दिवाली पर पटाखे फोड़ने की परंपरा है।
पटाखे चलाते वक्त बच्चों की सुरक्षा जरूरी।
बच्चों से हाथ में रखकर पटाखे न चलवाएं।
10 साल से कम उम्र के बच्चों को पटाखे न दें।
राज एक्सप्रेस। दिवाली खुशियों का त्याेहार है। इस दिन पटाखे फोड़ने की परंपरा है। बड़ों से लेकर बच्चे तक सभी इस दिन खूब पटाखे फोड़ते हैं। पटाखे हमेशा बहुत ही सावधानी से फोड़ने चाहिए। जरा सी लापरवाही अपंगता और मौत की वजह बन सकती है। खासतौर से बच्चों के पटाखे फोड़ने को लेकर सतर्कता बरतें। कई बार देखा गया है कि माता-पिता अपने त्योहार में इतना व्यस्त हो जाते हैं, कि बच्चे क्या कर रहे हैं, उस तरफ उनका ध्यान ही नहीं जाता। दिवाली का मतलब सिर्फ दीयों और पटाखों को जलाना नहीं होता,बल्कि इस दौरान बच्सों की सेफ्टी भी बेहद जरूरी है। हम आपको बता रहे हैं कि इस दिवाली आप अपने बच्चों के साथ पटाखे और दीये जलाते समय क्या क्या सावधानी बरत सकते हैं, ताकि बच्चों को कोई चोट न पहुंचे।
अगर बच्चा पहली बार पटाखे जला रहा है, तो उसे हमेशा फुलझड़ी और अनार जैसे पटाखे ही जलवाएं। उसे कभी भी बहुत तेज आवाज करने वाले बम न चलाने दें।
बच्चों के पटाखे चलाते वक्त उनके साथ मौजूद रहें। वह फुलझड़ी चलाएं , तो माता-पिता को हर पल उसके साथ रहना चाहिए। ऐसे में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर बच्चे को तुरंत बचाया जा सकेगा।
बच्चों से पटाखे चलाते वक्त उन्हें कॉटन के कपड़े पहनाकर रखें। क्योंकि सिंथेटिक कपड़े तेजी से आग पकड़ते है, जबकि सूती कपड़े में जल्दी आग पकड़ने का खतरा कम रहता है। इस दौरान बच्चों को ढीले ढाले कपड़े पहनाने की कोशिश करें।
जब भी आप बच्चों से पटाखे छुड़वाएं तो एक फर्स्ट एड बॉक्स अपने पास लाकर रख लें। अगर कोई जल जाता है तो फर्स्ट एड बॉक्स की मदद से उसे तुरंत प्राइमरी ट्रीटमेंट दिया जा सकता है। इसके अलावा जब भी बच्चे पटाखे जलाएं, तो हमेशा एक बड़ी बाल्टी में पानी या रेत भरकर रखें। किसी भी अनहोनी की स्थिति में पानी से भरी बाल्टी काम आती है।
पटाखे जलाते समय हमेशा खुली जगह का चुनाव करें। बच्चे हों या बड़े सभी को खुली जगह पर पटाखे जलाने चाहिए। खासतौर पर अगर बच्चों से पटाखे छुड़ाए जा रहे हों, तो इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि जगह इतनी बड़ी हाे, कि पटाखों में आग लगाने के बाद बच्चे को भागने के लिए जगह मिल जाए।
दीपक ऐसी जगह पर जलाएं, जहां जल्दी आग पकड़ने वाली चीजें पास न रखी हों।
बिजली के तारों के पास दीपक ना लगाएं।
दिये या मोमबत्ती को ऐसी जगह पर रखें, जहां इनका बैलेंस ठीक हो।
घर में छोटे बच्चे हैं, तो दीपक थोड़ी ऊंचाई पर लगाएं जहां उनका हाथ न पहुंच सके।
बच्चों को उम्र के हिसाब से पटाखे दिलवाएं।
जमीन से छूटने वाले पटाखे बच्चों को न दिए जाएं।
बच्चे को बताएं कि पटाखे जलाते समय उसे हाथ में न पकड़ें। इन्हें हमेशा अपने हाथ से दूर रखकर ही चलाएं।
बच्चे के हाथ में माचिस न दें। इससे बेहतर है कि एक मोमबत्ती जलाकर वहां रख दें।
पटाखों के आसपास जल्दी आग पकड़ने वाली कोई चीज न रखें।
कुछ बच्चे पटाखे चलने के बाद इसके अवशेषों को छूने के लिए उत्सुक रहते हैं। बच्चे को ऐसा न करने दें क्योंकि कई बार इनके विस्फोट होने की संभावना रहती है।
बिजली के तारों और पोल्स के पास पटाखे जलाने से बचना चाहिए।
जले हुए पटाखों को डिस्पोज करने से पहले पानी में डालना चाहिए। इससे किसी भी तरह का रिस्क नहीं रहता।
दिवाली का त्योहार आतिशबाजी का आनंद लेने के लिए है, लेकिन आपको अपने बच्चे की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखना चाहिए।
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