राज एक्सप्रेस। ओडिशा के पूरी में हर साल भगवान जगन्नाथ की यात्रा धूमधाम से निकाली जाती है। इस यात्रा का भक्तगण बेसब्री से इंतजार करते हैं और हर साल पूरी में लाखों की तादाद में यात्रा में सम्मिलित होने के लिए पधारते हैं। इस साल भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा निकाली जा रही है। इस रथ यात्रा की खास बात है कि पूरे साल के दौरान भगवान की पूजा मंदिर के गर्भग्रह में होती है लेकिन आषाढ़ माह के दौरान भगवान को रथ यात्रा के द्वारा गुंडिचा मंदिर लाया जाता है। भगवान की अलौकिक यात्रा का साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से भी श्रद्धालु यहाँ आते हैं। चलिए जानते हैं इस रथ यात्रा के बारे में विस्तार से।
हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि गुंडिचा मंदिर भगवान विष्णु की मौसी का घर है। वे हर साल रथ पर सवार होकर आषाढ़ महीने में अपनी मौसी के घर जाते हैं। भगवान विष्णु अपनी मौसी गुंडिचा के घर एक सप्ताह तक रुकते हैं।
मान्यता यह भी है कि मौसी के घर खूब पकवान खाने से उनकी सेहत खराब हो जाती है। जिसके बाद वहीं उनका इलाज किया जाता है और फिर स्वस्थ होने के बाद ही वे अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए आते हैं। इसलिए हर साल इस समय में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को धूमधाम से निकाला जाता है। यह मंदिर हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए पवित्र धामों में से एक है।
हिन्दुओं के लिए भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन श्रद्धालु रथ यात्रा के दौरान निकलने वाले जुलूस में रथ को खींचना पवित्र मानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि रथ को छूने और खींचने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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