ मीठा और और कार्ब्स से भरपूर चीजें खाने की क्रेविंग हो सकती है। लेकिन इससे बचना जरूरी है। क्योंकि , इस तरह के फूड शरीर को और वीक बना देते हैं। बेहतर है कि आप उसे ऐसा भोजन दें जिसमें प्रोटीन और हेल्दी फैट की मात्रा ज्यादा हो। अगर शरीर में आयरन की कमी है, तो आप उसे आयरन रिच फूड भी दे सकते हैं।
फर्स्ट पीरियड में हो सकता है कि एक्सरसाइज करना संभव न हो, लेकिन पीरियड के दिनों में यह तनाव, सूजन और ऐंठन से राहत दे सकती है। बेटी को सिंपल और माइनर एक्सरसाइज करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे दर्द, ऐंठन और सूजन जैसी परेशानियों से ध्यान भटकाने में बहुत हेल्प मिलेगी।
पीरियड्स के दौरान और पहले उसे अच्छी नींद लेने के लिए कहें। यह उन्हें ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करने और हार्मोन को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। सोने से कुछ घंटे पहले गैजेट्स दूर रखें और एक ही समय पर जागने और सोने का टाइम फिक्स करने की कोशिश करें। इससे वह अच्छी गुणवत्ता वाली नींद ले सकती है।
इस उम्र की सभी लड़कियां जंक फूड की दीवानी हैं। लेकिन इन दिनों में इन्हें पोषक तत्वों से भरपूर भोजन देना चाहिए। सही पोषक तत्व पीरियड में होने वाले पीरियड क्रैंप, मूड स्विंग, सिकनेस और स्ट्रेस से राहत दिलाते हैं। मूड को बेहतर बनाने के लिए कुछ डार्क चॉकलेट खाने में कोई हर्ज नहीं है।
चूंकि, यह आपकी बेटी का पहला पीरियड है, तो जाहिर हे उसका ध्यान इसी पर लगा रहेगा। पैरेंट होने के नाते आपको उसका माइंड डाइवर्ट करना होगा। नेल पेंट, पेडीक्योर, पेंटिंग, हेयर स्पा, नोबेल पढ़ने जैसी एक्टिविटीज उनके मूड को रिलेक्स रखने का काम करती हैं। इससे किसी भी लड़की को न केवल बेहतर महसूस होता है बल्कि मूड भी फ्रेश हो जाता है।
पीरियड्स के दौरान हॉट हर्बल टी का सेवन जरूरी है। इससे होने वाली ऐंठन से नेचुरल रिलीफ मिल सकता है। ग्रीन टी, कैमोमाइल टी, जिंजर टी और फेनुग्रीक टी पीरियड के लिए बेस्ट ऑप्शन है। सात दिन तक कोशिश करें कि वे कैफीन का सेवन न करें।
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