भाई बहनों के रूम न शेयर करने की कोई उम्र निर्धारित नहीं है।
एनएसपीसीसी के अनुसार 10 वर्ष से ज्यादा उम्र के भाई बहनों को रूम शेयर नहीं करना चाहिए।
विपरीत लिंग वाले भाई बहनों को 10 साल के बाद देना चाहिए अलग रूम।
बच्चों के व्यवहार के आधार पर रूम शेयर करने के बारे में सोचें।
राज एक्सप्रेस। क्या आप भी दो या तीन बच्चों के पेरेंट्स हैं। आमतौर पर बचपन में सभी बच्चे आपस में खेलते हैं, साथ खाते -पीते हैं ,यहां तक की साथ सोते भी हैं। कहने का मतलब है कि अगर घर में ज्यादा कमरे ना हों, तो आमतौर पर घर के सभी बच्चों को एक रूम ही शेयर करना पड़ता है। यह अच्छी बात है। इससे बच्चे काफी कुछ सीखते भी हैं। बच्चे छोटे हैं, तब तक यह ठीक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस उम्र में बच्चों को रूम शेयर करना बंद कर देना चाहिए। खासतौर से अगर आपके एक लड़का दो लड़की या एक लड़की दो लड़के हैं, तब इस बात पर ज्यादा विचार करने की जरूरत है।
हालांकि एक उम्र के बाद रूम शेयर न करने के कई कारण हैं। जिनमें सबसे पहला है प्राइवेसी और दूसरा है डिस्टर्बेंस। आजकल बच्चे भले ही वह भाई - भाई हो, बहिन- बहिन हों या फिर भाई- बहन एक उम्र के बाद साथ में रूम शेयर नहीं करना चाहते। यहां हम आपको बता रहे हैं कि किस उम्र के बाद भाई बहनों को एक साथ रूम शेयर करना बंद कर देना चाहिए।
हाउसिंग एक्ट 1985 की धारा 325-326 के मुताबिक अगर 10 वर्ष से ज्यादा उम्र के विपरीत लिंग के बच्चे एक कमरे में ही रह रहे हैं, तो एक घर को भीड़भाड़ वाला माना जाता है। कानून यह भी कहता है कि ज्यादा से ज्यादा दो बच्चों को एक कमरा शेयर करना चाहिए। यह ध्यान रखना जरूरी है कि 10 वर्ष से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए एक रूम शेयर करना गैरकानूनी नहीं है। National Society for the Prevention of Cruelty to Children के अनुसार 10 वर्ष की उम्र के बच्चे के पास अपना खुद का रूम होना चाहिए। फिर भले ही वह भाई हो या बहन। विशेषज्ञ मानते हैं कि विपरीत लिंग के 10 साल के ज्यादा उम्र के बच्चों को एक रूम शेयर नहीं करना चाहिए।
* National Society for the Prevention of Cruelty to Children के अनुसार, 0-9 साल तक के दो बच्चे, चाहे उनका लिंग कुछ भी हो, एक रूम शेयर कर सकते हैं।
* 0-15 साल के दो बच्चे एक ही लिंग के होने पर एक रूम शेयर कर कर सकते हैं।
* 16-19 वर्ष की आयु के बच्चों को अपने पर्सनल रूम की जरूरत होती है।
केवल उम्र ही नहीं बल्कि विकास से जुड़े बदलाव भी इस बात का संकेत हैं कि , जो भाई बहन अब तक साथ एक कमरा शेयर करते थे, अब उनके रूम अलग करने का समय आ गया है। हालांकि, माता-पिता को इस बात पर नज़र रखनी चाहिए कि उनके बच्चे विकास की दृष्टि से किस मोड़ पर हैं। बच्चे जैसे-जैसे युवावस्था में पहुंचेंगे , उनके लिए एक कमरा शेयर करना उतना ही कठिन होता जाएगा। बेहतर है उनकी प्राइवेसी और पर्सनल स्पेस की जरूरत का सम्मान करें।
10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए एक रूम शेयर करने के कई फायदे हैं, जैसे-
यह बच्चों को शेयरिंग करना सिखाता है।
भाई बहनों के बीच की बॉन्डिंग स्ट्रांग होती है।
वे कभी खुद को अकेला महसूस नहीं करते।
छोटे भाई-बहन बड़े भाई-बहनों को शोर से परेशान कर सकते हैं।
अलग-अलग रूटीन के कारण भाई-बहन दूसरे की नींद डिस्टर्ब कर सकते हैं।
प्राइवेसी की कमी।
भाई और बहन रूम के लुक को लेकर असहमति जता सकते हैं।
बेहतर है कि पैरेंट़स उम्र नहीं बल्कि बच्चे के व्यवहार के आधार पर रूम अलग करने के बारे में सोचें। एक-दूसरे के साथ उनके व्यवहार पर गौर करें। कभी-कभी उनसे इस बारे में बात करें कि एक कमरा शेयर करके वे कैसा महसूस करते हैं। इस तरह से आप एक ऐसा निर्णय ले सकते हैं, जिससे आप और आपके बच्चे दोनों सहज महसूस करेंगे।
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